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छिन्दवाड़ा में एक अधिकारी के घर ठंड में कोयला सिगड़ी की गैस का कहर,अधिकारी सहित पूरे परिवार को अस्पताल में कराना पड़ा भर्ती

सिर दर्द के साथ सांस लेने में होने लगी थी दिक्कत, उपचार के बाद ली राहत की सांस

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♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-

छिन्दवाड़ा में एक बड़े महकमे के अधिकारी के घर ठंड में कोयला सिगड़ी की गैस के कहर से पूरा परिवार आफत में आ गया था। वो तो समय रहते परिवार घर के बाहर आ गया वर्ना कुछ भी हो सकता था। आधी रात को महकमे के कर्मियों ने खबर लगने पर अधिकारी सहित पूरे परिवार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां रात भर उपचार के बाद परिवार राहत की सांस ले पाया।

जानकारी के अनुसार छिन्दवाड़ा के जनजातीय कल्याण विभाग के असिटेंट कमिश्नर सत्येंद्र सिंह मरकाम जिला मुख्यालय में  खजरी रोड स्थित मेडिकल कालेज के पास स्थित विभाग के  सरकारी बंगले में रहते हैं। दो दिन पहले ठंड से बचने के लिए उन्होंने पत्थर के कोयले की सिगड़ी जलवाई थी। इस सिगड़ी से आग तापने के बाद कमरे को गरम रखने के लिए सिगड़ी को बंगले के अंदर रख दिया गया। इसके बाद पूरा परिवार गहरी निद्रा में सो गया। ठंड से बचाव के लिए बगले के सभी खिड़की- दरवाजे बंद कर परदे भी लगा दिए गए थे।

अधिकारी के परिवार में अधिकारी स्वयं उनकी पत्नी सहित एक  पुत्र और एक  पुत्री है। परिवार आराम से सो रहा था कि कोयले सिगड़ी की गैस से सभी के सिर में तेज दर्द होने लगा और उल्टी दस्त भी लग गए। अधिकारी सहित पूरे परिवार का हाल यही था। उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था कि आखिर पूरे परिवार को अचानक हो क्या गया है। अधिकारी भी कुछ समझ नही पाए और हालत खराब होते देख उन्होंने अपने स्टाफ कर्मियों को फोन लगाया। कर्मी देर रात उनके बंगले पर पहुंचे और हालत देखकर सभी को साहब के वाहन से ही सभी को आरोग्य अस्पताल लाया गया जहां चारो का उपचार किया गया। रात भर भर्ती रहने के बाद परिवार को राहत मिल पाई।

दरअसल कोयले के जलने के बाद उससे निकली घातक मीथेन गैस पूरे कमरे में भर गई थी वो तो समय रहते परिवार घर के बाहर निकल गया वरना कुछ भी हो सकता था। ठंड से बचने के चक्कर मे अधिकारी का परिवार अधिकारी सहित आफत में फंस गया था। पत्थर के कोयले की गैस कोयला सुलगते समय भी घातक है और कोयला के दग्गाने के बाद भी घातक है। कोयले की सिगड़ी कमरे में रखकर सोने से कोयले की मीथेन गैस से जिले के कोयला अंचल में कई हादसे हो चुके हैं। दो साल पहले परासिया में एक परिवार इसी तरह ठंड के दिनों में कोयला की जलती सिगड़ी कमरे में रखकर सो गया था लेकिन सुबह परिवार का कोई सदस्य उठा नही बल्कि हमेशा के लिए उठ गया था। अब अधिकारी के लिए यह घटना  बड़ा सबक नही बल्कि ठंड के दिनों में हर किसी के लिए सबक है कि ठंड से बचे मगर पत्थर के कोयले की सिगड़ी का उपयोग केवल घर के बाहर खुले में करे ताकि गैस विसरित होती रहे जलती सिगड़ी को बंन्द कमरे में ना रखे।


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