फ्री होल्ड हो सकती है छिन्दवाड़ा के गांधी गंज क्षेत्र की 99 एकड़ लीज की जमीन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से क्षेत्रवासियों के साथ भोपाल पहुंचकर भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक साहू ने की मुलाकात
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
शहर के चार फाटक क्षेत्र सहित गांधी गंज की जमीन फ्री होल्ड हो सकती है। अर्थात यहां के लीजधारियो को लीजधारी से सीधे जमीन का मालिक बनाया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो फिर लीजधारियो को सालाना लीज रेंट देने की जरूरत नही पड़ेगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बड़ा आश्वासन क्षेत्रवासियों को दिया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष विवेक साहू बंटी ने इस दिशा में बड़े प्रयास किए हैं। इस मुद्दे को लेकर वे गांधी गंज के व्यापरियों को लेकर सीधे सी एम हाउस भोपाल पहुंच गए थे। यह मामला इतना पेचीदा था कि बिना सी एम के हस्तक्षेप के कुछ भी हो पाना संभव नही है।
क्षेत्र में करीब आठ साल का लीज रेंट बकाया है।यह रेंट इतना है कि लीजधारियो के सामने प्रॉपर्टी बेचकर रेंट चुकाने की स्थिति आ गई है। नगर निगम क्षेत्रवासियों को एक नही अनेक नोटिस दे चुका है। निगम के मुताबिक अकेले इस क्षेत्र में करोड़ो का लीज रेंट बकाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात के बाद क्षेत्रवासियों को राहत है कि अब उन्हें फ्री होल्ड मिल सकेगा यदि यह मामला केबिनेट में पास होता है तो फिर लीजधारी नगर निगम को केवल संपत्ति कर देने की स्थिति में रहेंगे।
गांधी गंज क्षेत्र 99 एकड़ क्षेत्रफल में है इस क्षेत्र में दो बड़े व्यावसायिक केंद्र गांधी गंज और शनिचरा बाजार के अलावा अब पूरा क्षेत्र ही व्यावसायिक है शहर के पांच वार्डो वाला यह बड़ा क्षेत्र है। यह क्षेत्र लीज की भूमि पर है। यहां लोगो को अंग्रेजो के जमाने मे काफी कम दर पर आवासीय लीज दी गई थी।
यहां दुकानों और मकानों के मालिक पहले नजूल को मात्र 50 पैसा प्रति वर्ग फुट की दर से आवासीय लीज रेंट देते रहे हैं किन्तु छिन्दवाड़ा नगर पालिका के नगर निगम बन जाने से जमीन की राजस्व वसूली नजूल से नगर निगम को हस्तांरित हो गई है। नगर निगम अब यहां मध्य प्रदेश शासन के अचल संपत्ति अधिनियम 2016 के मुताबिक लीज रेंट , भू – भाटक सहित अन्य शुल्क की वसूली का आधिपत्य रखता है। जिसको लेकर लीज धारियों को बार – बार नोटिस भी दिए जा रहे हैं ।
नियम में लीज धारियों को जमीन की कलेक्टर गाइड लाइन से तय वेल्यू का दो प्रतिशत सालाना लीज रेंट देना है । कलेक्टर गाइड लाइन में इस क्षेत्र में जमीन की कीमत सात से दस हजार रुपया प्रति वर्ग फुट तक है।इस आधार पर सालाना लीज रेंट भी लाखों में है। यहां एक – एक लीजधारी पर लाखों रुपया बकाया है। यहां लीजधारियो की संख्या 400 से ज्यादा है।
क्षेत्रवासी लीज रेंट ना देकर क्षेत्र की 99 एकड़ जमीन पर फ्री होल्ड चाहते हैं जिसको लेकर कुछ अलग राजनीति ही इस क्षेत्र में उस कदर हावी है कि जो लीज रेंट माफ कराएगा वही क्षेत्र का नेता होगा और जनता उसके साथ होगी।
यह मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ , सांसद नकुलनाथ, प्रभारी मंत्री कमल पटेल से लेकर नगरीय प्रशासन मंन्त्री भूपेंद्र सिंह के समक्ष रखा जा चुका था । मंत्रियों ने फ्री होल्ड का आस्वासन दिया था किन्तु स्थिति जस की तस बनी हुई थी । अब विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू होते ही यह मामला फिर गरमा रहा था। हाल ही में क्षेत्र के कांग्रेसी इस मामले को लेकर छिन्दवाड़ा दौरे पर आए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और साँसद नकुलनाथ के पास भी गए थे वही क्षेत्र के पार्षद बलराम साहू ने यह मामला भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू के समक्ष रखा। यह मामला केवल सी एम लेवल पर ही हल हो सकता है ऐसे में भाजपा जिला अध्यक्ष ने भी देर नही लगाई और यह मामला भोपाल पहुंचकर सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रख दिया है।भाजपा सरकार अभी समय रहते निर्णय लेकर क्षेत्र वासियो को बड़ी राहत दे सकती है।
यह है समस्या ..
छिन्दवाड़ा नगर पालिका ने वर्ष 1913 में शहरी क्षेत्र में वृद्धि के लिए चारफाटक से सिवनी रोड और नरसिंहपुर मार्ग क्षेत्र की 99 एकड़ भूमि पर लोगो को जमीन की लीज देकर यह क्षेत्र बसाया है । क्षेत्र में गांधीगंज बड़ा व्यावसायिक केंद्र बना पहले कृषि उपज मंडी भी यही थी जो अब कुसमेली शिफ्ट हो गई है। यहां व्यापारियों को आवास के साथ साथ व्यापार के लिये भूखण्ड उपयोग का अधिकार दिया गया था। अब इस क्षेत्र में गांधीगंज और शनिचरा बाजार व्यवसाय से विकसित है साथ ही इस क्षेत्र की 99 एकड़ भूमि में बड़ी संख्या में आबादी निवासरत है। कुछ क्षेत्रों में आर्थिक रूप से मध्यम एवं गरीब वर्ग भी जीविका उपार्जन के लिए छोटे छोटे व्यवसाय कर रहे है। पूर्व में लीजधारियों व्दारा नगरीय निकाय छिंदवाड़ा को शासन व्दारा निर्धारित शुल्कों का भुगतान समय – समय पर किया जाता रहा है। मध्यप्रदेश शासन के 24 फरवरी 2016 को राजपत्र में प्रकाशित म.प्र. नगर पालिका अचल संपत्ति नियम 2016 में नगर निगम के स्वामित्व की भूमि के प्रीमियम एवं लीज रेट एवं अन्य शुल्कों में की गई अत्याधिक बढोत्तरी से शहर की बड़ी आबादी इससे प्रभावित है। इस नए नियम में क्षेत्र के साधारण परिवार यह शुल्क अदा ही नहीं कर पायेंगे। इस अधिनियम के लागू होने के पूर्व जहां लीज आवासीय पर आवंटित भूमि का भू आटक 50 पैसे प्रति वर्गफुट निर्धारित था। इस अधिनियम के आने के बाद भू – भाटक लगभग 160 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
केबिनेट में रखना होगा मामला..
नये नियम के अनुसार व्यवसायिक उपयोग पर कलेक्टर गाइड लाइन से तय जमीन की कीमत का दो परसेंट लीज किरााया लगने लगा है। जो अत्यधिक है। क्षेत्रवासियों को मांग है कि अंग्रेजों आने से चली आ रही लीज व्यवस्था को समाप्त कर क्षेत्र को फ्री होल्ड किया जावे जो मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बिना संभव नही है। प्रदेश शासन के म.प्र. नगर पालिक अचल संपत्ति अंतरण नियम 2016 में संशोधन कराकर बढ़ाई गई दरों को कम करने एवं संशोधित आदेश को पूर्वनिर्णय वर्ष 2016 से लागू करने से ही क्षेत्र वासियो को लीज रेंट के भारी भरकम बोझ से मुक्ति मिल सकती है जमीन को फ्री होल्ड कर पूर्ण स्वामित्व भी केवल मंत्रिपरिषद ही दे सकती है।