पांच साल में फ्लोर पर आया नगर निगम का सीवरेज प्रोजेक्ट, 225 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई, कोलाढाना में पम्पिंग स्टेशन और सर्रा में बनाया ट्रीटमेन्ट प्लांट
अब तक सात हजार घरों के जोड़े कनेक्शन, मार्च तक 40 हजार घरों को जोड़ने का लक्ष्य
मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा नगर को महानगर बनाने विकास की दिशा में आधारभूत विकास का नगर निगम का सबसे बड़ा सीवरेज प्रोजेक्ट किसी मेट्रो प्रोजेक्ट से कम नही है। पांच साल में अब यह प्रोजेक्ट फ्लोर पर आ गया है। ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू करने की तैयारी के साथ अगले तीन महीने मार्च 2023 में यह पूरा हो जाएगा। मार्च के बाद कम्पनी प्रोजेक्ट को नगर निगम को हैंड ओवर कर देगी। 2017 में प्रोजेक्ट की लागत 175 करोड़ थी जिसे अब बढ़ाकर 218 करोड़ किया जा चुका है। मध्यप्रदेश का अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन इसे बनवा रहा है। पुणे की लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कंस्ट्रक्शन एजेंसी है।
इस परियोजना में अब तक नगर में करीब 225 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के साथ ही 8 हजार से ज्यादा मेन होल 9 हजार से ज्यादा चेम्बर के साथ सर्रा में ट्रीटमेंट प्लांट और कोलाढाना में पम्पिंग स्टेशन भी बनाया जा चुका है। प्रोजेक्ट में टेक्निकल, मेकेनिकल और सिविल के कार्यो में अब तेजी के साथ घरों के कनेक्शन जोड़ने का कार्य चल रहा है। अब तक कंपनी करीब सात हजार घरेलू कनेक्शन कर चुकी है। मार्च के अंत तक नगर में करीब 40 हजार कनेक्शन का लक्ष्य है। मार्च 2023 तक की डेडलाइन में कंपनी कार्य कर रही है। कार्य को पूरा करने कंपनी ने मेन पावर 300 से बढ़ाकर 550 कर दिया गया है। इसमे घरेलू कनेक्शन के लिए ही करीब दो सौ लोगो की टीम शहर के वार्डो में लगाई गई है।
खास बात यह भी है कि अभी मार्च तक कंपनी स्वयं घरेलू कनेक्शन कर रही है। ये कनेक्शन ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू करने के लिए है। ताकि ट्रीटमेंट प्लांट का परीक्षण हो सके। प्रोजेक्ट हैंड ओवर होने जे बाद कनेक्शन की जवाबदारी नगर निगम की होगी तब 6 हजार के शुल्क के साथ निगम सीवरेज कनेक्शन देगा। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार छिन्दवाड़ा नगर में जुलाई 2017 से कंपनी ने कार्य शुरू किया था। इस दौरान दो साल का समय कोरोना संकट में निकल गया था। कंपनी ने पुनः कार्य शुरू कर दो साल में करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा कर प्रोजेक्ट को फ्लोर पर लाया है। कंपनी ने सर्रा में 22 एम एल डी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है। कोलाढाना में पम्पिंग स्टेशन भी बनाया जा चुका है।
अब प्रोजेक्ट में गुलाबरा , प्रियदर्शनी कालोनी, दीवानची पूरा सहित नरसिंहपुर नाका क्षेत्र में करीब 60 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के साथ ही घरेलू कनेक्शन कर पूरी बिछाई गई पाइप लाइन की टेस्टिंग भी शुरू की जा रही है। घरेलू कनेक्शन में घरों के सेप्टिक टैंक और बाथरूम के दो पाइप सीवर लाइन से जोड़े जाएंगे। इसके लिए घरों से सीवर लाइन चेम्बर तक पाइप लाइन डाली जाएगी और फिर घरों और टैंक का निकलने वाला पानी नाली में ना जाकर सीवर लाइन से चेम्बर और चेम्बर से पम्पिंग स्टेशन और फिर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचेगा। ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को तीन फिल्टर कर उपयोग के लायक बनाया जाएगा वही ठोस कचरे और सिल्ट से खाद बनाई जाएगी।
सीवरेज प्रोजेक्ट का उद्देश्य घर- घर के सेप्टी टैंक से प्रदूषित हो रहे भू- जल को रोकने के साथ ही नगर को नाला- नाली मुक्त करने का है ताकि छिन्दवाड़ा नगर भी स्वछता की श्रेणी में प्रदेश के महानगरों के साथ खड़ा हो सके। प्रोजेक्ट में नगर में 284 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के साथ ही 10 हजार से ज्यादा मेन होल, 16 हजार से ज्यादा चेम्बर के साथ ही 40 हजार घरों के कनेक्शन, पम्पिंग स्टेशन और ट्रीटमेंट प्लांट बनना था। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि छिन्दवाड़ा प्रोजेक्ट में करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। ट्रीटमेंट प्लांट और पम्पिंग स्टेशन भी तैयार कर लिए गए हैं। मार्च 2023 तक कार्य पूरा कर इसे नगर निगम के हैंडओवर कर दिया जाएगा। नगर निगम के कार्य पालन यंत्री ईश्वर चंदेली ने बताया कि कंपनी को मार्च 2023 तक कार्य पूरा करने के आदेश है।वर्तमान में घरेलू कनेक्शन के कार्य चल रहे हैं।करीब 15 हजार कनेक्शन होते ही ट्रीटमेंट प्लांट भी चालू कर दिया जाएगा।