दुखद हादसा : छिन्दवाड़ा के बुधवारी बाजार में वैशाली साड़ी सेंटर के संचालक दो सगे भाइयों की दुकान में ही एक साथ मौत, जनरेटर चालू करने के दौरान लगा करंट
छोटे भाई को बचाने बड़ा भाई भी करंट की चपेट में आया

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा शहर के बुधवारी बाजार में वैशाली साड़ी सेंटर के संचालक दो सगे भाइयों की करंट लगने से दुकान में ही दर्दनाक मौत हो गई है। मंगलवार को करीब चार बजे बिजली गुल के दौरान दुकान में एक भाई जनरेटर चालू कर रहा था कि तभी उसे करंट लगा और वह जनरेटर में ही चिपक गया यह देख बड़ा भाई उसे बचाने दौड़ा और जैसे ही उसे पकड़ा तो वह भी करंट की चपेट में आ गया। पल भर में ही दुकान में ही दोनो भाइयों की मौत हो गई। पड़ौसी दुकानदार कुछ समझ पाते इससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।
जानकारी के अनुसार बुधवारी बाज़ार में भारत रुई भंडार के सामने वाली लाइन में बच्चू भाई हार्डवेयर के सामने वैशाली साड़ी सेंटर में यह दुखद हादसा हुआ है। साड़ी सेंटर छिन्दवाड़ा के ही गुलाबरा क्षेत्र के निवासी घोगरे बंधु का है। मंगलवार को दोनो भाई मनोहर घोगरे और शंकर घोगरे दुकान पर थे। इस दौरान करीब चार बजे बारिश होने लगी तभी शहर की बिजली भी गुल हो गई। दुकान में अंधेरा होने पर शंकर घोगरे दुकान में ही रखा छोटा जनरेटर चालू करने लगा। जनरेटर के चालू होते ही उसे करंट लगा और वह जनरेटर में ही चिपक गया। यह देखकर मनोहर घोगरे उसे बचाने आया और पकड़कर खींचने की कोशिश में स्वयं भी करंट की चपेट में आ गया। कुछ देर में ही दोनो भाइयों की एक साथ दुकान में ही मौत हो गई।
इस दौरान पड़ोसी दुकानदार कुछ समझ पाते तब तक देर हो चुकी थी। चीख पुकार की आवाज पर पड़ौसी दुकानदारों ने लकड़ी की पटिया से जनरेटर को दूर किया। एम्बुलेंस और कोतवाली पुलिस को सूचना दी। तत्काल एम्बुलेंस ना आने पर दोनो भाइयों को ऑटो से जिला अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत बता दिया। इस दौरान दुकान के सामने भारी भीड़ जमा हो गई थी। बताया गया कि दोनो भी 55 – 52 साल उम्र के है। लंबे समय से साड़ी और कपड़ों का व्यापार कर रहे थे। उनके परिजनों को खबर की गई तब वे भी अस्पताल पहुंचे हैं। घोगरे परिवार पर अचानक ही एक नही दो – दो भाइयों की मौत का यह कहर टूट पड़ा है।
इस घटना को लेकर लोगों में विद्युत कंपनी के अधिकारियों के प्रति भी आक्रोश देखने को मिला है। जरा मौसम का मिजाज क्या बदलता है। हल्की बारिश में ही शहर की विद्युत आपूर्ति लड़खड़ा जाती है। बिजली जाती है तो घंटो नही आती और विद्युत कंपनी के कार्यालय फोन लगाने पर कोई फोन ही नही उठाता है। आपातकाल और शिकायत का जो नंबर है वह आउट ऑफ ऑर्डर ही बताते रहता है। आज ना बिजली गुल होती ना ही दोनो भाइयों की जान जाती। घटना से पूरे बाजार क्षेत्र में शोक है।