छिंदवाड़ा में मौत का हाइवे: निगल ली ड्रग इंसेक्टर की जिंदगी, हर साल हो जाती है तीन सौ से ज्यादा मौत
हाइवे केवल नाम है सड़क पर मौत का पैगाम है , छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर की भी चली गई जान
♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिंदवाड़ा में नेशनल हाइवे अथारिटी ने बिना रोड डिवाइडर का नेशनल हाइवे बना दिया है। दिखावे के लिए सिर्फ शहरी क्षेत्र में डिवाइडर है। जबकि नेशनल हाइवे रोड पर सड़क की लंबाई तक पूरा डिवाइडर होना चाहिए। फूल टू डिवाइडर में सड़क के दोनों ओर लेफ्ट से आवागमन होता है ताकि ताकि कोई सड़क दुर्घटना का चांस ही ना रहे। छिंदवाड़ा में यह भ्र्ष्टाचार का हाइवे हर साल सड़क दुर्घटनाओं में तीन सौ से ज्यादा जिंदगी निगल लेता है।
छिंदवाड़ा का नागपुर – नरसिंहपुर हाइवे हो या फिर छिंदवाड़ा – सिवनी हर साल सड़क दुर्घटना में तीन सौ से ज्यादा जिंदगी सड़क दुर्घटना में जा रही है। क्या यह आंकड़ा चौकाने वालानहीँ है। कहना होगा कि वे हाइवे टेक्निकल फाल्ट बिना मेंटनेस का है। नेशनल हाइवे अथारिटी ने इसे बनाने में अब तक दो हजार करोड़ का बड़ा बजट फूक दिया है। 1600 करोड़ रुपए दस साल पहले इसे बनाने में खर्च किए गए है। इतना ही नही इसकी रिपेरिंग में 416 करोड़ का बजट व्यय किया जा चुका है। इसके बावजूद हाइवे की हालत स्पीड के लायक नही है।
स्पीड और मार्ग में तकनीकी समस्याओ के कारण ही हाइवे पर हादसे हो रहे हैं। हाइवे पर ना एम्बुलेन्स की सुविधा ना ही संकेतक की व्यवस्था है तो बस टोल टैक्स वसूली की व्यवस्था है। जनता के पैसों का यहाँ जनता की मौत के लिए इस्तेमाल हो रहा है। जनता टोल टैक्स भी दे रही है और हादसों में जान भी। मार्ग पर 29 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहाँ हादसे होते हैं। इसके बावजूद उन्हें सुधारा नही गया है। ऐसे में छिंदवाड़ा का हाइवे मौत का हाइवे बन गया है। जो लोगो की जिंदगियां निगल रहा है। नेशनल हाइवे पर कहा हादसे नही हुए चाहे वह सौसर हो छिंदवाड़ा हो अमरवाड़ा हो चौरई मार्ग हो या फिर बाइपास में रिंग रोड। जगह – जगह मौत की कहानियां लिखी हुई है।
बुधवार को छिंदवाड़ा – सिवनी हाइवे पर चौरई के पास फिर एक हादसे ने एक ड्रग इंस्पेक्टर विवेकानंद यादव की जान ले ली है। यहाँ ड्रग इंस्पेक्टर की कार को ट्रक ने ऐसी टक्कर मारी की तेजगति में कार के परखच्चे उड़ गए और कार ड्राइव कर रहे ड्रग इंस्पेक्टर विवेकानंद यादव की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
विवेकानंद यादव छिंदवाड़ा के ड्रग इंसेक्टर थे। कुछ माह पहले ही उनका तबादला बालाघाट हुआ था। उनका निवास छिंदवाड़ा में ही था। अवकाश में छिंदवाड़ा से बालघाट उनका आना – जाना था लेकिन कौन जानता था कि बुधवार को हाइवे पर मौत उनका इन्तजार कर रही है।
नेशनल हाइवे पर चौरई के पास उनकी कार को ट्रक ने रौंद दिया। हादसा इतना भयानक था कि कार के परखच्चे उड़ गए कार चला रहे विवेकानंद यादव कार से बाहर फिका गए। उन्हें इतनी गंभीर चोट लगीं कि घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। चौरई पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रक चालक को अरेस्ट कर ट्रक जब्त कर लिया है। पुलिस तो अपनी जांच करेगी लेकिन सवाल यह है कि हाइवे पर यू ही कब तक हादसे होते रहेंगे क्या साल भर में सड़क दुर्घटना में तीन सौ से ज्यादा मौत के बाद भी हाइवे और प्रशासन जागेगा नही।