वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड में छिन्दवाड़ा का पातालकोट
केंद्र सरकार भी घोषित कर चुकी है गोंडवाना लैंड
छिन्दवाड़ा – भारत सरकार द्वारा घोषित देश का पहला गोंडवाना लैंड छिन्दवाड़ा जिले की तामिया तहसील का पातालकोट अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज हो गया है वर्ल्ड बुक ने पातालकोट को विश्व के अनोखे पौराणिक महत्वपूर्ण स्थान के साथ ही आदिवासी संस्कृति औषधीय भंडार के साथ ही सदियों से यहाँ निवास कर रही भारिया जन जाति के निवास के रूप में दर्ज किया है स्वीटजरलैंड से पातालकोट के गांव चिमटीपुर आकर वर्ल्ड बुक के विल्हेम जेजलर और उनकी टीम ने यह प्रमाणपत्र जुन्नारदेव के एस डी एम मधुवंत राव धुर्वे को दिया है इस अवसर पर वर्ल्ड बुक टीम के सम्मान में चिमटीपुर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें भारिया जन जाति ने अपनी संस्कृति की झलक में नृत्य लोकगीत पेश किए साथ ही पातालकोट में पाई जाने वाली औषधियों का प्रदर्शन कर उनके उपयोग भी बताए इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के मण्डल संयोजक रवि कनोजिया तहसीलदार ,जनपद सी ई ओ सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पातालकोट के 12 गांव की जमीन जल जंगल सहित यहां के भारियाओ के नाम कर इसे देश का गोंडवाना लेंड घोषित किया है पातालकोट तीन हजार फुट नीचे गहरी खाई में 80 वर्ग किलोमीटर में फैला है पातालकोट से रामायण कालीन किवदंतियों भी जुड़ीं है कहा जाता है कि यही से रावण के भाई अहि रावण के पाताललोक जाने का रास्ता था छिन्दवाड़ा में वर्ल्ड बुक रिकार्ड टीम ने यह दूसरा प्रमाणपत्र दिया है इसके पूर्व बड़ी माता मंदिर समिति छोटा बाजार को कोरोना काल मे पीड़ित मानवता की सेवा के लिए वर्ल्ड बुक में दर्ज कर प्रमाणपत्र दिया गया था