रजिस्ट्री की नई व्यवस्था: एक नवम्बर से लागू होगा संपदा 2.0, रजिस्ट्री के बाद जमीन का डायरेक्ट नामांतरण
तहसील के चक्कर काटने से मिलेगी आजादी, डिजिटली कनेक्ट रहेंगे रजिस्ट्री और राजस्व विभाग
Sampada 2.0: Sampda E-registry Portal
♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
पांच साल पहले मध्यप्रदेश सरकार ने संपदा पोर्टल के माध्यम से ई – रजिस्ट्री और ई – स्टाम्प की व्यवस्था दी थी। अब रजिस्ट्री और राजस्व दोनो विभागों को शत – प्रतिशत डिजिटल कर संपदा 2.0 लागू किया जा रहा है। इससे जमीन का क्रय – विक्रय की रजिस्ट्री होते ही उसका नामांतरण भी हो जाएगा। नामांतरण के लिए आपको तहसील के चक्कर नही काटना पड़ेगा।
मध्यप्रदेश रजिस्ट्रेशन एवं स्टाम्प विभाग एक नवम्बर से ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू करने की तैयारी में है। सायबर तहसील के बाद सरकार संभवतः एक नवम्बर से यह व्यवस्था लागू कर देगी। नई व्यवस्था संपदा 2.0 में जमीनों की रजिस्ट्री आधार और ई-केवाईसी के बिना नही होगी। जमीन बेचने और खरीदने वाले लोगो के बॉयोलॉजिकल आइडी से ही दस्तावेज तैयार होंगे। सभी पक्षकारों का अलग-अलग माध्यम से ऑनलाइन वैरिफिकेशन भी होगा। इस साफ्टवेयर में कई ऐसी विशेषताएं हैं। जो देश में पहली बार क्रियान्वित हो रही हैं । संपदा 2.0 से जमीन खरीदी-बिक्री की प्रोसेस में भी बदलाव होने जा रहा है।
संपदा 2.0 अभी तक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मध्यप्रदेश के डिंडोरी, गुना, हरदा और रतलाम जिले में लागू किया गया था। 15 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की घोषणा की थी। 31 अगस्त से प्रदेशभर में आंशिक रूप से इसे लागू किया था। अब एक नवंबर से इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। सरकार का राजस्व शुद्धि अभियान सायबर तहसील भी इसका ही घटक है। संपदा 2.0 से घर बैठे भी दस्तावेजों का पंजीयन हो सकेगा। इस सॉफ्टवेयर में विभिन्न विभागों को लिंक करने की सुविधा है। इससे लोगो को जमीन दस्तावेज सहित संबंधित कार्यो के लिए रजिस्ट्री और तहसील पंजीयन कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस तरह होगा जमीन का पंजीयन
संपदा 2.0 में पंजीयन (Sampada 2.0 Registraion) के लिए आधार और ई-केवाईसी (e-KYC) की जरूरत होगी। संबंधित लोगों के बॉयोलॉजिकल आइडी से दस्तावेज तैयार होंगे। जिसे संबंधित व्यक्ति को सत्यापित करना होगा। सभी पक्षकारों का अलग-अलग माध्यम से ऑनलाइन वैरिफिकेशन होगा। इसके बाद ही आप सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
संपदा 2.0 के पायलट प्रोजेक्ट में जो समस्याए आई थी। उन्हें तेजी से सुधारने के साथ ही राजस्व विभाग को शत – प्रतिशत डिजिटल करने का कार्य पूरा किया जा रहा है। इसमे जमीन और भवनों की गलत पॉलीगॉन मैपिंग को सही किया जा रहा है। नगरीय निकायों में कॉलोनी आइडी जनरेट की जा रही है। इसके बाद कहीं से भी जियो टैगिंग से उस जगह की संपत्ति की वैल्यू पता चल जाएगी। भवन वाले प्लॉट को खाली प्लॉट के रूप में पंजीकृत करवा कर स्टाम्प ड्यूटी की चोरी को भी इससे रोका जा सकेगा।
दस्तावेज पंजीयन भी होंगे आन लाइन ..
संपदा 2.0 से आम लोगों को भी काफी फायदा होगा। इसके पूरी तरह से लागू होने के बाद इसमें रेंट एग्रीमेंट, कम वर्षों के लिए लीज, कर्ज से संबंधित दस्तावेज, बैंक से संबंधित दस्तावेज और इक्विलिटी मॉडगेज, प्लॉट एवं संपत्ति और चल संपत्ति पर लोन के लिए दस्तावेजों का आन लाइन रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा होगी। जनता को सुविधा देने के लिए सॉफ्टवेयर में नए फीचर्स भी जोड़े गए हैं। छिंदवाड़ा जिले में भी इसकी तैयारी चल रही है। जिला रजिस्ट्रार पंजीयक एवं मुद्रांक उपेंद्र झा ने बताया कि संपदा 2.0 लागू करने को तैयारी है। इसके लिए विभागीय प्रोसेस चल रही है।