17 दिन सुरंग के अंदर: 41 मजदूरो के जीवन मे पहाड़ काटकर लाया जिंदगी का उजाला
मशीनों के बाद रेट माइनर तकनीक से मिली सफलता
– Uttarakhand Tunnel Rescue Operation-
Metro City Media-
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूर 17 वे दिन बाहर निकाल लिए गए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए वर्टिकल, हॉरिजॉन्टल और साइड से ड्रिलिंग के बाद आखिर में सुरंग को खोदकर मलबा हटाकर मजदूरो तक पहुंचने रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट्स की मदद के बाद यह कामयाबी हाथ लगी है। जिसने मजदूरो और उनके परिवारों को खुशी से भर दिया है।
उत्तरकाशी जिले के सिलकयारा सुरंग हादसे में 11 नबम्बर को फंसे मजदूरो में 15 मजदूर झारखंड के र थे। उत्तर प्रदेश के 7, बिहार के 5, ओडिशा के 5, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 3, असम के 2 और हिमाच प्रदेश का एक मजदूर शामिल था। मजूदरों के बाहर निकलने की राह उनके परिजन ताक रहे थे। मजदूरों को सुरंग से रेस्क्यू कर उत्तराखंड के ही चिन्यालिसौर अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए रखा गया है। उत्तराखंड की धामी सरकार मजदूरो को एक – एक लाख रुपया देकर उनके घर तक पहुंचाएगी।
उत्तरकाशी से केदारनाथ को जोड़ने के लिए यह सुरंग बन रही थी कि 11 नवम्बर को हादसे में सुरंग का एक हिस्सा फिसल गया और इस हिस्से में 41 मजदुर फस गए। जिनके बाहर निकलने का कोई रास्ता ही शेष नही था। मजदूरो ने 17 दिन सुरंग के अंदर ही अंधेरे में गुजारे और रेस्क्यू का इंतजार किया। इस दौरान एक पाइप के जरिए उन्हें भोजन पानी दिया जाता रहा। बाहर ड्रिलिंग के कार्य मे कई अड़ंगे आए लेकिन टीम ने हार नही मानी और पहाड़ को चीरकर 17 वे दिन सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकालकर जिंदगी की बड़ी जंग जीती है।
इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, केंद्रीय मंत्री वी के सिंग सहित विशेषज्ञ सहित सेना, आपदा प्रबंधन टीम सहित मशीनरी विशेषज्ञों का डेरा रहा। मजदूरो को बाहर निकलने के पूर्व ही उनके मेडिकल के इंतजाम कर लिए गए थे। एमर्जेंसी के लिए यहां सेना का हेलीकॉटर भी तैनात था। बड़ी बात थी कि किसी भी मजदूर की हालत खस्ता नही थी सभी स्वस्थ थे।
इन मजदूरो को निकाला बाहर..
17 दिनों तक जो मजदूर सुरंग में फसे रहे उनमें झारखंड के विश्वजीत कुमार, सुबोध कुमार, झारखंडअनिल बेदिया,श्राजेद्र बेदिया, सुकराम, टिकू सरदार, गुनोधर, रनजीत, रविन्द्र, समीर,महादेव, मुदतू मुर्म, चमरा उरॉव, विजय होरी,गणपति, उत्तरप्रदेश के अखिलेष कुमार, अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, सन्तोष, जय प्रकाश, मंजीत, धीरेन उड़ीसा के , विशेषर नायक,राजू नायक, सपन मंडल, भगवान बत्रा, बिहार के दीपक कुमार, सबाह अहमद, सोनु शाह, वीरेन्द्र किसकू, सुशील कुमार, उत्तराखंड के राम सुन्दर, पुष्कर, गब्बर सिंह नेगी, पश्चिम बंगाल के मनिर तालुकदार, सेविक पखेरा जयदेव परमानिक, असम के संजय, राम प्रसाद,, हिमाचल प्रदेश के विशाल शामिल थे ।
घटनास्थल पर मौजूद रहे सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले कुछ दिनों से घटनास्थल पर ही मौजूद थे। उन्होंने मजदूरों के परिजनों से भी बात की।वह लगातार मजदूरों के संपर्क में भी थे। मजूदरों के निकाले जाने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी का धन्यवाद करते हुए मजदूरो को एक- एक लाख की सहायता देने की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली और सफलता पर सबके श्रम को नमन किया। हादसे वाली जगह पर प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल, प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल आदि वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. सीएम धामी ने सुरंग के प्रवेशद्वार पर स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर पर पूजा अर्चना भी की।