हार के बाद छिन्दवाड़ा भाजपा में बढ़ी कलह : चंद्रभान और बंटी की लड़ाई चरित्र हनन पर आई
सोशल मीडिया पोस्ट ने बड़ा दिया भाजपा की राजनीति का पारा, शिकायत लेकर भोपाल पहुंचे जिला अध्यक्ष

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा के भाजपा संगठन में “कलह” की बीमारी लाईलाज हो चली है। अब बात एक – दूसरे के चरित्र हनन से लेकर थाना और थाना से लेकर तोड़ – फोड़ तक पहुंच गई है। इस मामले में भाजपा के जिला अध्यक्ष को रिपोर्ट लिखाने थाना जाना पड़ रहा है। कहना पड़ रहा है कि चंद्रभान जी “तुम मुझे गोली मार दो”
दरअसल दो दिन पहले सोशल मीडिया पर चंद्रभान समर्थकों ने व्यक्तिगत तौर पर भाजपा जिला अध्यक्ष बंटी साहू के चरित्र हनन वाली पोस्ट डाली थी। जिसकी जांच की मांग को लेकर वे थाने गए थे। इस मामले में आरोप भी पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह पर लगाया कि सब उनके कहने पर ही हो रहा है किन्तु स्वयं चौधरी चंद्रभान का इस मामले में कहना है कि सोशल मीडिया पोस्ट से उनका कोई लेना देना नही है। जिन्होंने पोस्ट डाली है बंटी साहू का उनसे व्यक्तिगत झगड़ा है।
पूर्व मंन्त्री चौधरी चंद्रभान की माने तो पहले पोस्ट डालने वाले हैं नीतिराज रंघुवंशी। इनका अपनी ही पत्नी से विवाद है जिसको लेकर आरोप है कि विवाद को भाजपा जिला अध्यक्ष ने हवा दी। दूसरे है बलराम विश्वकर्मा इनका फर्नीचर का कारोबार है आरोप है कि भाजपा जिला अध्यक्ष ने इनके कारखाने पर रेड डलवाई थी। इसके बाद से तल्खी बढ़ गई थी। सीधी लड़ाई थी नही कोई आमने – सामने नही था पीठ पीछे वार चल रहे थे। अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया और विवाद बढ़ गया।
भाजपा जिला अध्यक्ष की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था। जिसके लपेटे में कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रभारी भी आ गए थे। अब खबर यह भी है कि भाजपा जिला अध्यक्ष के समर्थकों ने बीती रात लालबाग स्थित बलराम विश्वकर्मा के शो रूम में तोड़ – फोड़ कर दी। जिसकी रिपोर्ट बलराम विश्वकर्मा की पत्नी ने कोतवाली थाना में दर्ज कराई है। इधर भाजपा जिला अध्यक्ष अपनी शिकायत लेकर भोपाल भी पहुंचे गए हैं।
दरअसल यह लड़ाई लंबे समय से चल रही है कारण है भीतरघात। चंद्रभान का आरोप रहा है कि जब मैं चुनाव लड़ा तब बंटी साहू ने कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक सक्सेना के साथ मिलकर मुझे हराने के लिए भीतरघात किया था और बंटी साहू का आरोप है कि चौधरी चंद्रभान ने उनके चुनाव में भीतरघात किया है। इस मामले में दोनो तरफ से शिकायतों का अंबार प्रदेश संगठन के पास है। प्रदेश का संगठन ना कोई हल निकाल पाया ना ही ताल – मेल बनवा पाया परिणाम छिन्दवाड़ा में कांग्रेस का परचम कायम का कायम है। भाजपा पर ही प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।
छिन्दवाड़ा में भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश संगठन से बड़े – बड़े सर्जन आए मगर पार्टी संगठन की सर्जरी नही कर सके। ऐसे में विधानसभा चुनाव में पार्टी की ही सर्जरी हो गई है। वर्तमान में भाजपा छिन्दवाड़ा में जनसंघ के दौर में है जब जनसंघ का ना सांसद होता था ना ही विधायक। केंद्र और प्रदेश में सत्ता है तो सत्ता के दम पर छिन्दवाड़ा संगठन के नेता ही सत्ताधारी बने जा रहे हैं। जिससे संगठन पर वर्चस्व को लेकर भी अघोषित लड़ाई चल रही है। जिले में संगठन दो फाड़ है। अकेले छिन्दवाड़ा नही सातों विधानसभा में यही हाल है।
कलह बता रही है कि पार्टी यहां नगर निगम, जिला पंचायत और विधानसभा के बाद अब लोकसभा का चुनाव भी नही जीत सकती है। भाजपा की कलह ही वह कारण है जिसके चलते प्रदेश के सबसे बड़े जिले छिन्दवाड़ा में कांग्रेस का एक क्षत्र राज कायम है। कलह का यह सिलसिला कब बंन्द होगा। कौन इसका फैसला करेगा। यहां तो भाजपा में ऐसा कोई नेेेता भी नही है जो पूरे जिले का नेेेता हो सब अपने – अपने क्षेत्र का क्षत्रप बनने की ही दौड़ में लगे हैं। पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश के नेता तीन राज्यो में मिली बम्पर जीत के बाद अब छिन्दवाड़ा की चर्चा भी नही कर रहे हैं। ऐसे में छिन्दवाड़ा की सातों सीट में हार का पोस्टमार्टम भी पोस्ट ऑन ही है। पोस्टमार्टम हो भी जाए तो भला क्या होने वाला है जिन्हें टिकट नही दी वो तो पार्टी के किसी पद में है ना ही समीति में ना ही पार्टी ने उन्हें कोई जवाबदारी दे रखी है। संगठन में तो वे ही जवाबदार माने जाते हैं जिनके पास कोई जवाबदारी हो। यहां जवाबदार भी तालमेल बनाने को तैयार नही है परिणाम में शिकवा शिकायतों का दौर ही पार्टी में चला रहा आ रहा है। अब ऐसे नेता होंगे तो जनता का क्या खाक भला हो पाएगा।