जम्मू के पुंछ में वायु सेना के काफिले पर आंतकी हमला, छिन्दवाड़ा के जवान विक्की पहाड़े की शहादत, सोमवार को गृह क्षेत्र नोनिया करबल में सैनिक सम्मान के साथ दी जाएगी अंतिम विदाई
माता - पिता के थे इकलौते पुत्र, 2011 में एयर फोर्स में हुए थे भर्ती
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
जम्मू के पुंछ में शनिवार की शाम वायु सेना के काफिले में हुए आतंकी हमले में छिन्दवाड़ा के जवान विक्की पहाड़े की शहादत हो गई है। विक्की छिन्दवाड़ा के नोनिया करबल के निवासी हैं। सोमवार 6 मई को उनका पार्थिव देह गृह निवास लाया जाएगा और पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।विक्की पहाड़े ने सन 2011 एयरफोर्स में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे लांस नायक थे। उनके पिता का नाम स्वर्गीय दिमाक पहाड़े और माता का नाम श्रीमती दुलारी पहाड़े है। पत्नी श्रीमती रीना पहाड़े हैं। उनका पांच साल का एक बेटा है।
विक्की पहाड़े एयर फोर्स में जम्मू में तैनात थे। 4 मई शाम को काफिले के साथ वाहन से मुख्यालय सनाई टॉप लौट रहे थे कि मार्ग में पाक आतंकियों ने घात लगाकर वाहन में ताबड़ तोड़ फायरिंग की। हमले में वाहन में सवार एयर फोर्स के पांच सैनिक घायल हो गए। घायलो को एयर फोर्स हॉस्पिटल लाया गया था।जहां लांस नायक विक्की पहाड़े ने अंतिम सांस लेकर देश के लिए शहीद हो गए। आतंकियों ने यह हमला जम्मू के सुरन कोट इलाके में शाह सितार के पास किया था।आतंकियों ने अचानक वाहन में ताबड़ तोड़ गोलियां दाग दी जिसमे विक्की पहाड़े सहित अन्य चार सैनिकों को सीने में गोलियां लगी थी। इनमे विक्की को सबसे ज्यादा गोलियां लगी थी।
शहीद लांस नायक विक्की पहाड़े का पार्थिव शरीर उधमपुर से विशेष विमान से 6 मई सोमवार को नागपुर एयरपोर्ट लाया जाएगा। नागपुर से विशेष वाहन से पार्थिव शरीर उनके गृह निवास नोनिया करबल लाया जाएगा। यहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाएगी।
बताया गया कि विक्की पहाड़े 15 दिन पहले ही अपनी बहन की गोद भराई के लिए छिंदवाड़ा अपने घर आए थे। चुनाव ड्यूटी के चलते देश सेवा के लिए बॉर्डर लौट गए थे। अब वे अपने पांच साल के बेटे के जन्म दिन पर छिन्दवाड़ा आने वाले थे। परिवार में तीन बहनों के बीच इकलौता भाई थे। उनके पिता का कुछ वर्ष पहले ही निधन हो चुका है। परिवार में मां, पत्नी और एक 5 साल का बेटा है। एस पी मनीष खत्री ने बताया कि 6 मई को एयर फोर्स विमान से उनका पार्थिव देह नागपुर और नागपुर से वाहन से छिन्दवाड़ा लाया जाएगा। यहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।