छिन्दवाडा का सबसे बड़ा उत्सव दशहरा : 51 फुट ऊंचे रावण पुतले का धूम आतिशबाजी के साथ दशहरा मैदान में होगा दहन
मेघनाथ, कुम्भकरण और रावण वध के प्रसंगों का होगा मंचन
♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश –
उत्सव हमारी धर्म संस्कृति और विरासत के मानक है। ऐसा कोई उत्सव नही जो छिन्दवाडा में मनाया ना जाता हो। हर उत्सव के अलग रंग – रुप और महत्व है। इनमे दशहरा छिन्दवाडा का सबसे बड़ा उत्सव है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दशहरा के दिन शाम को दशहरा मैदान में होने वाले दशानन के दहन को देखने हजारो – हजार की संख्या में लोग मैदान में जुटते है। दशहरा मैदान के अंदर से लेकर बाहर तक और चारो ओर सड़को पर ट्रैफिक जाम भीड़ इस उत्सव में होती है। इतनी भीड़ किसी उत्सव में नही होती है जितनी कि विजयादशमी में होती है।
दशहरा पर दशानन का दहन ही परम्परा है। आने वाली पीढ़ी को बताने के लिए कि तीन लोक के विजेता रावण का घमंड भी इस धरा पर रहा नही। सत्य की राह ही जीवन के लिए मंगलकारी है। बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की विजय, अधर्म पर धर्म की जीत ही सत्य है, सनातन है। अधर्म को समाप्त करने जब शास्त्र काम ना पड़े तो भगवान को भी शस्त्र उठाना पड़ा था। रावण शास्त्री था पर बुराइयों के कारण मौत शस्त्र से हुई थी। यही विजयादशमी है।
छिन्दवाडा में दशानन के दहन की परंपरा की नींव रखने वाला छोटा बाजार का श्री सार्वजनिक रामलीला मण्डल आज शाम 6 बजे दशहरा मैदान में दशानन के दहन का यह उत्सव मनाएगा। मंडल के उत्सव का यह 135 वां वर्ष होगा। उत्सव की लोक मान्यता ने उत्सव स्थल के कारण मैदान को ही दशहरा मैदान का नाम दिया है। मंडल ने उत्सव की तैयारियां पूरी कर ली है। मैदान में 51 फूट ऊंचा रावण का पुतला दहन के लिए खड़ा कर दिया गया है। दरअसल यह उत्सव छोटा बाजार में चलने वाले 14 दिवसीय श्री रामलीला के मंचन का सबसे बड़ा भाग है। इस अवसर पर करीब एक घण्टे का रामलीला मंचन दशहरा मैदान के मंच पर होगा। जिसमें मण्डल मेघनाथ, कुम्भकरण और रावण वध के प्रसंग का मंचन करेगा। यहां राम – रावण युद्ध के प्रदर्शन के बाद धूम आतिशबाजी और फिर रावण के पुतले का दहन होगा।
उत्सव के लिए मंडल आज दशहरा पर छोटा बाजार रामलीला मंच से अपरान्ह चार बजे भगवान श्री राम की विजय शोभा यात्रा निकालेगा। शोभायात्रा में भगवान श्री राम, लक्षमण, हनुमान, सुग्रीव , अंगद, जामवंत , विभीषण, नल , नील सहित वानर सेना के रूप में सजे पात्र होंगे। रावण, कुम्भकरण, मेघनाथ सहित राक्षसी सेना भी होगी। शोभायात्रा छोटा बाजार से मेन रोड, छापाखाना चौक, बुधवारी बाजार, मोहबे मार्केट, मुख्य डाक घर, जिला अस्पताल मुख्य मार्ग से होते हुए दशहरा मैदान पहुंचेगी।
शोभायात्रा में अनेक नए आकर्षण के साथ मण्डल की व्यास पीठ भी होगी। दशहरा मैदान के मंच पर मण्डल प्रभु श्री की आरती के बाद अतिथियों, आमंत्रितो, सरंक्षको, सहयोगियों, और दानदाताओ का सम्मान कर रामलीला मंचन कर दशानन के पुतले का गोधूलि बेला में शाम करीब 6. 30 बजे दहन करेगा।
इसके बाद मंच पर प्रभु श्री का राज्यतिलक और महाआरती के साथ दशहरा उत्सव का समापन होगा। शोभायात्रा वापस दशहरा मैदान से जिला चिकित्साकय, अनगढ़ हनुमान मंदिर, फव्वारा चौक, इतवारी बाजार, गोलगंज, मेन रोड होते हुए छोटा बाजार पहुंचेगी। यहां रात्रिभर रामलीला का मंचन होगा और श्री राम राज्य अभिषेक के साथ 14 दिवसीय श्री रामलीला मंचन का समापन भी होगा।
मंडल के अध्यक्ष अरविंद राजपूत , सरंक्षक कस्तूर चंद जैन , राजू चरनागर सतीश दुबे, विजय आनंद दुबे, विनोद विश्वकर्मा, अनिल सठिया निर्देशक वीरेंद्र शुक्ल सचिव राजेंद्र आचार्य ,उपाध्यक्ष रोहित द्विवेदी, कोषाध्यक्ष सुभाष साहू ,प्रवक्ता मीडिया प्रभारी ऋषभ स्थापक ने बताया कि रामलीला मण्डल ने दशहरा उत्सव को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। दशहरा मैदान पहुंचने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा तय ट्रैफिक रूट का पालन करे। तय पार्किंग स्थल पर ही वाहन पार्क करे। असुविधा से बचने के लिए समय से पहले मैदान पहुंचे। रावण पुतले के आस – पास ना जुटे। यहां धूम आतिशबाजी भी होगी और पुतला दहन भी होगा।