छिन्दवाड़ा के सिमरिया धाम में बागेश्वर धाम सरकार का ट्रैफिक जाम मेला
सिद्ध हो गया सिमरिया स्थित सिध्देश्वर हनुमान धाम
मुकुन्द सोनी♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा के सिमरिया धाम में “हनुमंत कथा ” को लेकर बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का तीन दिन तक “आस्था” का ट्रैफिक जाम मेला लगा। छिन्दवाड़ा में इतना बड़ा मेला कभी लगा ना और किसी का लग सकता है। तीनो दिन लाखो की संख्या में श्रद्धालु बाबा बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन को पहुंचे।छिन्दवाड़ा के सिमरिया धाम में जुटी 5 से 8 लाख पब्लिक की इस सामूहिकता को सम्हालना प्रशासन के बस की बात नही थी। भीड़ को तो उसी ने ही सम्हाला है जिसके लिए वह जुटी थी।
बागेश्वर धाम सरकार के देश से लेकर विदेश तक अब तक अनेक “कथाएं”और “दरबार” लगा चुके हैं किंतु छिन्दवाड़ा की कथा और दरबार दोनो ही इस मामले में अनूठा है कि देश हो या विदेश छिन्दवाड़ा में लगा बागेश्वर धाम का मेला अब तक का सबसे बड़ा मेला था। यहाँ जितनी पब्लिक पंडाल में थी उसकी पांच गुना पंडाल से बाहर थी। ट्रैफिक जाम की स्थिति तो सिमरिया से 10 किलो मीटर दूर तक बनी हुई थी। इतना ही नही नागपुर मार्ग पर” शहनाई लॉन” जहां बागेश्वर धाम सरकार रुके थे वहां भी हजारों की संख्या में भक्त बागेश्वर धाम सरकार की एक “झलक” पाने घण्टो खड़े रहते थे।
भारत सनातन है और यह सनातन में ही सम्भव है कि “सिद्ध पुरुष” अपनी “सिद्धि’ से प्रसिद्धि पा सकता है। बागेश्वर धाम सरकार भगवान “हनुमान” की ” सिध्दि” के सिद्ध पुरुष है। इसको कोई प्रमाण की आवश्कता नही रह गई है। वे हजारो बार धाम की शक्तियों का प्रमाण दे चुके हैं। हनुमंत गुणगान से लेकर देश की सनातन परम्पराओ और हिन्दू राष्ट्र की आवाज को बुलंद कर बागेश्वर धाम सरकार पूरे देश मे चचित है।इस मुद्दे को सियासत दार भी कैश कराने के मौके से नही चूकते है लेकिन बागेश्वर धाम सरकार राजनीत से दूर है।
छिन्दवाड़ा में बागेश्वरधाम सरकार पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के सिमरिया हनुमान धाम के आमंत्रण पर आए थे। सांसद नकुलनाथ कथा के यजमान थे। यह बात अब राजनीतिक गलियारो में स्वयं कांग्रेस के लिए सवाल बन रही है कि जब कांग्रेस हिन्दू राष्ट्र की जगह धर्म निरपेक्षता के एजेंडे पर है तो फिर कांग्रेस नेताओ की बागेश्वर धाम सरकार से नजदीकी और कथा आयोजन के मायने क्या है।
तो इसका सीधा सा जवाब है कि केंद्र हो या राज्य के चुनाव सत्ता का रास्ता हिंदुत्व से होकर जाता है। बिना हिंदुत्व के कोई भी पार्टी सत्ता की सीढ़ी नही चढ़ सकती है। इस बात को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भली – भांति जानते हैं। वे मध्यप्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के दावेदार है और मध्यप्रदेश में उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। तब कमलनाथ भी वोट बैंक को साधने कोई मौका नही छोड़ना चाहते हैं।
भाजपा ने सत्ता की सीढ़ियां हिंदुत्व के एजंडे पर ही चढ़ी है। शायद इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बागेश्वर धाम सरकार की तीन दिवसीय कथा के सोमवार को समापन पर कहा कि मैं गर्व से कहता हूँ कि मैं हिन्दू हूँ। ऐसा उन्होंने पहली बार नही कहा है इसके पहले भी कई बार कहा है। उनके हिंदुत्व को इसी बात से समझ जा सकता है कि 10 साल पहले उन्होंने सिमरिया में हनुमान धाम बनवाया और हनुमान भक्त होने का गौरव भी हासिल किया है। इस नाते उन्होंने बागेश्वर धाम सरकार को पुनः छिन्दवाड़ा आने का न्यौता देकर विदा किया है। बागेश्वर धाम सरकार ने अगली बार सिमरिया धाम में सवा लाख हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन की बात कही है। इस आयोजन से कमलनाथ को सियासी फायदा निश्चित होगा ही साथ ही सांसद नकुलनाथ को भविष्य की राजनीति में मजबूत करेगा वही दूसरी बड़ी बात यह है कि सनातन परंपरा में जहां सिद्ध पुरुष और लाखो की भीड़ आए तो वह स्थान भी सिद्ध हो जाता है। इस मायने में कहा जा सकता है कि छिन्दवाड़ा का सिमरिया स्थित सिद्धेश्वर हनुमान धाम अब सिद्ध हो गया है। और बगेश्वरधाम सरकार ने इस धाम को सिमरिया वाले बालाजी हनुमान धाम नाम भी दिया है।