छिन्दवाड़ा के एम एल बी स्कूल में पुस्तक मेला, एक ही छत के नीचे सस्ती दर पर कापी- किताबे और स्कूल ड्रेस
छिन्दवाड़ा के बच्चे भी बने एस पी - कलेक्टर - शीलेन्द्र सिंह
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग ने शहर के एम एल बी स्कूल में पुस्तक मेला लगाया है। यह मेला तीन दिनों तक चलेगा। मेले में कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक किताबे ,कापियां रजिस्टर के साथ स्कूल ड्रेस और अन्य सामग्री सस्ती दर पर उपलब्ध कराई गई है ताकि अभिभावकों को बाजार की तुलना में कुछ राहत मिल सके।
बाजार में नए शिक्षा सत्र के पहले पुस्तक- कॉपी के नाम पर अभिभावकों की जेब जमकर ढीली की जाती हैं। निजी स्कूल तो ड्रेस किताबे कापियां सहित अन्य सामग्री के लिए निजी स्टेशनर्स तय कर इस पर भी कमीशन कमाने में पीछे नही रहते हैं। ऐसे में यह पुस्तक मेला छिन्दवाड़ा के लिए नई पहल है। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की पहल पर शिक्षा विभाग ने मेले का आयोजन किया है। यह मेला 11 से 13 मई तक चलेगा। मेले में जिले भर के 152 पुस्तक व ड्रेस विक्रेता शामिल हुए हैं। एम एल बी स्कूल के 29 कमरों में स्टेशनर्स ने अपने स्टाल लगाए हैं।
मेले का शुभारंभ कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिले के छात्र – छात्राओं को ऐसी शिक्षा दी जाए कि वे छिन्दवाड़ा जिले का नाम प्रदेश और देश में नाम रोशन कर सके। बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर छिन्दवाड़ा जिले की तस्वीर बदली जा सकती है। बच्चों को आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनाने के अलावा अन्य किसी भी क्षेत्र में जिसमें बच्चे की रूचि हो उस रूचि के अनुसार शिक्षक और अभिभावक उचित मार्गदर्शन दे तो विद्यार्थी के जीवन में बदलाव किया जा सकता है। विद्यार्थी सफलता की सीढ़ी चढकर आगे बढ़ सकता हैं
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर राहुल पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी जी.एस.बघेल, डीपीसी जगदीश इड़पाचे सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी, शासकीय, अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य, संचालक , स्टेशनर्स विक्रेता ,अभिभावक सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। पुस्तक एवं गणवेश मेला प्रभारी दिनेश वर्मा ने बताया कि 11 मई से 13 मई 2024 तक प्रातः 10 से शाम 6 बजे तक यह मेला रहेगा मेले में स्टेशनरी एवं पुस्तक विक्रेताओं द्वारा 29 दुकाने लगाई गई है। यूनिफॉर्म की 12 दुकाने लगाई गई है। जिसमें सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय, सीबीएसई, सीएसई, एमपी बोर्ड तथा अनुदान प्राप्त विद्यालयों के गणवेश और स्टेशनरी विक्रेताओं ने अपना स्टॉल लगाया है। पालक एवं विद्यार्थी बाजार दर से कम दर पर उचित दाम पर सामग्री क्रय कर सकते हैं। मेले के प्रथम दिवस में लगभग 2000 अभिभावक, विद्यार्थी एवं शिक्षकों ने मेले में सामग्री खरीदी है।