मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना:10 हजार वीं हितग्राही “अजीता” को सी एम “शिवराज सिंह” ने दिया अनुबंध पत्र
योजना से आई मध्यप्रदेश में कौशल उन्नयन की नई क्रांति
♦भोपाल मध्यप्रदेश-
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की हितग्राही अजीता राठौर ने भोपाल के एलएनसीटी विश्वविद्यायल,भोपाल से एमसीए किया है, उन्हें सीखो कमाओ योजना में एक्सट्रा नेट टेक्नालॉजी प्राइवेट लि. भोपाल में साफ्ट वेयर डेवेलपर के रूप में जुड़ने का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें “ सीखो कमाओ योजना” की 10 हजार वीं हितग्राही के रूप में अनुबंध पत्र प्रदान किया। योजना में युवाओ को रोजगार के साथ ही अनुभव और स्पाइपेंड दोनों एक साथ मिल रहे हैं।
कुमारी अजीता का कहना है कि इससे उन्हें कौशल उन्नयन का अवसर मिलेगा तथा कार्य अनुभव के साथ-साथ प्रमाण पत्र व मानदेय भी प्राप्त होगा। इससे उनके अन्य बड़ी कम्पनियों में रोजगार प्राप्त करने के अवसर बढ़ेंगे। कुमारी अजीता ने कहा कि यह योजना युवाओं के लिए बहुत उपयोगी है। इसी प्रकार योजना की 10001वीं हितग्राही कुमारी आकांक्षा चौहान भोपाल की कैरियर एजूकेशन सोसायटी में कस्टमर केयर सेक्शन में कार्य सीख रही हैं और अनुभव प्राप्त कर रही हैं।
अब तक जुड़े 19 हजार 598 प्रतिष्ठान..
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना युवाओं के साथ-साथ प्रतिष्ठानों और राज्य सरकार के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। योजना से अब तक 19 हजार 598 प्रतिष्ठान जुड़ चुके हैं। 75 हजार से अधिक पद प्रकाशित हुए हैं। राज्य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ऑन द जॉब ट्रेनिंग की सुविधा देने के लिए ”मुख्यमंत्री सीखो-कमाओं योजना” लागू की गई है। इस योजना में प्रतिष्ठान में कार्यरत कुल कर्मचारियों के 15 प्रतिशत तक युवाओं को प्रतिष्ठारन में रखा जा सकता है। योजना में 12वीं पास को रुपए 8000/- प्रतिमाह, आईटीआई पास को रुपए 8500/- प्रतिमाह, डिप्लोमाधारी को 9000/- प्रतिमाह और स्नातक एवं उच्च योग्यता प्राप्त को रुपए 10000/- प्रतिमाह न्यूनतम स्टाइपंड देने की व्यवस्था है। योजना में चयनित युवा को “छात्र-प्रशिक्षणार्थी”कहा जाएगा।
नवीनतम तकनीक सीखने के मिल रहे अवसर
योजना में छात्र-शिक्षणार्थी को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से सीखने के अवसर, व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड, मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट कॉन्सिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। इससे छात्र प्रशिक्षणार्थी नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित कर सकेंगे।
युवा और सरकार दोनो के लिये लाभप्रद
योजना में प्रतिष्ठा न को सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें युवाओं को दिये जाने वाले कुल निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेण्ड का केवल 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा। राज्य शासन द्वारा 75 प्रतिशत स्टाइपेण्ड का भुगतान किया जायेगा। यह योजना प्रतिष्ठादन, युवा एवं सरकार सभी के लिये लाभप्रद है। इसमें प्रतिष्ठातनों को बहुत ही कम स्टाइपेण्ड भुगतान करने पर काम करने के लिये युवा मिल जायेंगे, युवाओं को काम सीखने का अवसर मिलेगा। इससे प्रदेश के युवा नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में सहयोगी होंगे।
अब तक 9 लाख से अधिक युवाओं का पंजीयन
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में अब तक 9 लाख से अधिक युवाओं ने योजना के पोर्टल पर पंजीकृत किया है, जो युवाओं में सीखने के रूझान को दर्शाता है। योजना के तहत प्रतिष्ठान प्रतिदिन अनुबंध सृजित कर रहे है और युवा उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए युवा उत्साहपूर्वक प्रतिष्ठानों में सीखने जा रहे हैं।