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शक्कर – पेंच लिंक बांध परियोजना- छिंदवाड़ा के पांच गांवो की 411 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में, ग्रामीणों ने जताया विरोध

जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार के गांवों में पहुंचने पर लगाई गुहार

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♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –

मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा जिले की पेंच नदी पर चौरई  को  चार हजार करोड़ लागत का “माचागोरा बांध” दिया है। इसके बाद अमरवाड़ा के लिए  4 हजार 434 करोड़ लागत की “शक्कर – पेंच लिंक” परियोजना दी है। इस परियोजना में छिंदवाड़ा जिले की हर्रई तहसील की हरद- शक्कर नदी पर बड़ा बांध बनना प्रस्तावित है।

बांध के लिए डूब क्षेत्र की जमीन का नोटिफिकेशन जारी हो चुका हैं। जिसमे अकेले हर्रई के 6 गांवों को 411 हेक्टयर जमीन पूरी तरह डूब में आ रही है। अर्थात बांध बनने के बाद ये 6 गांव पूरी तरह डूब जाएंगे। इन गांवों का सरकार को पुनर्व्यवस्थापन करना होगा। इन गांवों में हर्रई के सियालझिरी, कुकरेपानी, कुंडाली, देवरी, खाजरवानी, और उमरीखुर्द शामिल हैं। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से इन गांवों के ग्रामीण चिंता में है। परियोजना के पूर्ण होने पर  नरसिंहपुर जिले के 197 गाँव में, छिंदवाड़ा के 95 गाँवों में तथा गाडरवारा के आसपास के 189 गांवों के खेतों में पानी पहुँचेगा।

शक्कर नदी  नर्मदा की सहायक नदी है इसका उद्गम छिंदवाड़ा ज़िला की अमरवाड़ा तहसील के 18 किलोमीटर उत्तर में हैँ। यह उद्गम से निकलकर सतपुड़ा महाखण्ड कोयला क्षेत्र में बहते हुए अन्त में उत्तर में नर्मदा नदी में मिल जाती है।  नर्मदा  बिना डेल्टा वाली सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा नदी की सहायक नदियाँ में , शक्कर नदी, दुधी नदी,  और हरद  नदी का उद्गम छिंदवाड़ा है। नदियों को लिंक कर यह बड़ी परियोजना बनाई गई है।

गांवो की जमीन के भू – अर्जन और व्यवस्थापन  को लेकर  ग्रामीणों में हाहाकार मचा है। गांवो की समस्याओं के समाधान के लिए गांव – गांव का दौरा करने वाले जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार शनिवार को इन गांवों में पहुंचे थे। उनके समक्ष ग्रामीणों ने गांवो में केवल बांध और भू – अर्जन की समस्या को रखते हुए कहा है कि हरद नदी पर बांध बनने से 6 गांव डूब में आ जाएंगे। ये गांव आदिवासी गांव है। केंद्र सरकार के घोषित विशेष अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं। ग्रामीण यहां केवल और केवल कृषि पर निर्भर है। रोजगार का कोई दूसरा साधन है ही नही। ऐसे में हजारों परिवार प्रभावित होंगे। परियोजना में सरकार परियोजना में हरद नदी पर बांध का प्रस्ताव रद्द करना चाहिए। परियोजना में नरसिंहपुर और गाडरवाड़ा में भी बांध बनना है। इन बांधो से ही पाइप लाइन के माध्यम से माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट बनाकर छिंदवाड़ा जिले की हर्रई और अमरवाड़ा तहसील के योजना में शामिल 95 गांवो को पानी देना चाहिए।

ग्रामीणों से रूबरू होकर समस्या सुनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा है कि इस मुद्दे को लेकर वे जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और जल संसाधन मंत्री से मुलाकात करेंगे।

परियोजना में हर्रई के गांव सियालझिरी की सबसे ज्यादा 116 हेक्टेयर, कुंडाली की 107 हेक्टेयर, खाजरवानी की 80 हेक्टेयर, उमरीखुर्द की 82 हेक्टेयर, कुकरपानी की 19 हेक्टेयर, और देवरी की 7 हेक्टेयर जमीन बांध के जल भराव क्षेत्र में आ रही है। इनमे देवरी को छोड़कर पांच गांव पूरी तरह डूब में है।


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