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छिन्दवाडा आ सकती हैं देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, अब आदिवासी संग्रहालय का निरीक्षण करने आ रहे केंद्रीय जनजातीय मंत्री उइके

लोक निर्माण विभाग ने अटकाया रोड़ा, 30 करोड़ खर्च के बाद और मांगे 18 करोड़

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♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश –

केंद्र सरकार ने छिन्दवाडा जिला मुख्यालय स्थित बादलभोई आदिवासी संग्रहालय को “राष्टीय संग्रहालय” का दर्जा देने के साथ ही इसके विस्तार के लिए 30 करोड़ का भारी भरकम बजट भी दिया है। इस संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में देश की “महामहिम राष्ट्रपति  द्रोपदी मुर्मु”  का आगमन प्रस्तावित हैं।  दर्जा और बजट दिए करीब पांच साल का समय हो गया है लेकिन छिन्दवाडा का लोक निर्माण विभाग  पांच साल में भी भवन का निर्माण पूरा नही कर पाया है। अब तक यह भवन बनकर तैयार नही हुआ है। जबकि 30 करोड़ का स्वीकृत बजट खर्च हो चुका है।

केंद्रीय जनजातीय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी दो बार इस निर्माणाधीन संग्रहालय का दौरा कर चुके हैं कि संग्रहालय का निर्माण पूरा हो और यह नया संग्रहालय देश की समर्पितं किया जा सके। चूंकि छिन्दवाडा आदिवासी जनजातीय बाहुल्य वाला जिला है। जिले की करीब 39 प्रतिशत आबादी जनजातीय वर्ग की है। इस वजह से केंद्र की मोदी सरकार ने छिन्दवाडा के जनजातीय महत्व को देखते हुए राष्ट्रीय संग्रहालय की यह सौगात दी है।

बताया गया कि भवन निर्माण एजेंसी “पी आई यू” भवन बनाने में ही 30 करोड़ का बजट व्यय कर चुकी है। भवन रीवा की एक कंस्ट्रक्शन कम्पनी बना रही है।कंपनी को निर्माण पूरा करने केवल 18 माह का समय दिया गया था। लेकिन कम्पनी ने बजट कमी होने से भवन का सिविल और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य नही किया है। यह कार्य करीब एक साल से अटका पड़ा है। भवन का नक्शा और एस्टीमेट बनाने वाला भी पी आई यू ही है। टेंडर लगाने वाला भी पी आई यू है।  कंपनी से निर्माण अनुबंध करने वाला भी पी आई यू है। सवाल यह है कि  पी आई यू के अधिकारियों ने 30 करोड़ के भवन निर्माण में क्या सिविल और इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क शामिल नही किया था जो केवल भवन बनाने में ही ओवर बजट 30 करोड़ फूक दिए हैं। और अब सिविल और इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य के लिए भवन का कार्य अटका पड़ा है।

बताया गया कि पी आई यू ने संग्रहालय के नव – निर्मित भवन के सिविल और इलेक्ट्रिफिकेशन  कार्य के लिए केंद्र सरकार से और 18 करोड़ का बजट मांगा है।  ऐसे में लागत 48 करोड़ हो जाएगी और बड़ी बात यह है कि इस बजट में संग्रहालय में प्रदर्शित की जाने वाली सामग्री का बजट शामिल नही है। वर्तमान में निर्माण बन्द है। संग्रहालय के नाम पर खाली भवन खड़ा है।  विभाग ने किसी ना किसी वजह से निर्माण में देरी कर रहा हैं और छिन्दवाडा राष्ट्रीय संग्रहालय जैसी बड़ी उपलब्धि के बाद भी इससे वंचित हैं। इस चक्कर मे पुराने संग्रहालय की देखभाल तक बंद हो गई है और पुराना  संग्रहालय डंप होने की कगार पर पहुंच गया है। जबकि प्रतिदिन  छिन्दवाडा के इस  संग्रहालय को देखने आने वाले पर्यटकों  की संख्या हजारो में होती है।

दो बार केंद्रीय अधिकारियों के दौरे के बाद अब केंद्रीय जनजातीय मंत्री दुर्गा दास उइके स्वयं इस संग्रहालय के निरीक्षण पर  शुक्रवार 23 अगस्त को छिन्दवाडा पहुंच रहे हैं। जानकारी के अनुसार  केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री  दुर्गादास उईके 23 अगस्त 2024 शुक्रवार को  प्रातः 11:20 बजे छिंदवाड़ा पहुंचेंगे और आदिवासी बादल भोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद , दोपहर 2 बजे  भारत सरकार और जनजातीय विभाग, मध्य प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक भी लेंगे।  बैठक में  योजनाओं और जनजातीय विकास कार्यों की समीक्षा के साथ इस संग्रहालय का निर्माण पूरा कराने के मुद्दे पर निर्णय होंगे।


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