घोटालों का झारखंड : जमीन घोटाले ने सी एम हेमंत सोरेन को जमीन पर लाया ,ई डी ने किया अरेस्ट, नई सरकार के लिए गवर्नर के फैसले का इंतजार
बेचते - बेचते सोरेन ने सेना की जमीन भी बेच डाली
♦Metro City Media –
-ED Arrest Jharkhand CM Hemant Soren –
-Jharkhand Political Story –
आदिवासियों के नाम पर झारखंड राज्य बिहार से तोड़कर अलग बनाया गया था। गरीबो और आदिवासियों की राजनीति करने वाला सोरेन परिवार झारखंड स्टेट बनते ही यहां राजनीति ही नही राज्य का भी सर्वे – सर्वा हो गया है। झातखण्ड मुक्ति मोर्चा के नाम पर पहले शिबू सोरेन सी एम रहे और अब परिवारवाद में उनके बेटे हेमन्त सोरेन सी एम है। सेना की जमीन बेचने की गैर कानूनी गतिविधि में ई डी ने बुधवार की रात उन्हें अरेस्ट कर लिया और उन्हें सी एम पद से इस्तीफ़ा देंना पड़ा। ई डी ने हेमन्त सोरेन को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड मांगी है।
घोटाले में फसने के बाद वे बिहार के घोटाले बाज लालू यादव की तरह ही अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सी एम बनाने की फिराक में थे। इसके लिए विधायको से पत्र भी लिखवा लिया गया था। किन्तु अब पार्टी में विद्रोह के डर से चम्पाई सोरेन का नाम सामने आया है। चम्पाई सोरेन राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए विधायको के समर्थन का पत्र दे चुके हैं लेकिन अब तक राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्यौता दिया नही है। अब खबर चल रही है कि झारखंड में खेला होने वाला है। चम्पाई सोरेन शिबू सोरेन परिवार के तो नही पर शिबू सोरेन के साथी है। वर्तमान में हेमन्त सोरेन सरकार के मंन्त्री भी है।
झारखंड घोटालों का राज्य है और यहां आरोप है कि घोटालों से सोरेन परिवार ने हजारो करोड़ की संपत्ति बनाई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नाम पर राजनीति चमकाने वाले सोरेन परिवार में शिबू सोरेन हो या हेमन्त सोरेन या फिर उनके परिवार के बसंत सोरेन, सीता सोरेन हर किसी के नाम घोटाले दर्ज है। बात शिबू सोरेन की हो तो वे झारखण्ड बनने से पहले 1993 में केंद्र की पी वी नरसिंहराव सरकार में कोयला मंत्री रहे हैं। केंद्र सरकार को समर्थन देने जे एम एम के सांसदों की सौदेबाजी में कैश फ़ॉर वोट का चलन शिबू सोरेन से ही शुरू हुआ माना जाता है। इसमे कोई दो मत नही है कि झारखंड में घोटालों की नींव पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने ही रखी हैं। कोयला मंन्त्री रहते हुए ही भ्र्ष्टाचार के आरोप में उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा था।
झारखण्ड राज्य उनके हाथ आया तब हजारो करोड़ का कोयला घोटाला , अवैध माइनिंग, और अब जमीन घोटाले में सोरेन परिवार फंसा है। वर्तमान में राज्य के सी एम हेमंत सोरेन सेना की जमीन बेचने के घोटाले में जमीन पर आ गए हैं। जमीन घोटाला भी छोटा – मोटा नही बल्कि एक हजार करोड़ से ज्यादा का बताया जा रहा है। आरोप है कि राज्य में सरकार के रहते रजिस्टार के माध्यम से जाने कितनी जमीनें सोरेन परिवार ने तरह – तरह के नामो से बेचकर हजारो करोड़ रुपया बनाए है।
इस घोटालों को पकड़ने की शुरुआत सोरेन सरकार की अफसर मनीषा सिंघल के पास से 18 करोड़ रुपया कैश मिलने से हुई थी। पूछताछ में इस अफसर ने ही सबसे पहले जमीन घोटाले का हिंट दिया था और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इससे जुड़ा होना बताया था। ई डी की जांच एक दिन की नही बल्कि लंबे समय की है। वो तो ई डी ने अभी केवल सेना की जमीन बेचने के मामले में सी एम हेमंत सोरेन को आरोपी बनकर अरेस्ट किया है। घोटाले और उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है। हेमंत सोरेन के कारण दिल्ली के बंगले में ई डी के छापे में 36 करोड़ कैश मिले थे। जिसे सोरेन परिवार पार्टी फंड बता रहा था। बहरहाल ई डी की पूछताछ और चार्जशीट से सही तथ्य सामने आएंगे कि आखिर झारखण्ड में चल क्या रहा था। फिलहाल इस घोटाले से राज्य की सरकार ही संकट में है। हेमन्त सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद जे एम एम ही नही सोरेन परिवार की कलह भी सामने आ रही है।
चम्पाई सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री बन पाएंगे या नही यह अभी तय नही है। फिलहाल झारखण्ड के लिए वेट एंड वाच की स्थिति है किंतु यह सत्य है कि जमीन घोटाले ने झातखण्ड में हेमन्त सोरेन सरकार को ही जमीन पर ला दिया है। स्थिति के अनुसार झामुमो नेता चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। महागठबंधन में शामिल झामुमो, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना है। इसका समर्थन पत्र ही गवर्नर को दिया गया है। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 43 विधायकों की जरूरत है। गठबंधन के पास 48 विधायक हैं। इनमें से 43 सदस्य चंपई सोरेन के साथ राजभवन पहुंचे थे। जिनमे झामुमो के 29, कांग्रेस के 17, राजद का एक और सी पी आई का एक विधायक है।