135 वां वर्ष- छिन्दवाड़ा के छोटा बाजार में 11 अक्टूम्बर से “रामलीला” का भव्य मंचन
रात्रि 9 बजे से 12. 30 तक 14 दिन प्रतिदिन क्रमवार प्रसंगों का होगा मंचन

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा की ” सांस्कृतिक” पहचान छोटा बाजार की “रामलीला” 11 अक्टूम्बर से शुरु होगी। 14 दिनों तक चलने वाली “रामलीला” में “भगवान राम” के जन्म से लेकर “रावण वध” और रामराज्य” तक के प्रसंगों का मंचन होगा। मण्डल 24 अक्टूम्बर को नगर के “दशहरा मैदान” में “रावण दहन” के साथ “विजया दशमी” का उत्सव भी मनाएगा। मण्डल ने “रामलीला” के मंचन की तैयारियां पूरी कर मंचन कार्यक्रम की घोषणा कर दी है।
रामलीला मंचन के लिए “कलाकार मण्डल” की “रिहर्सल” पिछले एक माह से “राम मंदिर” में चल रही थी । डिजिटल पार्ट की शूटिंग भी “भरतादेव” सहित अन्य स्थलों पर की गई हैं। यह आपको “रामलीला” मंचन के दौरान “मंच” पर “एल सी डी” पर्दे पर नजर आएगी। रामलीला का लोकल टी वी चेनल पर लाइव प्रसारण के साथ ही यु ट्यूब, फेसबुक,इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप चेनल पर भी प्रसारण किया जाएगा।
रामलीला मंचन का यह “श्री राम लीला मण्डल” का 135 वां वर्ष होगा। मण्डल ने “रामलीला” के मंचन में “लालटेन युग” से आज के “डिजिटल युग” तक का सफर तय किया है। रामलीला के मंचन का एक ही ध्येय रहता है कि आने वाली पीढ़ी “संनातन संस्कृति” को जाने “भगवान श्री राम” के चरित्र को “आत्मसात” कर अपना जीवन सफल बनाए। जीवन मे “धर्म” के महत्व को “स्थापित” करे।
रामलीला केवल वार्षिक आयोजन नहीं है। यह ” “संस्कृति” की वह धरोहर है।जिसे सहेजने और हर वर्ष नवरात्र के पहले से “दशहरा” तक प्रस्तुत करने के लिए “श्री रामलीला मण्डल” के सैकड़ो सदस्य निस्वार्थ भाव से “रामलीला” को “श्री राम यज्ञ” मानकर अपना समय ,श्रम , तन मन धन की “आहुति” देते हैं। यहां का डेढ़ सौ से ज्यादा सदस्यो वाला “कलाकार मंडल” निशुल्क” अभिनय कर रामलीला मंच पर “रामलीला” को जीवंत करता है।
रामलीला मण्डल के अध्यक्ष “अरविंद राजपूत” ने बताया कि 11 अक्टूम्बर से प्रतिदिन रात्रि 9 बजे से 12. 30 बजे तक रामलीला का मंचन होगा। मंचन के लिए “रामलीला मंच” के अतिरिक्त एक और मंच तैयार किया गया है। आधुनिक साज – सज्जा, पर्दे , ड्रेसअप, मेकअप , साउंड सिस्टम, के साथ ही कलाकारों का बेहतर अभिनय और सरंक्षक ,मार्गदर्शक और निर्देशक मण्डल के अनुभवों के साथ “कलाकार मण्डल” का “अभिनय” आपकी उपस्थिति और सहयोग “रामलीला” को नई गति और ऊर्जा देगा। मंच परिसर में “दर्शकों” के बैठने के लिए “कुर्सियों” की ” दर्शक दीर्घा” होगी। महिलाओं और बच्चो के बैठने के लिए भी दीर्घा में स्थान तय है। साथ ही “रामचरितमानस” और “रामायण” आधारित प्रश्नोत्तरी का क्रम भी प्रतिदिन “पुरुस्कारों” के साथ रहेगा।