तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य महाराज छिन्दवाड़ा के चौरई में 9 दिनों तक करेंगे श्री रामकथा
जन्म से है नेत्रहीन, बागेश्वर धाम सरकार के है गुरु

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22 भाषाओं के ज्ञानी , 80 ग्रंथो के है रचनाकार
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अयोध्या श्री राम मंदिर विवाद को सुलझाने में निभाई अहम भूमिका
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
बागेश्वर धाम सरकार के गुरु तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज 20 सितंबर से 28 सितंबर तक छिन्दवाड़ा जिले के चौरई नगर में 9 दिनों तक श्री राम कथा करेंगे। चौरई की श्री राम सेवा संकल्प समीति ने यह आयोजन किया है। आयोजन की भव्य तैयारियां चल रही है। अमरवाड़ा मार्ग पर भव्य कथा पंडाल तैयार किया जा रहा है। इस पंडाल में दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओ के बैठने के साथ ही वाहन पार्किंग की व्यवस्था बनाई जा रही है। पीठ के महंतों की देख- रेख में स्थल पर बड़े पैमाने पर व्यवस्था तय हो रही है।
स्वामी रामभद्राचार्य महाराज देश के ख्यातिलब्ध संत है। जन्म से दृष्टि विहीन होने के बावजूद भगवतशरण में उनकी लग्न ने उन्हें विद्वान बनाया है। रामभद्राचार्य महाराज पूर्वाश्रम नाम गिरिधर मिश्र चित्रकूट के रहने वाले है। एक प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू धर्मगुरु हैं। वे रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगदगुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर १९८८ ई से प्रतिष्ठित हैं।
जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज दो मास की आयु में नेत्र की ज्योति से रहित हो गए थे और तभी से प्रज्ञाचक्षु हैं। अध्ययन और रचना के लिए उन्होंने कभी भी ब्रेल लिपि का प्रयोग नहीं किया है। उन्होंने 80 ग्रंथो की रचना की हैं। 22 भाषाओं के ज्ञानी है। अयोध्या के राम मंदिर विवाद के दौरान अपनी दलीलों और प्रमाणों से उन्होंने न्यायधीशों को भी हतप्रभ कर दिया था। देश – विदेश में चर्चित बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उनके शिष्य है।
उन्होंने विश्व का पहला विकलांग विश्वविदयालय भी हरिद्वार में बनाया है। उन्हें संस्कृत व्याकरण, न्याय और वेदांत सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनके ज्ञान के लिए जाना जाता है । उन्हें भारत में तुलसीदास की तरह सबसे महान लेखकों में से एक माना जाता है। रामचरितमानस के एक महत्वपूर्ण संस्करण के संपादक हैं। वह रामायण और भागवत के महाज्ञाता है। भारत सरकार ने उन्हें पदम् विभूषण से सम्मानित किया है।
आयोजक स्वामी अजयरामदास ने बताया कि
श्रीराम संकल्प सेवा समिति ने महंतों की उपस्थिति में आज शनिवार को कथा स्थल पर विधिवत पूजन- अर्चन किया गया। गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य और मध्यप्रदेश व्यास पीठ संघ के अध्यक्ष आरविन्दाचार्य महाराज ने इस अवसर पर कथा स्थल की व्यवस्था देखी और समीति के सदस्यों से चर्चो की।
समीति के पुरुषोंत्तम तिवारी, विनोद जैन, नवीन जैन, मनोज जैन, पारस जैन ,अमित दुबे, अजय दुबे ने बताया कि रामटेक पीठाधीश्वर स्वामी अजय दास के प्रयासों का यह फल है कि देश के महान संत का छिन्दवाड़ा आगमन हो रहा है। उनके मुखारविंद से जिले वासियो को 9 दिनों तक श्री रामकथा श्रवण का यह अवसर मिला है। कथा में ना केवल छिन्दवाड़ा बल्कि मध्यप्रदेश सहित अनेक राज्यों से श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है।