छिन्दवाड़ा लोकसभा : उम्मीदवारी में भाजपा की गुटबाजी से दूर युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप राणा के नाम पर मंथन
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने टटोला छिन्दवाड़ा के कार्यकर्ताओ का मन, संभावित प्रत्याशियो के नामो पर विचार
♦ छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा का छिन्दवाड़ा में ऑब्जर्वेशन शुरू हो गया है। इस ऑब्जर्वेशन में नए चेहरे और नए नाम मे युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप राणा के नाम ने ना केवल पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश के नेताओ बल्कि छिन्दवाड़ा के युवाओ का ध्यान भी तेजी से आकर्षित किया है। छिन्दवाड़ा से संभावित प्रत्याशियो के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मन टटोलने आए केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंन्त्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी योगेंद्र प्रताप राणा से पार्टी कार्यालय में लंबी बात कर फीडबैक लिया है। उन्होंने लोकसभा उम्मीदवार के लिए योगेंद्र राणा के नाम पर भी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ से मंथन किया है।
युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पद पर रहते हुए केवल कार्यकर्ता भाव से पार्टी का कार्य करने वाले युवा मोर्चा अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप राणा जिले में पार्टी की गुटबाजी से दूर निर्विवाद नाम है। वे पार्टी में व्याप्त गुटबाजी से कोसो दूर है। उन्होंने पार्टी की रीति नीति के साथ दिए लक्ष्य में छिन्दवाड़ा युवा मोर्चा को मध्यप्रदेश में अव्वल बनाया है। निकाय, पंचायत और विधानसभा के चुनाव में व्यक्ति को छोड़ केवल पार्टी का कार्य किया है। हजारो की संख्या में युवाओ को पार्टी से जोड़ा है। लेकिन पार्टी से मांगा कुछ नही है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी के लिए उनके नाम पर पार्टी विचार कर रही है। पार्टी छिन्दवाड़ा के लिए युवा चेहरे की ही तलाश में है। जो ऊर्जावान भी हो और अंतर्कलह से दूर जनमानस के कार्यो और उनके कल्याण का जज्बा रखता हो।
भाजपा का केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व छिन्दवाड़ा को लेकर यह बात अच्छे से जानता है कि उसे छिन्दवाड़ा में अपना सक्षम नेतृत्व तैयार करना है। यह कार्य अब तक छिन्दवाड़ा में नही हो पाया है। चुनाव में संगठन कितना ही कार्य कर ले दावा कर ले लेकिन परिणाम सब कुछ बता देता है। कमी खोजकर आगे बढ़ने की रणनीति में योगेंद्र प्रताप राणा लोकसभा के लिए प्रत्याशी चयन की सूची में पहुंच गए हैं। हालाकि इस सूची में भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू , रेडक्रास सोसायटी के चेयरमेन गगन कोल्हे, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शेषराव यादव, दारा जुनेजा का भी नाम है। रायशुमारी में तो छिन्दवाड़ा से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की भी मांग छिन्दवाड़ा लोकसभा प्रत्याशी के लिए की गई है।
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के मिशन -29 में केवल छिन्दवाड़ा टारगेट है। भाजपा पिछले लोकसभा में मध्यप्रदेश की 29 में से 28 सीट जीत चुकी है केवल छिन्दवाड़ा जीतना ही शेष था। इस बार 29 मे से 29 का लक्ष्य हर हाल में पूरा करने छिन्दवाड़ा पर विशेष ध्यान है। जिसको लेकर जिला स्तर और नही बल्कि केंद्रीय और प्रदेश लेबल पर कार्य योजना को गति दी जा रही है।
छिन्दवाड़ा में नगरीय निकाय, पंचायत, और विधानसभा चुनाव को लेकर एक बात साफ हो गई है कि पार्टी की गुटबाजी जीत में बड़ा अड़ंगा है। इस अड़ंगे को दूर करने के लिए कुछ अलग रणनीति छिन्दवाड़ा में आजमाने के लिए बतौर पर्यवेक्षक पार्टी ने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंन्त्री कैलाश विजयवर्गीय को छिन्दवाड़ा की जवाबदारी दी है। उनके आगमन पर पार्टी कार्यालय में वे चेहरे भी नजर आए थे जो मौजूद संगठन के कारण दूरी बनाए बैठे हैं। नगरीय प्रशासन मंन्त्री पार्टी के राष्टीय महासचिव है। पश्चिम बंगाल में पार्टी को उन्होंने 72 सीट तक पहुंचा दिया है जहाँ भाजपा का एक भी विधायक ना था। अब ऐसे नेता को छिन्दवाड़ा की जवाबदारी दी गईं हैं तब हर स्तर पर मंथन के बाद ही पार्टी छिन्दवाड़ा के लिए प्रत्याशी घोषित करने का काम करेगी।
प्रदेश शासन के ग्रामीण विकास मंन्त्री प्रह्लाद पटेल को हटाकर छिन्दवाड़ा पर्यवेक्षक और जबलपुर क्लस्टर प्रभारी बनाए गए प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंन्त्री कैलाश विजयवर्गीय ने छिन्दवाड़ा में लोकसभा क्षेत्र के 33 मंडलों के अध्यक्ष सहित 100 से ज्यादा पदाधिकारियों से अलग – अलग चर्चा की है। जिसमे उन्होंने साफ तौर पर कहा कि छिन्दवाड़ा के संगठन ने भले ही बेहतर कार्य किया हो पर परिणाम कुछ नही है।इसमे गुटबाजी के कारण पार्टी को छिन्दवाड़ा में सफलता नही मिल रही है। हमे नेता नही कार्यकर्ता चाहिए नेता तो हमारे पास है। मोदी जी आज भारत के ही नही विश्व के सबसे बड़े नेता हैं।
बड़ी बात यह भी है कि युवा फेक्टर के चलते ही भाजपा ने छिन्दवाड़ा में बदलाव का बड़ा रिस्क ले रखा है । यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा के जमाने से नेतागिरी करते चले आ रहे नेताओ को दरकिनार किया गया था ताकि छिन्दवाड़ा में नया नेतृत्व उभरकर सामने आए किन्तु गुटबाजी में यहां नए का भला हो पाया ना ही पुराने नेताओ का। आज नई पीढ़ी तैयार ना कर पाने के कारण का कांग्रेस गर्त में चली गई हैं।
भाजपा रणनीतिक पार्टी है फिर भी यहां सफलता ना मिलना बता रहा है कि कुुछ और नया ही करना होगा। छिन्दवाड़ा में पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर अति गंभीर है। इसमे कोई बडी बात नही है कि छिन्दवाड़ा में पी एम ओ से भी सीधी नजर रखी जा रही है और अब तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भी छिन्दवाड़ा आने वाले है। इतना ही नही छिन्दवाड़ा लोकसभा के लिए छिन्दवाड़ा तो नही पांढुर्ना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा की भी योजना पर भी कार्य चल रहा है। माना यह भी जा रहा है कि पार्टी यहां लोकसभा का उम्मीदवार भी पहले घोषित करेगी ताकि तैयारी बेहतर हो सके। अब देखना है लोकसभा के नाम पर यहाँ किसके सितारे बुलंद होते हैं।