छिंदवाड़ा में चंडीगढ़ का घातक नशा : एम डी ड्रग के साथ कोतवाली पुलिस ने पकड़े चार पैडलर
सप्लायरों और नशेड़ियों का भी जल्द पर्दाफाश करेगी पुलिस
♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिंदवाड़ा घातक नशे की गिरफ्त में है। शराब, गांजा ,चरस ,अफीम ,भांग के बाद अब छिंदवाड़ा में केमिकल ड्रग एम डी की भी एंट्री हो गई है। विदेशी शराब और गांजा की बड़ी खेप पकड़ने के बाद कोतवाली पुलिस ने पहली बार एम डी ड्रग के साथ चार ड्रग पैडलर पकड़े है। जो छिंदवाड़ा में इस ड्रग की सप्लाई करते थे। पैडलर्स के पास से 5 ग्राम 800 मि.ग्रा ड्रग बरामद किया गया है। जिसकी कीमत करीब 18 हजार रुपए है। एम डी ड्रग मानव शरीर के लिए घातक है। इसमें व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इस नशे का उपयोग पंजाब के चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा बताया गया है। मुम्बई की फिल्मी दुनिया के लोग भी इसकी गिरफ्त में है। यह नशा अब छिंदवाड़ा तक भी आ पहुंचा है।
एस पी मनीष खत्री ने बताया कि नशे के खिलाफ एक्शन में पुलिस को सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति अन्य राज्य से आकर छिंदवाड़ा जेल बगीचा के पास खड़े होकर अपने पास में अवैध मादक पदार्थ एम.डी.ड्रग्स पाउडर किसी ग्राहक को बेचने के लिये रास्ता देख रहे हैं। सूचना पर कोतवाली पुलिस टीम ने तकाल हरकत में आकर मौके की घेराबंदी की। यहां अजीत पिता राजकुमार चौधरी उम्र 26 साल निवासी ग्राम गंगेरुआ जिला सिवनी, चित्रांश पिता महेश चौहान उम्र 24 साल निवासी ग्राम बिरहरी जिला सिवनी, प्रियांशु पिता पूनाराम डेहरिया उम्र 19 साल निवासी मधुवन कालोनी छिंदवाड़ा, और साहिल पिता सत्तार शाह उम्र 22 साल निवासी सागरपेशा छिंदवाड़ा को पकड़ा गया। जिनके पास से 5 ग्राम 800 मि.ग्रा. एमडी ड्रग बरामद किया गया है। इस ड्रग की कीमत 17 हजार 400 रुपये बताई गई है।
चारो ड्रग पैडलर के खिलाफ अपराध क्रमांक 734/24 धारा 8,22,29 एन.डी.पी.एस. एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। आरोपियों से गहन पूछताछ की गई है। आरोपियों के दो और साथियों की तलाश की जा रही है। कोतवाली पुलिस को ड्रग नेक्सस का पर्दाफाश करने में यह बड़ी सफलता मिली है। कार्रवाई के लिए कोतवाली टीम को पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया गया है।
आरोपियों के पास से ड्रग के अलावा उनके मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। मोबाइल से उनकी ड्रग सप्लाई लिंक भी खंगाली जा रही है। आरोपियों ने छिंदवाड़ा आकर किसी अन्य व्यक्ति को यह ड्रग बेचने के लिए लाए थे। ऐसा बताया है। जल्द ही पुलिस उस व्यक्ति का भी पर्दाफाश करेगी। आरोपियों को पकड़ने में कोतवाली टी आई . उमेश गोल्हनी, उप निरीक्षक. नारायण बघेल, ए एस आई ब्रजेश रघुवंशी, अमित यादव, प्रधानारक्षक . युवराज रघुवंशी, रवि ठाकुर, आरक्षक विकास बैस, राकेश बघेल, सागर मर्सकोले, साइबर सेल के . नितिन सिंह आदित्य रघुवंशी, राहुल डडोरे, भास्कर सतनामी और रोहित की विशेष भूमिका रही है।
एम डी ड्रग के नशाबाजो का भी पर्दाफाश करे पुलिस ..
एम डी ड्रग का रासायनिक नाम मिथाइल एनीडियोक्सी मेथामफेटामाइन है। जो आमतौर पर टैबलेट और क्रिस्टल में आता है। महानगरों में युवा बड़ी संख्या में इसकी गिरफ्त में है। अब इसका कारोबार छिंदवाड़ा में भी होने लगा है। मतलब साफ जाहिर है कि छिंदवाड़ा के युवा भी इस नशे की चपेट में आ रहे हैं। एम डी ड्रग को मुंह से लिया जाता है। इसके नशे का प्रभाव 30 से 45 मिनट बाद शुरू होकर 3 से 6 घंटे तक रहता है। मेडिकल में इसका उपयोग होता है लेकिन नशेड़ियों ने इसे बड़ा नशा बना डाला है। इसकी लत लगने पर यह शरीर पर इस कदर का असर करता है कि फिर इसके बिना नशेड़ी रह नही सकता है। इसका नशा एफेड्रिन, एम्फ़ैटेमिन, और मेथैम्फेटामाइन के साथ मिश्रित कर भी किया जाता है। युवाओ को नशा करने में आनंद आता है किंतु यह कब मौत की आगोश मे पहुँचा देगा इसका भी पता नही चल पाता है। एमडीएमए मुख्य रूप से मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरएड्रेनालाईन की गतिविधि को बढ़ाकर कार्य करता है। यह प्रतिस्थापित एम्फ़ैटेमिन दवाओं के वर्ग से है। आम उपयोग के लिए नही है। प्रतिबंधित है। इसका नशा भी अपराध है। पुलिस को इसके नशेड़ीयो का भी पर्दाफाश करना चाहिए।
कही दूसरा चंडीगढ़ ना बन जाए छिंदवाड़ा ..
आखिर कौन वे युवा है जो एम डी ड्रग के आदि हो रहे हैं। जिससे इस घातक नशे का कारोबार छिंदवाड़ा में फलने – फूलने लगा है। पुलिस को उनकी भी पहचान कर कमर तोड़ना होगा नही तो छिंदवाड़ा को दूसरा चंडीगढ़ बनते देर ना लगेगी। यह नशा आम लोगो के बस की बात नही है। महंगा शौक है और शहर के कई रईसजादे युवा ही नही युवती भी इसके शौकीन बताए गए हैं। इन नशाबाजो को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ।