छिन्दवाड़ा सिटी की कालोनियों में बिक गई सड़क, बगीचा और नाले की जमीन
शिकायतों के बाद भी कार्रवाई को तैयार नही प्रशासन

छिन्दवाड़ा शहर के खजरी रोड स्थित होटल देव इंटरनेशनल के पीछे शिक्षक कालोनी पार्ट- 2 में कालोनी की सड़क और बगीचा की जमीन के साथ ही सरकारी नाला की जमीन तक बिक गई है। जिस पर कोलनाइजर का कोई हक नही है। प्रशासन कालोनी के बाशिंदों की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नही कर रहा है। यह हाल शहर में किसी एक का नही बल्कि हर कालोनी का है। सवाल यह है कि जब कालोनी में सार्वजनिक उपयोग की जमीन को बेचने की अनुमति प्रशासन भी नही दे सकता है तो फिर कालोनियों में यह तमाशा क्यो मचा हुआ है।
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
सरकार ने भले ही अवैध कालोनियों को वैध करने का आदेश दिया हो लेकिन इस बात की इजाजत नही दी है कि कॉलोनाइजर कालोनी में सार्वजनिक उपयोग ,बगीचा और सड़क की जमीन भी बेच देवे। छिन्दवाड़ा शहर की कालोनियों में यही सब कुछ हो रहा है।इस मामले में नगर निगम सहित जिला प्रशासन इस कदर तमाशबीन बना हुआ है कि शिकायत के बाद भी कार्रवाई के लिए तैयार नही दिखता है।
नगर नियोजन विभाग कालोनी का ले आऊट स्वीकृत करता है। नगर निगम भवन निर्माण की अनुमति का शुल्क लेता है जिला प्रशासन का राजस्व विभाग भू – भाटक वसूलता है लेकिन जब कालोनियों में यह सब कुछ हो रहा है तब तीनो विभाग के अधिकारी आंख मूंद लेते हैं।
कालोनी में जब सार्वजनिक उपयोग की खाली जमीन पर कब्जे की शिकायत मिलते ही कार्रवाई हो जाना चाहिए किन्तु यहां तो जमीन बिक रही है रजिस्ट्री हो रही है मकान निर्माण की अनुमति दे दी जा रही है तो सहज ही समझा जा सकता है कि प्रशासन में चल क्या रहा है। कालोनियां एक बड़ी समस्या है इनके विकास का बोझ भविष्य में नगर निगम पर आएगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
शहर में 164 से ज्यादा कालोनियां है जिनमे भू- खंड और मकान बेचे गए हैं। कालोनियों में सार्वजनिक उपयोग से लेकर पार्क और सड़क तक जमीनें भी बेच दी गई है तो क्या यह प्रशासन के लिए जवाबदारी नही है कि कॉलोनाइजरों ने अनुमतियों का पालन किया है ना ही अनुमति की शर्तों का।
ताजा मामला शहर के खजरी रोड पर होटल देव इंटरनेशनल के पीछे बनी शिक्षक कालोनी पार्ट- 2 का है। शिक्षक कालोनी पार्ट-1 खजरी में भी यही सब कुछ हो चुका है। यहां कॉलोनाइजर ने शिक्षक गृह निर्माण समीति के नाम से नजूल भूमि ब्लाक नंबर- 54 में 23 हजार 885 वर्ग फुट जमीन पर कालोनी काटकर भूखंड बेचे है। नगर नियोजन विभाग ने कालोनी को शर्तो के अधीन अनुमति दी है।
अनुमति की शर्तों में कहा गया है कि समीति यदि ले- आउट के अनुसार भूमि उपयोग विकास कार्य नही करती है तो स्वीकृति निरस्त कर दी जाएगी। कालोनी के ले- आउट में यहां से खजरी जाने के लिए 30 फुट चौड़ा भीतरी मार्ग बनाने के लिए जमीन छोड़ी गई है।इसके अलावा कालोनी के कार्नर पर बगीचा बनाने के लिए 5200 वर्ग फुट जमीन भी छोड़ी गई है।
कॉलोनाइजर यहाँ करीब 85 भू- खंड बेच चुका है जिस पर करीब 60 मकान बन चुके हैं और अन्य भू- खण्ड धारी मकान बना रहे हैं। अब कालोनी बस गई हैं तब कॉलोनाइजर ने यहां ना केवल 5200 वर्ग फिट पार्क के लिए छोड़ी गई जमीन बेच दी है बल्कि इस कालोनी से खजरी जाने वाले भीतरी मार्ग के लिए छोड़ी गई जमीन के अलावा पार्क से लगी सरकारी नाले की जमीन को भी बेच दिया है। यहां भी मकान बन रहे हैं। इस स्थिति में कालोनी में ना पार्क की जमीन बची है ना ही खजरी जाने वालों सड़क की और तो और यहां नाले की करीब 10 हजार वर्ग फिट जमीन भी अवैध कब्जे में जाकर कोलनाइजर के लिए व्यवसाय का हिस्सा बनकर बिक रही है।
कॉलोनाइजर एक्ट में कोलनाइजर को कालोनी में सड़क, सार्वजनिक उपयोग, सामुदायिक गतिवधि के लिए ले – आउट के अनुसार जमीन छोड़ना है किन्तु कालोनी के नाम पर भू- खंड बिकते ही कोलनाइजर इस छोड़ी गई जमीन को भी नही छोड़ रहा है।
इस कालोनी के वाशिंदे सामूहिक रूप से जिला प्रशासन और नगर निगम को शिकायत करने के साथ ही जंन सुनवाई में भी उपस्थित होकर कॉलोनाइजर की अवैध गतिविधि की शिकायत कर चुके हैं किंतु अब तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की है।खास बात यह है कि इस मामले में पटवारी, आर आई को सब कुछ मालूम है लेकिन वे कालोनी के वाशिंदों की जायज शिकायत को डर किनार कर कोलनाइजर के पाले में बैठे नजर आते हैं।