यूपी के हाथरस में बाबा नारायण साकार का मौत का सत्संग, भगदड़ में 116 श्रद्धालुओं की मौत
मृतकों के परिजनों में हाहाकार, अस्पतालों में शवो का अंबार
♦Metro City Media –
उत्तरप्रदेश के हाथरस में मौत के सत्संग में 116 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। मंगलवार को यहां नारायण साकार हरि भोले बाबा का सत्संग था। जिसमे सवा लाख से ज्यादा श्रद्धालु जुटे थे। एक स्थान पर दौरान अचानक भगदड़ मच जाने से 116 श्रद्धालुओं की मौत ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। यू पी सरकार घटना की जांच कर रही है। हादसे में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। केंद्र और राज्य सरकार में मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 – 50 हजार की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। मौके यू पी सरकार के अधिकारी श्रद्धालुओ के लिए राहत कार्य मे लगे हैं। सैकड़ो घायलो का हाथरस सहित एटा, लखनऊ सहित आसपास के जिलों के अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना स्थल से लेकर अस्पतालों तक मृतकों के परिजनों में हाहाकार मचा हुआ है। अनेक परिजन अपनो को खोज रहे हैं। घटना स्थल से लेकर अस्पतालों तक कोहराम मचा हुआ है।
जानकारी के अनुसार यू पी के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद यह बड़ा हादसा हुआ है। भगदड़ का मुख्य कारण यह बताया गया कि सत्संग के बाद भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से को रोका गया था। इसी दौरान भगदड़ मच गई। जिसमे लोगो के पांव के नीचे दबकर और सांस ना मिल पाने की स्थिति में यहां इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ की जान चली गई। मृतकों महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, युवा और सेवादार भी शामिल हैं। भीड़ के विस्फोटक हालात सम्हालने वाला कोई नही था।
यू पी प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार बाबा नारायण सरकार हरि के सत्संग में यू पी ,पंजाब, मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा था। इस दौरान बाबा के चरण स्पर्श के लिए श्रद्धालु उमड़े इसी दौरान भगदड़ मच गई। भगदड़ मचने से 116 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अस्पताल के बाहर शवों का ढेर लग गया है। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं
हादसे के पीछे व्यवस्थापकों की गलती बताई जा रही है। दोपहर लगभग दो बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाज़े से निकाला जा रहा था। इससे अंदर की तरफ दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं बुधवार को हाथरस पहुंच रहे हैं। बताया गया कि बाबा हरि साकार कभी यू पी पुलिस में हवालदार थे। इसके बाद वे सत्संग करने लगे। पश्चिमी उत्तरप्रदेश में उनका खासा प्रभाव है। उनके सत्संग में लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते है। हाथरस के सत्संग में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे कि यह सत्संग अव्यवस्था के चलते मौत के सत्संग में बदल गया।
बाबा ना भगवान है ना ही कोई चमत्कारी दिव्य पुरुष ना भगवाधारी है ना ही कोई साधु संत वह तो सफेद शूट और टाई लगाकर प्रवचन करते हैं। अब यू पी सरकार इस बाबा की भी कुंडली बना रही है। यू पी पुलिस ने आयोजको सहित बाबा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। बाबा घटना के बाद से गायब है। इतनी बड़ी घटना के बाद वह अपने ही भक्तों से मिलने आया ना ही उन्हें देखने। अंध श्रद्धा के चलते धर्म के नाम पर भगवान के नाम पर जुटने वाली भीड़ बाबा को महान बना रही थी लेकिन मौत का यह मंजर अब भी सबक बनेगा या नही कुछ कहा नही जा सकता है।