छिन्दवाड़ामध्यप्रदेश

99 एकड़ जमीन का व्यापारियों ने मांगा फ्री होल्ड, छिन्दवाड़ा का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है गांधी गंज

शासन के नए नियम से लदा है लीज रेंट का भारी - भरकम बोझ

Metro City Media

मुकुन्द सोनी ♦  छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –

छिन्दवाड़ा शहर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र गांधी गंज में लीज रेंट की नई दर ने यहां के व्यापारियों और वाशिंदों को मुश्किल में डाल दिया है। इस मुश्किल का समाधान आठ साल में भी नही निकल पाया है।।  अब हालात ये है कि क्षेत्र के निवासियों पर आठ साल का लीज रेंट बकाया है।यह रेंट अब इतना हो चला है कि  प्रॉपर्टी  बेचकर रेंट चुकाना पड़  सकता है। नगर निगम  के मुताबिक अकेले इस क्षेत्र में करोड़ो  का लीज रेंट बकाया है।

गांधी गंज क्षेत्र 99 एकड़ क्षेत्रफल में बसा है इस क्षेत्र में दो बड़े व्यावसायिक केंद्र गांधी गंज और शनिचरा बाजार है इसके अलावा धीरे – धीरे पूरा क्षेत्र ही व्यावसायिक हो चला है ।दरअसल यह क्षेत्र लीज की भूमि पर है। यहां लोगो को अंग्रेजो के जमाने मे काफी कम दर पर आवासीय लीज दी गई  थी।बढ़ते शहर की बढ़ती जरूरत में अब यह पूरा क्षेत्र ही आवासीय से व्यावसायिक हो गया है। यहां दुकानों और मकानों के मालिक पहले नजूल को  मात्र 50 पैसा प्रति वर्ग फुट की दर से आवासीय लीज रेंट देते रहे हैं। नजूल ने जमीन के आवासीय से व्यावसायिक उपयोग होने पर भी आवासीय रेंट ही लिया है । यह   निर्धारित लीज रेंट  काफी कम था किसी को  भी लीज रेंट देने में कोई समस्या ही नही थी किन्तु छिन्दवाड़ा नगर पालिका के नगर निगम बन जाने से जमीन की राजस्व वसूली नजूल से नगर निगम को हस्तांरित हो गई है। नगर निगम अब यहां मध्य प्रदेश शासन के अचल संपत्ति अधिनियम 2016 के मुताबिक लीज रेंट , भू  – भाटक सहित अन्य शुल्क की वसूली करेगा जिसको लेकर लीज धारियों को बार – बार नोटिस भी दिए जा रहे हैं ।

इस नियम में अब यहां के लीज धारियों को जमीन की कलेक्टर गाइड लाइन से तय वेल्यू का दो प्रतिशत सालाना लीज रेंट देना होगा। कलेक्टर गाइड लाइन में इस क्षेत्र में जमीन की कीमत सात से दस हजार रुपया प्रति वर्ग फुट तक है।इस आधार पर सालाना लीज रेंट भी लाखों में निकल रहा है।क्षेत्रवासी इस नए नियम में नगर निगम को लीज रेंट देने को तैयार नही है। इस मुद्दे पर  क्षेत्र की राजनीति भी गरमाई रहती हैं।

क्षेत्रवासी लीज रेंट ना देकर अब इस 99 एकड़ जमीन को फ्री होल्ड कराने की मांग पर अड़े है। यह मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,   प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ , सांसद नकुलनाथ, प्रभारी मंत्री कमल पटेल से लेकर नगरीय प्रशासन मंन्त्री भूपेंद्र सिंह के समक्ष रखा जा चुका है। मंत्रियों ने फ्री होल्ड का आस्वासन दिया था किंतु मामला अब भी जहां की तहां ही अटका पड़ा है ना जमीन फ्री होल्ड हो पा रही हैं ना ही नगर निगम को लीज रेंट मिल पा रहा है।

अब विधान सभा चुनाव के  सिर पर आते ही यह मुद्दा फिर गरम हो रहा है।गांधी गंज व्यापारी मण्डल ने जमीन को फ्री होल्ड करने की मांग फिर उठाई है । सरकार अभी समय रहते निर्णय लेकर क्षेत्र वासियो को बड़ी राहत दे सकती है।पिछले आठ साल में यह मामला कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के नेताओ के पास पहुंचा लेकिन क्षेत्र वासियो को नसीब कुछ भी नही हुआ है ना वे जमीन के मालिक बन पाए ना ही लीज रेंट का मसला हल किया गया है।

गांधी गंज व्यापारी मण्डल के पदाधिकारियों ने अब छिन्दवाड़ा में भाजपा की प्रभारी राज्य सभा सांसद कविता पाटीदार के समक्ष अपनी मांग रखते हुए कहा है कि  वर्तमान में छिंदवाड़ा नगर निगम क्षेत्र तथा पूर्व में नगर पालिका ने वर्ष  1913 में शहरी क्षेत्र में वृद्धि के लिए  चारफाटक से सिवनी रोड और  नरसिंहपुर मार्ग क्षेत्र  जिसमें गांधीगंज भी सम्मिलित है में 99  एकड़ भूमि पर लोगो को  जमीन की लीज देकर यह क्षेत्र बसाया था। गांधीगंज में कृषि उपज मंडी भी थी जो अब कुसमेली शिफ्ट हो गई है। यहां  व्यापारियों को आवास के साथ साथ व्यापार के लिये भूखण्ड उपयोग का अधिकार दिया  गया था।  अब इस क्षेत्र में गांधीगंज और  शनिचरा बाजार व्यवसाय से विकसित है साथ ही इस क्षेत्र की 99 एकड़ भूमि में बड़ी संख्या में आबादी निवासरत है। कुछ क्षेत्रों में आर्थिक रूप से मध्यम एवं गरीब वर्ग भी जीविका  उपार्जन के लिए छोटे छोटे व्यवसाय कर रहे है। पूर्व में लीजधारियों व्दारा नगरीय निकाय छिंदवाड़ा को शासन व्दारा निर्धारित शुल्कों का  भुगतान समय –  समय पर किया जाता रहा है। मध्यप्रदेश शासन के  24 फरवरी 2016 को राजपत्र में प्रकाशित म.प्र. नगर पालिका अचल संपत्ति नियम 2016 में नगर निगम के स्वामित्व की भूमि के प्रीमियम एवं लीज रेट एवं अन्य शुल्कों में की गई अत्याधिक बढोत्तरी से  शहर की बड़ी आबादी इससे प्रभावित है। इस नए नियम में क्षेत्र के  साधारण परिवार यह  शुल्क अदा ही नहीं कर पायेंगे। इस अधिनियम के लागू होने के पूर्व जहां लीज आवासीय पर आवंटित भूमि का भू आटक 50 पैसे प्रति वर्गफुट निर्धारित था। इस अधिनियम के आने के बाद भू – भाटक  लगभग 160 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

नये नियम के अनुसार व्यवसायिक उपयोग पर  कलेक्टर गाइड लाइन से तय जमीन की कीमत का दो परसेंट लीज किरााया लगने लगा है। जो अत्यधिक है।  क्षेत्रवासियों को मांग है कि अंग्रेजों आने से चली आ रही लीज व्यवस्था को समाप्त कर क्षेत्र को फ्री होल्ड किया जाये। प्रदेश शासन के  के म.प्र. नगर पालिक  अचल संपत्ति  अंतरण नियम 2016 में संशोधन कराकर बढ़ाई गई दरों को कम करने एवं संशोधित आदेश को पूर्वनिर्णय  वर्ष 2016 से लागू कराया जाए ताकि क्षेत्र वासियो को लीज रेंट के भारी भरकम बोझ से मुक्ति मिल सके और उन्हें जमीन का फ्री होल्ड में पूर्ण स्वामित्व भी मिल सके ।

श्री गांधी गंज व्यापारी मण्डल के अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ,उपाध्यक्ष गोपी नाथानी, शरद पनपालिया ,  सचिव अशोक संचेती,  सह सचिव राजकुमार साहू ,अजय जैन रमेश साहू, नवनीत राठी, अशोक साहू विनोद जैन, संदीप बत्रा सहित व्यापारियों का कहना है कि सरकार उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए फ्री जमीन , बिजली पानी  जैसी सुविधा के साथ टेक्स में भी छूट के साथ नए व्यावसायियो को करोड़ो का लोन और सब्सिडी दे रही है और छिन्दवाड़ा में विकसित हो रहे व्यावसायिक क्षेत्र पर लीजरेंट का भारी – भरकम बोझ लाद रही है। यह छिन्दवाड़ा के व्यवसाय जगत के साथ अन्याय है । क्षेत्र के व्यावसायियो और वाशिंदों का नई दर से लीज रेंट देना असम्भव है इसलिए सरकार जल्द ही इस क्षेत्र के लिए भी नई नीति बनाकर क्षेत्र वासियो को राहत दे । यह क्षेत्र केवल क्षेत्र के ही नही पूरे जिले के हजारो लोगो की रोजी – रोटी का बड़ा  साधन और माध्यम है।


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