पांढुर्ना की कंपनी का डायरेक्टर सहित पूरा परिवार फांसी पर झूला, नागपुर के घर मे मिले चार शव
मातृ सेवा इंडिया के नाम से बनाई थी चिट फण्ड कंपनी, निवेशकों की रकम हड़पने का था आरोप

♦पांढुर्णा मध्यप्रदेश –
चिट फण्ड कंपनी चलाते हुए निवेशकों के साथ धोखाधड़ी में फंसे पांढुर्ना की एक कंपनी के कारण डायरेक्टर सहित उसके माता – पिता और भाई ने अपने घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। चारो के शव उनके नागपुर स्थित घर मे मिले हैं। महाराष्ट्र पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना गुरुवार की है।
पांढुर्ना के शर्मा काम्प्लेक्स में मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड के नाम से एक पैराबैंकिंग कंपनी का दफ्तर था। कंपनी आकर्षक ब्याज दर पर एफ डी ,आर डी सहित डेली जमा स्कीम चलाती थी। जिसमे पांढुर्ना के लोगो ने जमकर निवेश भी किया था। कंपनी का कारोबार चल ही रहा था कि साल भर में ही घोटाले की खबर आ गई और कंपनी में ताला लग गया था।
यह कंपनी महारष्ट्र के नागपुर के मोवाड़ निवासी गणेश पचौरी ने बनाई थी। कंपनी में गणेश और उसका भाई दीपक पचौरी सहित माता माला पचौरी और पिता रिटायर्ड शिक्षक विजय पचौरी डायरेक्टर थे। पांढुर्ना में निवेशकों से करीब 17 लाख की धोखाधड़ी पर पांढुर्ना पुलिस ने गणेश पचौरी सहित अन्य तीन कर्मचारी के खिलाफ अपराध दर्ज कर उन्हें छिंदवाड़ा जेल भेज दिया था। उन पर निवेशकों का रुपया लौटाने का दबाव था।
कुछ दिन पहले ही गणेश को जमानत मिली थी। वह अपने माता – पिता और भाई के साथ नागपुर के पास मोवाड में किराए के मकान में रह रहा था। महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार गुरुवार को मकान मालिक जानराव खोबरागड़े ने गुरुवार की सुबह मकान की खिड़की से देखा कि शव लटके है। तत्काल ही मकान मालिक ने पुलिस को खबर की।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो मकान में गणेश पचौरी , माला पचौरी, दीपक पचौरी,और विजय पचौरी के शव फंदे पर लटके है। घटना स्थल के हालात बता रहे थे कि शायद चारों ने एक राय होकर आत्महत्या कर ली। नागपुर पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बताया गया कि गणेश पचौरी ने एम बी ए किया था। इसके बाद कारोबार के लिए उसने यह कंपनी बनाई थी। जिसका कार्यलय पांढुर्ना में खोला था। गणेश ने कंपनी के लिए अपनी ससुराल से भी रुपया लिया था। जिसे ना लौटाने पर पति – पत्नी में विवाद होते थे। उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर मायके चली गई थी। जाँच में पुलिस को गणेश की जेब से सुसाइट नोट मिला है जिसमें परिवार के चारो सदस्यों के हस्ताक्षर है। सुसाइट नोट में लिखा है कि पांढुर्ना में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज होने से पूरा परिवार तनाव में था।