भोपाल से नही चौपाल से चलेगी सरकार

छिन्दवाड़ा सहित 20 जिलों में होगा पेसा सम्मेलन
भोपाल-
मध्य प्रदेश में 15 नवम्बर से पेसा एक्ट लागू हो चुका है अब इसे प्रभावी बनाने की कवायद शरू हो गई है अब मध्यप्रदेश के 20 जिलों में पेसा एक्ट पर सम्मेलन की रणनीति बनाई गई है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्ट को लेकर सी एम हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर्स के साथ पेसा जागरूकता कार्यक्रम पर चर्चा की उन्होंने अधिकारियों को कहा कि सरकार भोपाल से नही चौपाल से चलेगी पेसा एक्ट को जमीन पर उतारने के लिए कलेक्टर्स विभागों के साथ सक्रिय भूमिका का निर्वहन करेंगे नर्मदापुरम के केसला में पेसा जागरूकता सम्मेलन की तरह ही अन्य जिलों में भी सममेलन होंगें इससे पहले 22 नवम्बर को राज्य स्तरीय पेसा कार्यशाला भोपाल में होगी। इसमें 7 संभाग – चम्बल, उज्जैन, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल और रीवा के कमिश्नर्स और आईजी, 20 जिले श्योपुर, रतलाम, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिंडौरी, बालाघाट, शहडोल, अनुपपूर, उमरिया और सीधी के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ और जिला पंचायत के सीईओ हिस्सा लेंगे।
20 जिलों के 89 विकासखंड आदिवासी
मध्यप्रदेश के 20 जिलों के 89 विकासखण्डों की 5 हजार 254 पंचायतों के 11 हजार 757 ग्रामों में पेसा एक्ट लागू हैं। इन ग्रामों की ग्राम सभाएँ 20 नवम्बर से 3 दिसम्बर के मध्य होंगी। इन विशेष ग्राम सभाओं में पेसा नियमों के बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी
सरकार भोपाल से नहीं चौपाल से चले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कहा कि एक नया इतिहास रचना है। सरकार भोपाल से नहीं चौपाल से चले, इसके लिए विकेंद्रीकरण की दृष्टि से कार्य किया जाए। पेसा नियमों के बारे में नुक्कड़ नाटक, दीवार लेखन और अन्य माध्यमों से आवश्यक प्रचार भी किया जाए। जन अभियान परिषद का पूरा सहयोग प्राप्त किया जाए। जनजातीय वर्ग के लोगों को मजबूत बनाने के लिए यह एक क्रांतिकारी निर्णय लिया गया है। जनजातीय परम्पराओं और संस्कृति के संरक्षण का कार्य भी पेसा नियम का प्रमुख भाग है। यही नहीं श्रमिकों के अधिकारों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। पेसा नियमों के लिए वन विभाग के अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, मछली पालन, राजस्व, गृह, खनिज, जल संसाधन और वाणिज्यिक कर विभाग का परस्पर समन्वय रहेगा।
प्रशिक्षण भी दिया जाएगा
पेसा नियमों के संबंध में विशेष प्रशिक्षण की रूपरेखा बनाई गई है। इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स जनजातीय पंचायतो में जाकर लोगो को जागरूक करेंगे हर ग्राम सभा के लिए 27 नवम्बर तक मास्टर ट्रेनर्स का चिन्हांकन करते हुए उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए 25 से 30 नवम्बर की अवधि निर्धारित की गई है। इसके बाद मास्टर्स ट्रेनर 5 दिसम्बर से आवंटित किए गए ग्रामों में जाएंगे और वहाँ दो से तीन दिन रूक कर सरल भाषा में ग्राम सभा में पेसा नियमों की बारीकियाँ समझाएंगे