छिन्दवाड़ा के दमुआ में इंदौर की तरह सफाई व्यवस्था
नगर पालिका को मिल चुका 25 लाख का अवार्ड

छोटे शहर ने किया स्वछता मर बड़ा काम ..
– मुकुंद सोनी-
छिंदवाड़ा
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर सही मायने में यदि किसी निकाय में बेहतर कार्य हुआ है तो वह बेशक नगर पालिका दमुआ है। इस नगर पालिका में इंदौर की तर्ज पर साफ-सफाई की व्यवस्था है शहर के कचरे का निपटान करने की व्यवस्था इसे नंबर -1 बनाती है
18 वार्डों वाले दमुआ में हर वार्ड में घर-घर से कचरा एकत्र करने के लिए 18 वाहन है और फिर कचरा डंप करने के लिए डंपिंग ग्राउंड के बाद ऐसी व्यवस्था है कि कचरा फिर कचरा नहीं रह जाता है। कचरे से खाद बन जाती है और यह खाद नगर पालिका की आय का बड़ा साधन बन जाती है। नगर पालिका कचरे से अब तक डेढ़ लाख रुपए की खाद बनाकर बेच चुकी है कचरे से निकले कबाड़े से भी 75 हजार रुपए नपा को मिल चुके हैं
यह है खासियत…
नगर पालिका ने अपने दफ्तर से कुछ दूरी पर ही डंपिंग ग्राउंड बना रखा है। इस ग्राउंड में दो आकर्षक बगीचों के साथ ही नपा के बेड़े में शामिल वाहनों का गैराज और फिर कचरा निपटान की लंबी-चौड़ी व्यवस्था है। जिसमें गीला कचरा, सूखा कचरा तो अलग किया जाता है ही साथ ही कचरे में मिलने वाले कबाड़ को भी अलग-अलग किया जाता है
कचरे से प्लास्टिक बोतल, कांच बोतल, लोहा लंकड़, कपड़े सहित कबाड़ के अन्य सामान अलग-अलग किए जाते है। डंपिंग ग्राउंड देखकर कहीं से नहीं लगता कि यहां कचरा एकत्र होता है बदबू का यहाँ दूर-दूर तक नामोनिशान नही है । ऐसी व्यवस्था जिले के अन्य नगर पालिकाओं और पंचायतों में फिलहाल नहीं है। शहर के शत-प्रतिशत घरो में नपा शौचालय भी बनवाकर ओ डी एफ डबल प्लस का दर्जा प्राप्त कर चुकी है पिछले सर्वे में नगर पालिका दमुआ को थ्री स्टार रैटिंग के साथ 25 लाख रुपए का अनुदान मिला था
सी एम ओ डी पी खंडेलकर का प्रयास ..
यूं तो छिंदवाड़ा जिले में 16 नगरी निकाय है इन निकायों में नगर पालिका दमुआ स्वच्छता में अव्वल है इसके पीछे नगरपालिका के सीएमओ डी पी खंडेलकर का ही सबसे बड़ा प्रयास है 5 साल पहले उन्होंने नगरपालिका दमुआ में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी स्वच्छता के तय मानकों पर उन्होंने नगर पालिका के सफाई कर्मियों को प्रशिक्षित किया कचरा संग्रहण से लेकर उसके निपटान तक की व्यापक व्यवस्थाएं बनाई इसके लिए नगरपालिका कार्यालय से ही कुछ दूरी पर नाले के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन पर डंपिंग और टीचिंग ग्राउंड बनाया गया यहां कचरे को छटाई की अलग-अलग प्रोसेसिंग के लिए अलग-अलग यूनिट बनाई गई और खाद बनने योग्य कचरे से खाद बनाने की प्रोसेस भी शुरू की गई सबसे बड़ी चुनोती प्लास्टिक कचरे से निपटने की थी शहर के कचरे में सबसे ज्यादा प्लास्टिक होता था जिसके लिए शहर के नागरिकों को जागरूक किया गया नागरिकों को भी गीला और सूखा कचरा अलग -अलग रखने और कचरा वाहन वार्ड में आने पर ही कचरा वाहन में डालने के लिए प्रेरित किया गया उन्होंने शहर की सफाई व्यवस्था की लगातार मानिटरिंग कर दमुआ को छिंदवाड़ा जिले के स्वच्छ शहरों में रैंकिंग दिलवाने के साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सबसे अच्छी यूनिट भी स्थापित की है जिसका परिणाम है कि नगर पालिका दमुआ जिले में स्वच्छता में अव्वल है और दूसरे निकाय भी नगर पालिका दमुआ की इस व्यवस्था को देखकर प्रेरणा लेते हैं