छिन्दवाड़ा आबकारी को बड़ा झटका, पांढुर्ना जिले में चले गए 100 करोड़ के शराब ठेके
अब 87 शराब दुकान के साथ 200 करोड़ का रहा छिन्दवाड़ा का शराब ठेका

मुकुन्द सोनी♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
पांढुर्ना के नए जिला बनने से छिन्दवाड़ा को “आबकारी” ठेका में भी बड़ा “झटका” लग गया है। छिन्दवाड़ा जिले का करीब 100 करोड़ का ठेका अब “पांढुर्ना” जिले में चला गया है। छिन्दवाड़ा का ठेका अब करीब 200 करोड़ का बचा है। आबकारी राजस्व में छिन्दवाड़ा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर के बाद सबसे ज्यादा “राजस्व” देने वाला प्रदेश का “पांचवा जिला था। छिन्दवाड़ा जिले में 117 शराब दुकानें है। इनमे सबसे महंगे ठेके वाली सौसर और पांढुर्ना की 30 शराब दुकानें अब “पांढुर्ना” जिले के हवाले हो गई है।
पांढुर्ना में ” कलेक्टर- एस पी की नियुक्ति के बाद विभागवार “जिला अधिकारियों” की भी पदस्थापना होना था किंतु चुनावी ” आचार संहिता” के चलते फिलहाल मामला टल गया है। बताया गया कि आबकारी महकमे में सौसर- पांढुर्ना के लिए एक “निरीक्षक” कार्यरत थे अब वे ही “पांढुर्ना” जिले की 30 शराब दुकानों का करीब 100 करोड़ का ठेका की तय सरकारी व्यवस्था संभाल रहे हैं।
इस बार अहाते बंद करने के सरकार का निर्णय का सीधा असर शराब ठेके पर पड़ा है। आबकारी का राजस्व बीस प्रतिशत बढ़ने की जगह कम हो गया है। छिंदवाडा जिले में 40 समूह की 117 शराब दुकाने है। जारी वित्तीय वर्ष में इन दुकानों से 350 करोड़ का राजस्व संग्रहण का टारगेट था। किंतु अहाता बंन्द करने के निर्णय से “शराब ठेकेदारो” ने ही हाथ पीछे खींच लिए थे।शराब ठेका किसी तरह 300 करोड़ तक पहुंच पाया था। इसमे से भी अब 100 करोड़ का ठेका “पांढुर्ना” जिले में शिफ्ट हो गया है।
इनमे अब चार समूह की तीस शराब दुकानें “पांढुर्ना जिला के नाम होने के बाद जिले में 87 शराब दुकान का 200 करोड़ का ही ठेका छिन्दवाड़ा जिले में है।इस बार सरकार ने देशी- विदेशी मदिरा का चक्कर भी समाप्त कर दिया है। अब दुकान देशी हो या विदेशी “ठेकेदार” दोनो शराब बेच सकता है। ठेकेदार शराब दुकान के साथ “अहाता” नही चला सकता है ना ही दुकान के परिसर में “पीने- पिलाने” को प्रश्रय दे सकता है। शराब ठेकेदारों के लिए “अहाते “कमाई का बड़ा जरिया थे। अहाते ठेकेदारों को मालामाल कर रहे थे। अब खाली शराब बेचकर करोड़ो का रेवेन्यू जनरेट कर पाना संभव नही रहा है। इस वजह से जिले में ठेके की शराब का ही “अवैध” कारोबार” बढ़ रहा है। शराब ठेकेदार डिपो से शराब उठाकर अन्य स्थानों पर भी सप्लाय करने में लगे बताए जाते हैं।