छिंदवाड़ा पुलिस पर धब्बा: लोकायुक्त ने एस आई को 50 हजार की रिश्वत लेते किया ट्रेप
सुपारी केस के आरोपी को छोड़ने मांगे थे एक लाख रुपए
♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना का सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। इस रिश्वत कांड ने छिंदवाड़ा पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख दी है कि आखिर थानों में चल क्या रहा है। थाने का आरक्षक हो प्रधान आरक्षक हो ,ए एस आई हो , एस आई हो या टी आई अपने क्षेत्र की कानून व्यवस्था के प्रति जवाबदार है लेकिन इस रिश्वत मामले से पुलिस की जवाबदारी सामने आ गई है कि छिंदवाड़ा में पुलिस किस तरह की जवाबदारी निभा रही है। पुलिस थाने कमाई के अड्डा बने हुए हैं। जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नही है। अवैध शराब, जुआ ,सट्टा से लेकर हत्या , सरेआम मारपीट, लूट , चोरी की वारदातों पर लगाम नही है। अब तो छिंदवाड़ा में हत्या के लिए सुपारी तक दी जाने लगी है।
सुपारी के ही केस में रिश्वत लेते हुए कोतवाली थाना के एस आई जितेंद्र यादव रिश्वत लेते पकड़ाए है। यह सुपारी सांसद विवेक साहू के नजदीकी रवि मालवी की हत्या के लिए थी। पुलिस ने रवि मालवी की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर दो आरोपियों को अरेस्ट किया था। इनमे से एक आरोपी दुर्गेश सोनी को छोड़ने के लिए एस आई जितेंद्र यादव ने एक लाख की रिश्वत का सौदा किया था।
लोकायुक्त पुलिस ने सब इंस्पेक्टर जीतेन्द्र यादव को छिंदवाड़ा – नागपुर मार्ग पर चन्दनगांव में को राजा की बगिया के सामने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रेप किया है। पकड़ा गया एस आई कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी के अवकाश पर होने के कारण टी आई के चार्ज में भी था।
शहर के प्रज्ञा पुरम निवासी दुर्गेश सोनी से सुपारी केस के निपटारे के लिए सब इंस्पेक्टर 25 हजार रुपए पहले ले चुका था। आज गुरुवार को 50 हजार की दूसरी किश्त लेते समय लोकायुक्त के हाथ आ गया।
पीड़ित दुर्गेश सोनी ने बताया कि पिछले दिनों उसके खिलाफ रवि मालवीय ने सुपारी देने की शिकायत की थी। रवि मालवी सांसद विवेक साहू के करीबी था तो पुलिस ने बिना ठोस जांच के केस बनाया। इस शिकायत के बाद दुर्गेश सोनी को एसआई ने जबरन घर से उठा लिया था। बाद में मामले को रफा दफा करने के लिए एस आई ने एक लाख की रिश्वत मांगी। घर जाकर उन्होंने 25 हजार रुपए लिए थे और 75 हजार और देने के लिए लगातार प्रेशर डाल रहे थे।
इस मामले की शिकायत मैंने लोकायुक्त पुलिस को मय प्रमाण के की थी। लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच की और जबलपुर से छिंदवाड़ा आकर आज एस आई को रंगे हाथों पकड़ने का जाल बुना था। एस आई को 50 हजार रुपए देने चन्दनगांव बुलाया गया जहाँ एस आई ने जैसे ही रिश्वत ली लोकायुक्त ने ट्रेप कर लिया। लोकायुक्त ने एस आई के विरुद्ध भ्र्ष्टाचार निरोधी अधिनियम में अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है। अब कानून का रखवाला ही कानून के शिकंजे में है।
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