आई ए एस : ये है मध्यप्रदेश शासन के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस , केंद्र सरकार से दूसरी बार मिला 6 माह का एक्सटेंशन
31 मई को होने वाले थे सेवा निवृत्त , अब 30 नवम्बर तक बढ़ा कार्यकाल
आइए जानते हैं मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव की खास बातें-
-
इन्होंने ही मध्यप्रदेश में लागू कराया था लोक सेवा गारंटी कानून
-
देश मे पहली बार आनंद विभाग के गठन का भी है श्रेय
-
सेवा निवृति के बाद केंद्र सरकार ने सेवाओ के लिए बढ़ाया एक साल का कार्यकाल
♦भोपाल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को लेकर चल रहे कयासों पर विराम लग गया है। केंद्र सरकार ने मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को ही 6 महीने का एक्सटेंशन और दे दिया है। अब वे नवम्बर तक मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी रहेंगे। यह दूसरी बार उन्हें 6 माह का एक्सटेंशन दिया गया है।
उनके 31 मई को सेवा निवृत्त होने पर अगले चीफ सेकेट्री के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे आई ए एस अनुराग जैन और अतिरिक्त मुख्य सचिव हेल्थ एंड मेडिकल एजुकेशन मो. सुलेमान के नाम भी दौड़ में शामिल थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास पर चीफ सेकेट्री के नाम को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा की थी। प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस 31 मई को रिटायर होने वाले थे कि अब उनका कार्यकाल 6 महीने और बढ़ाने का आदेश जारी हो गया है। मध्यप्रदेश में अगले साल नवंबर 2023 में विधानसभा के चुनाव भी होना हैं। तय है कि इकबाल सिंह बैस 30 नवम्बर तक सीएस रहेंगे।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस आई ए एस लाबी के सबसे सीनियर और काबिल अफसर है। मध्यप्रदेश के सीहोर में बतौर कलेक्टर सन 1993 में उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी। पंजाब में 13 नवंबर 1962 को जन्मे इकबाल सिंह बैंस ने इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रथम श्रेणी में ग्रेजुएशन किया है।सीहोर में वे 9 अगस्त 1993 तक पदस्थ रहे थे। इसके बाद उन्हें गुना का कलेक्टर बनाया गया था फिर 1 अगस्त 1996 को वे भोपाल जिले के का कलेक्टर बने और । भोपाल में विकास को नए आयाम देने के साथ ही कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया था । इसके बाद वे 1 अगस्त 1999 से 1 जून 2000 तक चुनाव और लॉ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट मध्यप्रदेश में जॉइंट चीफ इलेक्टोरल डायरेक्टर भी रहे हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के इस अफसर और मुख्य सचिव इकबाल सिंह की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वे अपने दायित्वों के प्रति सबसे सजग अधिकारी हैं। उन्हें गंभीर और सख्त एडमिनिस्ट्रेटर माना जाता है। उन्होंने ही मध्यप्रदेश में लोक सेवा गारंटी कानून को लागू करवाया था। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ है।
अब तक 5 सीएस को मिला एक्सटेंशन
मध्यप्रदेश में अब तक पांच चीफ सेकेट्री को एक्सटेंसन मिला है इनमे बीपी सिंह – 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2018 तक,आर परशुराम – 2012-13 में 6 माह, हरीश खन्ना – 1989- 90 में 4 महीने ,आरपी कपूर – 1990-91 में 6 माह, ।दूसरी बार एक्सटेंसन पाने वाले मुख्य सचिव इकबाल सिंह पहले अधिकारी है। मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव बनने से पहले इकबाल सिंह बैंस कई अहम पदों पर रहे हैं। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त , पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं। वे मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव भी रह चुके हैं।
जब वे जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे, तो उन्हें भाजपा सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से विशेष आग्रह करके वापस बुलाया था। पहली बार मुख्य सचिव बनाए जाने से पहले इकबाल सिंह बैंस राजस्व मंडल ग्वालियर के अध्यक्ष थे। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 1985 बैच के IAS अफसर हैं।