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कनाडा के प्रधानमंत्री टूडो को ले डूबा खालिस्तान, पी एम और लिबरल पार्टी के नेता पद से दिया इस्तीफा,भारत मूल का हो सकता है नया पी एम

ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर है अनीता आनंद, बदलाव के बाद सुधरेंगे भारत से रिश्ते

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 विदेश –

कनाडा और भारत के संबंधों में खटास की वजह बने खलिस्तान समर्थक प्रधानमंत्री  स्टिन टूडो की जगह कनाडा में अब भारतीय मूल का नया प्रधानमंत्री हो सकता है। उनके प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कनाडा की राजनीति में नया भू – चाल आ गया है। यहां नए प्रधानमंत्री के लिए भारतीय मूल की अनीता आनंद का नाम लिया जा रहा है। अनीता आनंद वर्तमान  में कनाडा की ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर है। उनके पिता पंजाबी और माता तमिल की है।

कनाडा के प्रधानमंत्री स्टिन टूडो ने प्रधानमंत्री पद के साथ ही  लिबरल पार्टी के नेता पद से रिजाइन कर दिया है।  वे  कनाडा के 23वें पीएम और एक दशक से अधिक समय तक लिबरल पार्टी के नेता थे। ट्रूडो जब 11 साल पहले सत्ता में आए थे, तब वह लिबरल आइकन हुआ करते थे। ट्रूडो अपनी प्रगतिशील राजनीति के चलते दुनिया भर में ख्याति पाई थी।

भारत को लेकर उनका रुख ठीक नही था। यहाँ बड़ी संख्या में उन्होंने भारत के पंजाब खलिस्तान आतंकवादी बसाए थे। जो कनाडा से भारत विरोधी गतिविधियों को चलाते थे।

53 वर्षीय जस्टिन ट्रूडो नेता बनने से पहले वैंकूवर में टीचर थे। उन्होंने फिल्मों में भी काम किया। फिल्म द ग्रेट वार में एक्टिंग की। फिर साल 2008 में कनाडा की संसद में लिबरल पार्टी के सदस्य के तौर पर राजनीति में शामिल हुए थे।
साल 2011 में चुनाव हुए, जिसमें लिबरल पार्टी 34 सीटों पर जीती। ऐसे में 2013 में लिबरल पार्टी की कमान ट्रूडो को सौंप दी गई। ट्रूडो के नेतृत्व में साल 2015 में कनाडा में चुनाव हुए। लिबरल पार्टी 184 सीटें जीती और बहुमत से सरकार बनाई। इसी के साथ जस्टिन 44 साल की उम्र में कनाडा के 22वें प्रधानमंत्री बन गए थे।

जस्टिन ट्रूडो कनाडाई नेता और 15 साल पीएम की कुर्सी पर रहने वाले पीटर्स ट्रूडो के पुत्र हैं। पीटर्स ट्रूडो अपनी करिश्माई और प्रभावशाली नेतृत्व शैली के लिए जाने जाते थे। वह साल 1968 से 1979 तक और फिर 1980 से 1984 तक सत्ता में थे।  उन्होंने बीमारी के चलते 1984 में पीएम पद छोड़ दिया था।

क्‍या ट्रंप ने कराया ट्रूडो की पार्टी में विद्रोह?

अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुने जाने के बाद ट्रंप ने कहा था कि वह राष्ट्रपति पद संभालते ही कनाडा से निर्यात होकर अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर साइन करेंगे।
इसके बाद कनाडा की उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने पद से रिजाइन कर दिया था। इसके बाद ट्रूडो के 20 सांसदों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर पीएम पद से इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद उन्हें पी एम पद के साथ ही पार्टी नेता का भी पद छोड़ना पड़ा है। अभी चुनाव तक टूडो पी एम बने रहेंगे।

अब कौन संभालेगा कनाडा की सत्ता?

ट्रूडो की जगह लेने वालों की रेस में हाल ही में रिजाइन करने वाली उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और एमिली थॉर्नटन, मेलानी जोली, डोमिनिक लेब्लांक, मार्क कार्नी और फिलिप शैम्पेन शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय मूल की अनीता आनंद का भी नाम है।

कनाडा में ताजा सर्वे में बताया गया है कि  कंजरवेटिव पार्टी अपनी सत्ताधारी पार्टी लिबरल्स से 26 अंकों से आगे चल रही है। यह कंजरवेटिव पार्टी के लिए सबसे बड़ी बढ़त मानी जा रही है।
338 कनाडा डॉट कॉम की ओर से कराए गए सर्वे के अनुसार  में अगर अभी चुनाव होते हैं तो कंजरवेटिव पार्टी को प्रचंड बहुमत यानी 236 सीटों मिल सकती हैं। जबकि ट्रूडो की 30 से 35 सीटों पर सिमटती सकती है।


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