चौरई नगर पालिका में कांग्रेस का कमीशनखोर पार्षद, 15 प्रतिशत कमीशन दो नही तो काम बंद , सड़क उखाड़ फेंकने की धमकी
निर्माण एजेंसी ने की एस डी एम और सी एम ओ को लिखित शिकायत
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
भ्रष्ट कांग्रेस के भ्रष्ट पार्षद विकास कार्य मे कमीशन का अड़ंगा लगाकर निर्माण एजेंसी को परेशान कर रहे हैं। विकास कार्यो में “कमीशन” यही कांग्रेस का असली चेहरा है। एक मामूली सा पार्षद वार्ड की सड़क के निर्माण में 15 प्रतिशत कमीशन मांगता है तो फिर जनता अंदाज लगा ले कि बड़े नेता क्या – क्या करते होंगे। मामला चौरई नगर पालिका के वार्ड नंबर -9 का है। यहां मुख्यमंत्री कायाकल्प योजना में बन रही सड़क के कार्य मे वार्ड के कांग्रेस पार्षद प्रदीप सनोडिया ने निर्माण एजेंसी से 15 प्रतिशत कमीशन मांगा है। ना देने पर सड़क उखाड़ देने की धमकी तक दे डाली है। अर्थात पार्षद को विकास कार्य से कोई लेना – देना नही है। जनसुविधा जाए भाड़ में बस हमे कमीशन दे दो।
पार्षद की हरकत से परेशान निर्माण एजेंसी के संचालक ने इस बात की लिखित शिकायत चौरई एस डी एम, सी एम ओ और अभियंता को की है। सड़क का निर्माण छिन्दवाड़ा की अर्णव इंटरप्राइजेज कर रही है। शिकायत में एजेंसी के सी एम डी देवेंद्र धनोरिया ने कहा है कि एजेंसी नगर पालिका चौरई में टेंडर अनुबंध पर मुख्यमंत्री कायाकल्प योजना में कायाकल्प मार्गो में बी सी रिन्यूवल का कार्य कर रही है। जिसमे वार्ड क्र. 9 में. रिन्यूवल का कार्य चल रहा है। यहां चौरई के वार्ड नंबर- 9 के पार्षद प्रदीप सनोडिया इस कार्य में 15 प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं। एजेंसी को धमका रहे हैं कि यदि कमीशन नहीं दिया तो काम नहीं करने देंगे। सड़क उखाड़ फेकेंगे।वार्ड पार्षद प्रदीप सनोडिया दुर्भावना पूर्वक कार्य में असंतोष जताकर निर्माण को घटिया बताने का प्रचार किया जा रहा है। वे कमीशन के लिए दवाब बना रहे हैं कि एजेंसी उनके हथकंडे से डर जाए और कमीशन दे दे।
एजेंसी का कहना है कि जब सड़क पर डामर विछाया जाता है तब उसका तापमान 100 डिग्री से 110 डिग्री तक होता है। अभी दिन का तापमान ही 40 डिग्री के रहता है। ऐसे में डामर को सड़क पर सेट होने में चार से छः दिन अर्थात 96 से 144 घंटे लगते है। एजेंसी के सड़क पर कार्य करने के तत्काल बाद ही पार्षद 10 से 12 घंटे के अन्दर डामर उखाड़- उखाड़ कर दिखा रहे हैं। चल रहे शासकीय कार्य मे बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। हमसे 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है।
पार्षद का कहना है कि अगर कमीशन नहीं दिया गया तो हम काम नहीं करने देगे। कार्य किया जाता तो जनप्रतिनिधियों और पार्षद द्वारा कार्य बंद करा दिया जाता है। एजेंसी स्टाफ के लोग और मजदूरो के साथ गाली गलौच कर और मारपीट की धमकी दी जाती है।
पूर्व में भी हमने शिकायत की है। सड़क निर्ममा तय मांनक पर ही किया जा रहा है। निर्माण की गुणवत्ता का परिक्षण एन ए बी एल लैब में होता है। जबलपुर के उच्चअधिकारी निर्माण स्थल पर परिक्षण कर रिपोर्ट देते है। उसके बाद कही जाकर एजेंसी का देयक भुगतान होता है। अरनव इंटरप्राइजेज ने पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों निर्माण के दौरान पहुँचाए गए नुकसान का हर्जाना भी मांगा है। साथ ही ठेकेदार यूनियन ने इस मामले की कलेक्टर को है।