मरकर भी जिन्दा है पांढुर्ना का किसान गणेश, लीवर ,किडनी और आंखों का किया महादान
किडनी - लीवर तत्काल प्रत्यारोपित, आँखे आई बैंक में है सुरक्षित
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्ना तहसील के ग्राम सिवनी के एक किसान की अकस्मात मौत होने पर परिजनों ने उसके “अंगदान” करने के बाद अंतिम संस्कार किया है। 57 साल के किसान का यह “अंगदान” नागपुर एम्स में हुआ है। डॉक्टरों ने उसकी “किडनी” और लीवर संस्थान में ही भर्ती दो जरूरतमंद “मरीजों” को प्रत्यारोपित कर उन्हें नई “जिंदगी” दी है।
जानकारी के अनुसार पांढुर्ना के ग्राम सिवनी में रहने वाला किसान “गणेश सवाई” गत 14 अगस्त को अपनी बाइक से खेत जा रहा था कि बाइक मार्ग में फिसल गई थी। सिर पर घातक चोट लगने से वह घायल था। परिजन उपचार के लिए उसे नागपुर ले गए थे। जहां 15 अगस्त को चिकित्सको ने गणेश को “मृत” घोषित कर दिया था।
इस दौरान “एम्स”के डॉक्टर्स ने गणेश के परिजनों को अंगदान की प्रेरणा दी जिस पर मरणोपरांत परिजन “अंगदान” के लिए तैयार हो गए। परिजनों का कहना था कि “अंगदान” करने से “गणेश” मरने के बाद भी उन लोगो के माध्यम से “जिंदा” रहेगा जिन्हें अंगों को जरूरत है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान “एम्स” के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम में जांच के बाद डॉ . सुचेता मेश्राम , डॉ . भरतसिंह राठोड़ , डॉ . वरिध कटियार ने गणेश का ब्रेन डेड होने की पुष्टि और सभी कागजी कार्यवाही के बाद गणेश के “मृत” शरीर से “किडनी”लीवर,आंखे सहित अन्य अंग निकाले गए थे।
इन अंगों को तत्काल ही “एम्स” की वेटिंग लिस्ट में आए मरीज में “गणेश” की एक किडनी 50 साल के पुरुष मरीज पर प्रत्यारोपित की गई । दूसरी किडनी एसएस हॉस्पिटल की 54 साल की महिला के शरीर मे प्रत्यारोपित की गई है। न्यू ईरा अस्पताल के 57 साल के मरीज के शरीर मे “लीवर” प्रत्यारोपित किया गया है। “गणेश” की दोनों आंखों का कार्निया महात्मे “आई बैंक” में जरूरतमंद के लिए सुरक्षित रखा गया है। इससे दो जरूरतमंद लोगों की “आंखों” को रोशनी मिलेगी।
गणेश के परिवारजनों की उपस्थिति में “गणेश” के अंगों का जरूरतमंदों को “प्रत्यारोपित” किया गया और फिर शव परिवार जनों को सौपा गया है। “एम्स” में बड़ी संख्या में लोगो ने “अंगदानी” गणेश को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। परिजनों ने एम्बुलेंस से शव ग्राम सिवनी लाकर उसका “अंतिम” संस्कार किया।