Metro City Mediaक्राइमछिन्दवाड़ा

एस बी आई की कृषि शाखा छिन्दवाड़ा ने मर चुके किसान को दे दिया 2 लाख 75 हजार का कर्ज

74 हजार 665 रुपया ब्याज सहित बैंक ने पुत्र को भेजा वसूली का नोटिस

Metro City Media

कमलनाथ की सरकार ने भी भेजा था 2 लाख कर्ज माफी का पत्र फिर भी खाते में ही चढ़ी है रकम

छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –

जो किसान 2006 में मर चुका है स्टेट बैंक की कृषि शाखा छिन्दवाड़ा ने उसे वर्ष 2009 में 2 लाख 75 हजार का कर्जा दे दिया और बैंक ने अब 13 साल मय 74 हजार 665  ब्याज राशि सहित कर्ज चुकाने का नोटिस भेजा है बैंक का नोटिस किसान के घर गया तो उसका पुत्र हक्का – बक्का रह गया बोला पिताजी तो 2006 में चल बसे 2009 अर्थात मरने के तीन साल बाद कब कर्ज ले लिया ये तो थी बैंक की बात मध्यप्रदेश में 15 महीने रही कांग्रेस की सरकार में किसान कर्ज माफी का भी पत्र इस मर चुके किसान के घर पहुंचा था जिसमे 2 लाख का कर्ज माफ करने की बात लिखी है सवाल यह भी है कि जब सरकार ने कर्ज माफी कर दी तो फिर बैंक नोटिस किस बात का किन्तु यहां तो किसान ने कर्ज लिया ही नही औऱ उसके नाम पर 2 लाख 75 हजार का कर्ज चढ़ा दिया गया और अब 74 हजार 665 रुपया ब्याज भी चढ़ गया है और सरकार की 2 लाख की कर्ज माफी का भी अता – पता नही है

मामला छिन्दवाड़ा जिले की चौरई तहसील के ग्राम रामगढ़ के किसान अजय सिंह वर्मा का है बैंक का नोटिस मिलने पर किसान का पुत्र शम्भूदयाल वर्मा कलेक्ट्रेट पहुंचा था शंभु दयाल ने कलेक्टर के नाम दिए आवेदन में कहा कि पिता अजय सिंह वर्मा की 2006 में मौत हो चुकी है उनके नाम पर स्टेट बैंक की कृषि शाखा ने 2 लाख 75 हजार का कर्ज और 74 हजार 665 रुपया ब्याज़ जमा करने का नोटिस दिया है अब भला जो व्यक्ति 2006 में ही मर चुका है वह 2009 में कर्ज कैसे लेगा हमे सरकार का 2 लाख की कर्ज माफी का पत्र भी मिला था तब भी हमने जवाब भेजा था कि जब कर्ज लिया ही नही तो माफी किस बात की अब बैंक ने मार्च में हमे वसूली का नोटिस भेज दिया है

इस प्रकरण से लग रहा  है कि क्या बैंक में किसानो के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है और ऐसे कितने किसान है जिन्होंने कर्ज लिया ही नही लेकिन बैंक का रिकार्ड बता रहा है कि किसान कर्जदार है इसकी जांच होना चाहिए उन चेहरों को सामने लाना चाहिए जो किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं अकेला स्टेट बैंक नही बल्कि अन्य बैंकों के भी यह हाल है कि कर्ज वसूली का जब नोटिस निकलता है तब गड़बड़ी सामने आती है वो भी 5 – 10 साल बाद इसी तरह के घोटाले जिले का जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भी डूबा पड़ा है तो वो लोग हैं कौन जो किसानों के बैंक खाते और जमीनों के कागजात सहित फ़ोटो का उपयोग कर बैंक को चपत लगा रहे हैं यह भी एक बडी सच्चाई है कि किसान कर्ज ले न ले वह कर्जदार पैदा हो रहा है और कर्ज में ही मर रहा है  राष्ट्रीयकृत बैंक हो या प्राइवेट किसान कर्ज के रिकार्ड से भरे पड़े हैं इनकी सत्यता की परख कब होगी .?


Metro City Media

Metro City Media

Chhindwara MP State Digital News Channel & Advertiser Editor-Mukund Soni Contact-9424637011

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker