छिन्दवाड़ा कलेक्ट्रेट में “रिश्वतखोरी” करते पकड़ाया बाबू, लोकायुक्त ने रंगे हाथों किया ट्रेप
जमीन खसरे की नकल निकालने मांगे थे 1700 रुपए
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा “कलेक्ट्रेट” में एक और बाबू रिश्वतखोरी करते पकड़ा गया हैं। गुरुवार को जबलपुर ” लोकायुक्त” ने “बाबू” को रिश्वत लेते रंगे हाथों “ट्रेप” किया है। इससे पहले भी लोकायुक्त ने “ट्राइबल” और ” ई- गवर्नेंस शाखा में “रिश्वतखोरों” को पकड़ा था। जिनके खिलाफ कोर्ट में प्रकरण चल रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कलेक्ट्रेट का “जनसमाधान केंद्र” जिसे “प्रतिलिपि शाखा” कहा जाता है। यहां जमीनों के पुराने रिकार्ड खसरा नक्शा डायवर्सन सहित अन्य कार्य होते हैं। शाखा में पदस्थ लिपिक बिना रिश्वत लिए कार्य नही करते हैं। यदि आवेदक लेन- देन ना करे तो उसका कार्य लटक जाता है। मजबूरी में आवेदक को यहां रकम ढीली करनी पड़ती है जबकि सरकारी शुल्क नाममात्र का निर्धारित है। गुरुवार को शाखा में सामान्य कामकाज चल रहा था कि एक आवेदक का इशारा मिलते ही यहां “लोकायुक” ने शाखा में घुसकर यहां के लिपिक ग्रेड -3 नीरज तिवारी को 1700 रुपए की नगद रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। नीरज से रकम बरामद कर उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधी अधीनियम में आपराधिक मामला कायम किया गया है।
लोकायुक्त टीम के डी एस पी कमल सोलंकी ने बताया कि छिन्दवाड़ा तामिया के आवेदक राजा गड़ेवाल की शिकायत पर टीम ट्रेस के लिए छिन्दवाड़ा आई थी और रिश्वत लेते हुए नीरज तिवारी को ट्रेप किया। लिपिक नीरज ने जमीन की नकल के लिए राजा गड़ेवाल से 1700 रुपए नगद मांगे थे। टीम में निरीक्षक भूपेंद्र दीवान सहित कुल पांच सदस्य शामिल थे।