छिन्दवाड़ा के दमुआ रैय्यत और चारगांव के जंगलों में लगी आग
सूचना के बाद भी ना पहुंचे अफसर ना ही कर्मचारी
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा जिले के सांवरी वन परिक्षेत्र के दमुआ रैय्यत और चारगांव के जंगलों में भीषण आग लग गई है जंगल धू – धू कर जल रहा है और आग फैलते चली जा रही है जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की इस क्षेत्र में ड्यूटी है वे नदारद है तो भला आग पर काबू करने का बीड़ा कौन उठाएगा सूचना मिलने के बाद भी यहां वन विभाग के अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कर्मचारी तेजी से बढ़ती आग जंगल से लगे गांवो की चिंतनी बढ़ा रही है सांवरी वन क्षेत्र और उमरेठ वन विकास निगम में आता है यहां के जंगलों की देखभाल के लिए दोनो के अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं फिर भी किसी का ना पहुंचना बता था है कि बन विभाग के अफसरों को वन की कितनी फिक्र है
जंगलों से कीमती पेड़ो की कटाई तक विभाग रोक नही पा रहा है तो भला यह तो आग है जबकि जंगलों की आग से सुरक्षा के नाम पर ही बिभाग हर साल लाखों रुपयों के फर्जी बिल निकाल लेता है जंगल मे गर्मी के दिनों में ना आग से सुरक्षा के इंतजाम रहते हैं ना ही वन्य प्राणियों के लिए पानी रहता है पानी की तलाश में वन्य प्राणियों का गांव में आना यहां आम बात है हालात बता रहे हैं कि क्षेत्र के वन अमले को जंगल की परवाह नहीं है । आग निरंतर फैलती जा रही है । आग लगी है या लगाई गई है यह भी जांच का विषय है इस जंगल मे बेस्ट क्वालिटी का सागवान होता है लकड़ी माफिया भी अवैध कटाई के लिए जंगल क्षेत्र में सक्तिय रहता है फिलहाल आग पर काबू नही ना ही कोई ब्यवस्था
कैसे लगी जंगल में आग ..?
जंगलों में महुआ बीनने वाले और जंगल से लगे किसानो के खेत भी आग लगने का कारण बनते हैं बनते हैं गर्मी के दिनों में जंगल में आग लगने की घटनाएं अधिक होती है इन दिनों ग्रामीण महुआ बीने जंगलों में जाते हैं और पत्तों को हटाने के लिए उनमें आग लगा देते हैं यही आग फैलकर बढ़ जाती है और जंगल के अन्य पेड़ पौधे इसकी चपेट में आ जाते हैं । इसके अलावा किसान भी जब अपने खेतों में खरपतवार जलाते हैं तो कई बार हवा के चलते चिंगारियां जंगल तक पहुंच जाती है और आग भड़कने का कारण बनती है फिलहाल दमुआ रैय्यत और चारगांव के जंगलों में लगी आग को बुझाने की जरूरत है