तीन की जगह तीस हजार फीट पर कब्जा अन्जुमन मार्केट के लिए जांच दल गठित, जमीन सीमांकन और निर्माण की होगी जांच
जिला प्रशासन का नजूल और नगर निगम का लोक निर्माण विभाग करेगा जांच
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
अन्जुमन मार्केट में जमीन पर अवैध कब्जा और अवैध निर्माण के मामले में जिला प्रशासन ने दो जांच दल गठित किए हैं। एक जांच दल जिला प्रशासन और दूसरा नगर निगम का है। जिला प्रशासन का जांच दल इस बात की जांच करेगा कि नजूल ने अन्जुमन को कितनी जमीन दी थी और किस प्रयोजन के लिए दी थी। नगर निगम का जांच दल इस बात की जांच करेगा कि अन्जुमन ने भवन बनाने के लिए अनुमति मांगी थी फिर शॉपिंग काम्प्लेक्स कैसे बन गया।
ए डी एम के सी बोपचे और निगम कमिश्नर राहुल सिंह ने यह जांच दल गठित किया है। जिला प्रशासन के जांच दल में एस डी एम, तहसीलदार ,आर आई और पटवारी शामिल हैं जो नजूल से अन्जुमन कमेटी को आवंटित भूमि का सीमांकन करेंगे वहीं निगम के जांच दल में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर्स शॉपिंग कॉम्लेक्स निर्माण में प्रस्तुत नक्शा , निर्माण क्षेत्रफल की जांच कर अवैध निर्माण को चिन्हित करेंगे। जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद यहां बुलडोजर चलाया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि दी गई जमीन के अतिरिक्त कब्जा हटाया जाएगा और अवैध निर्माण भी तोड़ा जाएगा।
नजूल ने अन्जुमन कमेटी को मुस्लिम सामुदायिक भवन बनाने के लिए जमीन दी थी लेकिन इसकी जगह कमेटी ने बिना अनुमति के तीन मंजिला शॉपिंग काम्प्लेक्स बना दिया है। वो भी बिना किसी अनुमति के और काम्प्लेक्स की एक – एक दुकानें लाखो रुपयों में बेच कर अन्जुमन ने लाखों नही करोड़ो कमाए और अब लोभ में कब्जे का दायरा बढ़ते ही जा रहा था।
रिकार्ड के अनुसार छिंदवाड़ा नजूल विभाग ने प्लॉट नंबर 5/2, 612, 712 अन्जुमन कमेटी के धार्मिक उपयोग के लिए मांगी गई जमीन के नजूल आवेदन पर भी विचार कर 12 हजार 290 वर्ग फिट जमीन अंजुमन कमेटी को दी थी। वर्तमान में यहां 8 हजार वर्ग फिट पर फीट पर मस्जिद बनी हुई है। 1200 स्क्वायर फीट पर आवासीय मकान बने हैं । करीब तीन हजार स्क्वायर फीट जमीन पर पूर्व में सेल टैक्स ऑफिस स्थित था। सेल टैक्स ऑफिस टूटने के बाद अंजुमन कमेटी ने नगर निगम में आवासीय भवन बनाने के लिए नक्शा पास के लिए आवेदन दिया था। जिस पर नगर निगम ने नजूल विभाग की एनओसी लिए बगैर आवासीय निर्माण की अनुमति दे दी थी। अंजुमन कमेटी ने यहां आवासीय भवन ना बनाते हुए तीन हजार वर्ग फिट की जगह 30 हजार वर्ग फिट पर तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स बना डाला है। इस काम्प्लेक्स की दुकानों को बेचकर कमेटी ने करोड़ो रूपये बनाए है और लोभ में अवैध निर्माण का दायरा बढ़ते ही जा रहा है।
इस मामले में हाई कोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट ने नगर निगम को 18 दिसंबर को आदेश पारित करते हुए अंजुमन कमेटी के निर्माण पर उचित और कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे । इसी के आधार पर 19 दिसंबर को नगर निगम ने अंजुमन कमेटी को नोटिस देकर अवैध शॉपिंग कंपलेक्स को स्वयं तोड़कर नजूल भूमि को रिक्त करने का आदेश दिया है। अन्जुमन कमेटी का प्रशमन संबंधी आवेदन नगर निगम ने निरस्त कर दिया है। याचिका कर्ता संतोष राय ने बताया कि शासन के नियम अनुसार वैध निर्माण कार्य के 30 प्रतिशत अतिरिक्त कार्य की ही कंपाउंडिंग योजना के तहत शमन शुल्क लेकर उसकी वैध किया जा सकता है। अंजुमन शॉपिंग कॉम्पलेक्स पूर्ण तरीके से अवैध है और इसमें शमन शुल्क लेकर अवैध किए जाने का नियम लागू नहीं होता है। वही कमेटी सदर रूमी पटेल निशासिद्दीन का कहना है कि इस मामले में कमेटी हाई कोर्ट और नगर निगम प्रशासन के समक्ष अपना पक्ष रख चुकी है। किंतु अब मामले ने करवट ले ली है यह मामला सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और अवैध निर्माण का है। जिसको लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम का जांच दल वास्तविक जांच करेगा।
अन्जुमन मामले में नगर निगम में करवाई पहले से प्रचलित थी। कोरोना काल के पहले तत्कालीन कमिश्नर इच्छित गढ़पाले ने नोटिस देकर बन रहे शॉपिंग काम्प्लेक्स का निर्माण रुकवा दिया था फिर किसकी अनुमति से इसका निर्माण पुनः शुरू हुआ था। इस बड़े मामले में यह भी जांच और कार्रवाई का विषय है। यह मामला छोटा – मोटा नही बल्कि आज की मार्केट वेल्यू में करोड़ो का है।
बताया यह भी गया है कि अन्जुमन कमेटी के सदस्यों ने वर्षो पहले सांसद कमलनाथ से मुस्लिम सामुदायिक भवन बनवाने की मांग की थी तब सांसद ने सांसद निधि से 10 लाख की राशि दी थी। तब कमेटी ने सेल टेक्स आफिस की जगह पर भवन बनाने का फैसला लिया था और जिला प्रशासन ने ही सेल टेक्स ऑफिस खाली करवाया था। इसके बाद कमेटी ने आफिस का भवन यह कहकर ही तुड़वाया था कि यहां मुस्लिम सामुदायिक भवन बनाया जाएगा। सामुदायिक भवन तो बना नही कमेटी ने अवैध शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाकर करोड़ो में बेचा और जो यहां पूर्व से काबिज थे उन्हें भी अतिक्रमण कारी करार देकर हटवा दिया था।