जबलपुर हाई कोर्ट ने अवमानना पर छिन्दवाड़ा एस पी विनायक वर्मा को दिए निलंबित करने के आदेश
तुलसी रामायण मण्डल के मंदिर की जमीन के मुआवजे का है मामला ,एन एच आई के अधिकारी का वारंट नही किया तामील
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Chhindwara SP Suspension
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना करने पर छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को तत्काल निलंबित करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रतिवादी को पेश न करने पर छिंदवाड़ा एसपी वर्मा के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को आदेश दिए हैं कि छिंदवाड़ा एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए और अब प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी उनकी होगी.
छिंदवाड़ा के तुलसी नारायण संकीर्तन मंडल की तरफ से हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि एनएचएआई ने मंडल के मंदिर की चार फाटक ब्रिज के समीप केसरी नांदन मन्दिर से लगी 1254 वर्ग फिट जमीन का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद एन एच आई ने मंडल को मुआवजा प्रदान नहीं किया था इसके खिलाफ मंडल ने हाईकोर्ट जबलपुर में एक याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा देने के आदेश दिए थे इसके बावजूद मंडल को सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा एनएचएआई ने दिया था हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में शेष 618 वर्ग फ़ीट जमीन का भी मुआवजा देने के आदेश देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था किन्तु यह राशि मंडल को नही मिली थी जिस पर अवमानना याचिका भी लगाई गई थी
अवमानना याचिका में बुधवार को सुनवाई से पहले कोर्ट ने एस पी विनायक वर्मा को 25 मार्च को आदेश दिए थे कि एन एच आई के अधिकारी को कोर्ट में पेश करे इसके लिए कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ यह जमानती वारंट जारी किया था.
पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को वारंट तामीली के निर्देश दिये थे. अवमानना याचिका में बुधवार को सुनवाई के दौरान एसपी की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है, जिसके कारण जमानती वारंट तामील नहीं हो पाया है. इस दौरान सरकार की तरफ से जमानती वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया था
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानती वारंट तामील नहीं होने का कारण अधिकारी का स्थानातंरण होना बताया है. इससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को आदेश दिए कि छिन्दवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को इस मामले में फैसला आने तक ससपेंड कर दिया जाए.
इसके साथ ही प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी गई हों. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.