Metro City Mediaछिन्दवाड़ाधार्मिकमध्यप्रदेश

“हनुमान शक्ति” का बड़ा पावर सेंटर है छिन्दवाड़ा का चमत्कारिक “जामसावली हनुमान मंदिर”

प्रतिमा सहित स्वयं सिद्ध है स्थल, प्रतिमा ना लाई गई है ना ही बनाई

Metro City Media

मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-

ना किसी ने प्रतिमा लाई है ना ही किसी ने बनाई है ना किसी ने प्राण प्रतिष्ठा की है।  जामसावली का “चमत्कारिक” हनुमान मंदिर हनुमान जी का स्वयं सिद्ध स्वयंभू “सिद्ध स्थल” है। यू कहा जा सकता है कि इस स्थल पर हनुमान जी  “सिद्धयोग” रूप में पाषाण प्रतिमा में विराजते हैं।”प्रतिमा” प्राकृतिक रूप से उसी स्थल पर सदियों से है।

यहां ना कोई सिद्ध पुरुष है ना आज तक किसी को कोई सिद्धि मिली है ना ही मन्दिर के किसी आचार्य महंत सेवक के पास इतनी ताकत है कि वह किसी पीड़ित की मदद कर सके या मनोबल दे सके। जो कुछ है बस वही प्रतिमा है। “नाशे रोग हरे सब पीरा जो सुमरे हनुमत बल वीरा” हनुमान चालीसा की यह चौपाई ही यहां आने वाले भक्तों को अपनी “सिद्धता”का प्रमाण देती है।

इस प्रतिमा को  ना कोई हिला सकता है ना कोई स्थान बदल सकता है।  हनुमान जी की  “लेटी” हुई प्रतिमा पूरे भारत मे शायद  कही नही है ना ही सुना या देखा गया है कि हनुमान जी की इतनी बड़ी प्रतिमा कही किसी मन्दिर या स्थल पर लेटी हुई अवस्था मे है।

जामसावली छिन्दवाड़ा जिले की सौसर तहसील का एक छोटा गांव है।पहले इस स्थल पर जामसावली  सहित आस- पास के  गांव के  वे लोग ही जाते थे जिन्हें कोई “प्रेत बाधा” हो या कोई “मनोकामना”और “मनोरथ”  इस प्रतिमा के  सामने खड़े होने मात्र से बाधा दूर हो जाती थी। इससे भी काम ना हुआ तो यहां प्रतिमा की “नाभि” से रिसने वाले प्राकृतिक जल के ” छीटे” मारे जाते थे और “प्रेत बाधा” निकल जाती थी। ऐसी बाधा वाले एक- दो नही बल्कि सैकड़ो लोगो ने जब यहां प्राकृतिक रूप से बनी हनुमान जी की लेटी हुई पाषाण प्रतिमा का ” चमत्कार” देखा तब यह स्थल प्रसिद्धि की तरफ बढ़ा और फिर यहाँ हजारो की संख्या में भक्तों का तांता लगने लगा जिसका बढ़ता क्रम आज भी बना हुआ है। आज इस मंदिर की ना केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश मे ही पहचान “जामसावली के प्रसिद्ध चमत्कारिक हनुमान मंदिर” के रूप में है।

भक्तों की बढ़ती “आस्था” से यहां क्षेत्र वासियो ने पहले मन्दिर समीति बनाई और फिर ट्रस्ट जो अब मन्दिर की व्यवस्थाओं का संचालन करता है। खास बात यह है कि आप जब भी इस मंदिर में जाएंगे तो आपको प्रेतबाधा के दर्जनों पीड़ित यहां मिलेंगे ही। जो मन्दिर के ” चमत्कारिक” होने का प्रमाण है। अब दूर- दूर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना और “पीड़ा” लेकर आते हैं। जिसका समाधान भी उन्हें मिलता है। यही समाधान जामसावली हनुमान  के प्रति लोगों को गहरी आस्था से भर देता है। यहां आपको अपनी समस्या किसी से कहना नही होता है बल्कि ” हनुमान जी” की  आराधना कर रखना होता है। हनुमान जी यहां स्वयं विश्राम प्रतिमा स्वरूप में सुनवाई कर भक्तों की पीड़ा हरते है।

यहां मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा में ” हनुमान लोक” बनाने का फैसला लेना भी कम “चमत्कारिक” नही है। यहां अब तक मन्दिर प्रांगण का ठीक प्रकार से विकास भी नही हो पाया था। वहां अब 314 करोड़ की लागत से हनुमान लोक के बनने का कार्य शुरू हो रहा है। “मुख्यमंत्री ” जामसांवली” मन्दिर में हनुमान जी महाराज के दर्शन के लिए  जब पहली बार आए थे। तब मन्दिर के विस्तार के लिए “20 करोड़” की राशि देने की घोषणा की थी किन्तु इस सिद्ध स्थल को यह मंजूर ना था अब यहां वह कार्य होने जा रहा है कि पूरे छिन्दवाड़ा जिले में ऐसा कोई स्थल है ना ही बन सकता है। हनुमान लोक केवल मध्यप्रदेश ही नही देश मे एक मात्र इकलौता हनुमान लोक होगा।  “हनुमान लोक” की अवधारणा  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। धार्मिक आस्था चेतना के “जीवंत” प्रमाणिक स्थल के विकास के लिए सरकार के ये कदम “सनातन संस्कृति” के सरंक्षण और  धर्म ध्वजा  के संवाहक का भी प्रमाण बनेगा।

सौसर के पूर्व विधायक “नाना मोहोड़”  और भाजपा के जिला अध्यक्ष “विवेक साहू बँटी” ने बताया कि  जामसांवली में चमत्कारिक  हनुमान लोक का निर्माण लगभग 26.50 एकड़ भूमि में किया जायेगा ।  योजना के प्रथम चरण में 35.23 करोड़ की लागत के कार्य होंगे। इस मंदिर में देश के सिद्ध जनों का भी एक नही अनेक बार आगमन हो चुका है।

आइए आपको बताते हैं कि कैसा होगा ” हनुमान लोक”

छिंदवाड़ा जिले के जामसांवली में गुरुवार को  हनुमान लोक’  की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  नींव रखी है ।  यहां अभी  प्रथम चरण के निर्माण कार्यों की ही शुरुआत हो रही है।

  •  भव्य प्रवेश द्वार मराठावाड़ा वास्तुकला से प्रेरित है। इसके साथ ही भव्य प्रवेश द्वार में भगवान के विराट स्वरूप की छवि दिखेगी।
  • चिरंजीवी पथ: मुख्य प्रवेश द्वार से प्रथम प्रांगण तक 500 मीटर लंबा चिरंजीवी पथ बनेगा।
  • प्रथम प्रांगण: चिरंजीवी पथ और प्रथम प्रांगण के 90 हजार वर्गफुट क्षेत्र में कलाकृतियों के माध्यम से अंजनी पुत्र हनुमान के बाल स्वरूप का मनोहारी चित्रण होगा।
  • द्वितीय प्रांगण: करीब 62 हजार वर्गफुट क्षेत्र में मूर्तियों और कलाकृतियों के माध्यम से भक्त-शिरोमणी हनुमान के भक्ति स्वरूप का चित्रण किया जाएगा।
  • मुक्ताकाश मंच: रामलीला और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए जलाशय के तट पर 12 हजार वर्गफुट क्षेत्र में बनेगा ओपन एयर थियेटर बनेगा।
  • आयुर्वेदिक चिकित्सालय: संजीवनी बूटी लाने वाले भगवान के संकटमोचक स्वरूप से प्रेरणा लेकर परिसर में आयुर्वेदिक चिकित्सालय बनेगा।
  • नदी सौंदर्यीकरण: मंदिर के समीप बहने वाली नदी तट के सौंदर्यीकरण और लैंडस्केपिंग के माध्यम से श्रद्धालुओं के बैठने आदि की व्यवस्था बनाई जाएगी।
  •  प्रशासनिक कार्यालय: 37 हजार वर्गफुट में निर्मित किया जाएगा कम्युनिटी सेंटर, जन सुविधाएं, ट्रस्ट ऑफिस, प्रशासनिक कार्यालय और कंट्रोल रूम बनेगा।
  • फूड कोर्ट: प्रसाद-पूजन सामग्री और भोजन आदि व्यवस्था के लिए 120 दुकान एवं फूड कोर्ट बनेंगे।
  • विस्तृत पार्किंग: 400 चार पहिया वाहनों और 400 दो पहिया वाहनों की क्षमता के लिए डेढ़ लाख वर्गफुट क्षेत्र में पार्किंग विकसित की जाएगी।
  • पहला चरण पूरा होने के बाद यहां पर द्वितीय चरण शुरू होगा। इसमें रामटेकरी पर्वत की परिक्रमा के लिए संजीवनी पथ का विकास होगा, अष्टसिद्धि केंद्र और संस्कृत विद्यालय बनाया जाएगा
  • योगशाला प्रवचन हॉल और ओपन एयर थियेटर बनेंगे। जाम नदी पर घाट का निर्माण होगा।
  • वाटर फ्रंट पाथ वे एवं सिटिंग एरिया, भक्त निवास, भोजनालय एवं गौशाला बनाई जाएगी।

देखे बनने वाले हनुमान लोक का वीडियो-


Metro City Media

Metro City Media

Chhindwara MP State Digital News Channel & Advertiser Editor-Mukund Soni Contact-9424637011

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker