विशेष प्लेन से छिन्दवाड़ा आए बागेश्वर धाम सरकार , दर्शन को उमड़ा श्रद्धालुओ का सैलाब
सिमरिया धाम में 4 बजे से हनुमंत कथा , कल 12 बजे से दिव्य दरबार
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को दोपहर करीब 12 बजे छिन्दवाड़ा पहुंच गए हैं। इमलीखेड़ा हवाई पट्टी पर सांसद नकुलनाथ सहित समीति के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान हजारो की संख्या में भक्त मार्ग पर उनके दर्शन मात्र को आतुर थे। साधु जी सीताराम के जय घोष के साथ उनकी भव्य अगवानी की गई।
बागेश्वर धाम सरकार आज 4 बजे से सिमरिया हनुमान धाम में हनुमंत कथा करेंगे। उनकी कथा 7 अगस्त तक रोज 4 बजे से शाम 7 बजे तक होगी वही भक्तों के लिए दिव्य दरबार 6 अगस्त को दोपहर 12 बजे से कथा पंडाल में ही लगेगा।
बताया गया कि बागेश्वर धाम सरकार सिमरिया हनुमान मंदिर में दर्शन के बाद जामसावली हनुमान मंदिर सौसर जाएंगे और लौटकर सिमरिया हनुमान धाम कथा पंडाल में कथा करेंगे। नागपुर मार्ग पर ही शहनाई लॉन में सरकार सहित बागेश्वर धाम टीम के रुकने का इंतजाम किया गया है। यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने भी बागेश्वर धाम सरकार को सुरक्षा दी है।
आचार्य श्री के आगमन को लेकर छिन्दवाड़ा में भक्तों का रेला है। कल रात से ही हजारो की संख्या में भक्तों का पंडाल में पहुंचना शुरू हो गया था। उनकी कथा और दिव्य दरबार को लेकर ना केवल मध्यप्रदेश बल्कि महाराष्ट्र से भी हजारो की संख्या में श्रद्धालू लगातार छिन्दवाड़ा पहुंच रहे हैं।
सिमरिया में ढाई लाख वर्ग फिट में बाबा बागेश्वर का कथा पंडाल बनाया गया है। पंडाल में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओ के बैठने की व्यवस्था है। एक पृथक पंडाल में भंडारा की और करीब 30 एकड़ में पार्किंग की व्यवस्था भी बनाई गई है। यातायात सहित शांति और कानून व्यवस्था के लिए पुलिस अफसरों के साथ ही करीब एक हजार का पुलिस बल यहां तैनात किया गया है।
पूर्व सी एम कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के आमंत्रण पर बागेश्वर धाम सरकार पहली बार छिन्दवाड़ा आए हैं।कथा को लेकर 4 अगस्त को सिमरिया तक भव्य जल कलश यात्रा भी निकाली गई थी। जिसमें करीब 11 हजार महिलाए लाल और पीले वस्त्रों में सिर पर नर्मदा जल कलश धारण कर यात्रा में शामिल हुई।
बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के गड़ा में है जिसे अपनी हनुमंत सिद्धियों से आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भारत मे सनातन के सबसे बड़े केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है।वे अपनी कथा और दरबार से देश ही नही विदेश तक सनातन का झंडा बुलंद कर रहे हैं।देश मे सनातन की नई लहर के वे प्रवर्तक हैं।