ChindwaraMetro City Mediaमध्यप्रदेश

धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर, हर साल 30 लाख लोगों की मौत

क्रिम्स हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अशोक अरबट, श्ववसन रोग विशेषज्ञ

Metro City Media

♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश –

पटाखों का धुआं फेफड़ों के लिए हानिकारक  है। छोटे बच्चों को इसके  धुएं से दूर रखा जाना चाहिए। नागपुर के क्रिम्स हॉस्पिटल के डायरेक्टर
डॉ. अशोक अरबट, श्ववसन रोग विशेषज्ञ  ने यह सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि  जैसे-जैसे ठंड आ रही है, खुशनुमा माहौल स्वास्थ्य के लिए अनुकूल बन रहा है। लेकिन ठंड के साथ आने  त्योहार पर फोड़े जाने वाले पटाखे बच्चों के फेफड़ों के लिए खतरनाक होते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को पटाखों के धुएं से दूर रखें।
डॉ. अरबट ने बताया कि दिवाली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है।  हालांकि पटाखों में रंग-बिरंगी आकर्षक बारूद होते है। लेकिन इससे निकलने वाला रासायनिक धुआं बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। बच्चों के शरीर के आंतरिक अंग पहले से ही विकसित हो रहे होते हैं। इसलिए दिवाली के दौरान पटाखों से निकलने वाला हानिकारक रासायनिक धुंआ बच्चों के फेफड़े, हृदय, किडनी जैसे अंगों के लिए खतरनाक होता है। जिन लोगों को पहले से ही श्वसन संबंधी विकार है। उन्हें दिवाली त्योहार के दौरान जितना संभव हो सके बाहर निकलने से बचना चाहिए। जिन्हें क्रोनिक अस्थमा है। उन्हें भी इस दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। दिवाली से पहले हमारे यहां पूरे घर की साफ-सफाई करने की परंपरा होती है। उस दौरान उड़ने वाली धूल सांस लेने के लिए खतरनाक होती है। मूल रूप से दिवाली मंगलमय और रोशनी का त्यौहार है।  डॉ. अरबट ने यह भी सलाह दी कि जिनके घर छोटे बच्चे है उन माता-पिता को दिवाली मनाते समय उन्हें पटाखों के धुएं से दूर रखकर उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है ।

पटाखों में मौजूद खतरनाक केमिकल – शरीर पर उनका प्रभाव

  • आर्सेनिक – त्वचा, फेफड़ों, ब्लड सर्कुलेशन के लिए हानिकारक
  • पारा- न्यूरोटॉक्सिन केमिकल किडनी, लीवर, नर्वस सिस्टम के लिए हानिकारक होते है।
  • कैडमियम- किडनी, हड्डियों के लिए खतरनाक।
  • क्रोमियम- कैंसर का कारण बनता है, फेफड़े- हृदय जैसे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है।
  • लीड – न्यूरोटॉक्सिन विषैले पदार्थों के कारण मस्तिष्क (दिमाग) पर प्रभाव पड़ता है।

ये लक्षण चेतावनी के संकेत है

  • गले मे खराश
  • सांस लेने में कठिनाई
  • जल्दी सांस फूलना
  • बार-बार कमजोरी महसूस होना, शरीर में खुजली होना
  • कानों में बधिरता, आँखों से पानी आना

फेफड़ों का स्वास्थ्य खतरे में

वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 70 लाख लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है
फेफड़ों की बीमारी के कारण दुनिया भर में हर साल 30 लाख लोगों की मौत होती है। वायु प्रदूषण, धूम्रपान फेफड़ों के लिए हानिकारक होते है। निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन पर जोर दिया जाना चाहिए। कम दूरी के लिए साइकिल चलाने या पैदल चलने को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। डॉ. अशोक अरबट ने बताया कि, धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है, जिससे लगभग 85% मौतें होती हैं। और श्वसन संबंधी बीमारियाँ विश्व स्तर पर मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक हैं।


Metro City Media

Metro City Media

Chhindwara MP State Digital News Channel & Advertiser Editor-Mukund Soni Contact-9424637011

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker