डेमेज कंट्रोल – अचानक पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के घर रोहना पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ
पुत्र अजय के भाजपा में शामिल होने के बाद सक्रिय राजनीति से दूर है दीपक सक्सेना
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा की घेरेबंदी की भाजपा की रणनीति ने कांग्रेस को हिलाकर रख दिया है। इन दिनों चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ को बार – बार इमोशनल होकर अपने 45 साल के संबंधों की दुहाई देना पड़ रहा है। छिन्दवाड़ा का मोर्चा खुद कमलनाथ के संभालने के बाद भी यहां कांग्रेसी एक के बाद एक हाथ का साथ छोड़ रहे हैं। पिछले दो दिनों में कांग्रेस के दो निवाचित नेता अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह और नगर निगम छिन्दवाड़ा के महापौर विक्रम अहके के भाजपा में जाने के बाद माना जा रहा था कि भाजपा में तीसरी बड़ी एंट्री पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना की हो सकती है।
उनके लिए भाजपा उधार बैठी है। पिछले दिनों छिन्दवाड़ा दौरे पर आए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ,नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के घर पहुंचे थे और सीधा ऑफर दिया था कि उनके लिए तो भाजपा के दरवाजे बंद थे लेकिन आपके लिए खुले हैं। अब तक पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के चुनावी राजनीति में सक्रिय ना होने से माना जा रहा था कि वे भी अपने पुत्र अजय के लिए भाजपा में भविष्य तलाश रहे हैं। इसके लिए वे स्वयं भाजपा का दामन भी थाम ले तो कोई बड़ी बात नही है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज चुनाव प्रचार दौरे से लौटकर शाम को अचानक पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के निवास रोहना गए थे। यहां उन्होंने पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना से करीब 10 मिनट तक बंन्द कमरे में बात भी की। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें छिन्दवाड़ा विधानसभा का मोर्चा संभालने के लिए कहा है। पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है वे सांसद नकुलनाथ की नामांकन रैली में भी नही गए थे और ना ही चुनावी राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं।दरअसल पूर्व मंत्री के पुत्र अजय सक्सेना पहले ही भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। उन्होंने सांसद नकुलनाथ की कार्यप्रणाली पर सवाल दाग दिए थे। इसके पीछे बड़ी वजह हो सकती है। बहरहाल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह कदम डेमेज कंट्रोल की रणनीति माना जा रहा है।क्योंकि अब चुनाव को केवल 15 दिन का ही समय शेष है।