आठ फरवरी के बाद दिल्ली में नई सरकार, आम आदमी पार्टी साबित हुई आपदा सरकार
सी एम, डिप्टी सी एम से लेकर मंत्री तक निकले भ्रष्ट, खाई जेल की हवा

New Dehli Election
नई दिल्ली –
चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है।दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में पाँच फ़रवरी को वोट डाले जाएंगे। नतीजे आठ फ़रवरी को आएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 12 सीट आरक्षित हैं। 58 जनरल सीटें हैं। दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता हैं। इनमें से 83.49 लाख पुरुष और 71.74 लाख महिला वोटर हैं। दिल्ली में पहली बार वोट करने वाले युवा मतदाता संख्या दो लाख है। मतदान केलिए 13 हज़ार से अधिक पोलिंग बूथ है।
यहां आम आदमी पार्टी ने जह सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।. बीजेपी ने भी 29 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इसके अलावा कांग्रेस भी 40 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार अब तक उतार चुकी है।
भाजपा की दिल्ली में 1993 में सरकार थी। तब सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री थी।इसके बाद 2014 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित की सरकार रही। इसके बाद अण्णा हजारे आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी की सरकार है। इस सरकार के सी एम अरविंद केजरीवाल से लेकर डिप्टी सी एम मनीष सिसोदिया सहित आधा दर्जन मंत्री और सांसद शराब, शिक्षा घोटाला में फंसकर जेल की हवा खा चुके हैं। वर्तमान में सी एम आवास शीश महल मुद्दा चर्चित है। जिसमे करीब 45 करोड़ का बड़ा खर्च सुख – सुविधाओं पर किया गया है।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में पी एम आवास, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान कार्ड सहित अनेक योजनाओं को दिल्ली में लागू ही नही किया है। जिससे आम जनता योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। आम आदमी पार्टी का राजनीतिक अनुभव प्राइमरी लेबल का है। बदलाव के चक्कर मे दिल्ली की जनता समस्याओं में ही जीवन जीने को मजबूर है। कहने को यह देश की राजधानी है लेकिन हालात बदद्दतर है।