भाजपा का मिशन छिन्दवाड़ा- “काल सेंटर”के बाद छिन्दवाड़ा के “सात” विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के “सात” हाईटेक कार्यालय
सौसर - पांढुर्ना के बाद छिन्दवाड़ा की "पांच" सीटों के लिए दूसरी सूची का इंतजार
मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
पिछले विधानसभा चुनाव में छिन्दवाड़ा की “सातों” विधानसभा सीट गंवा चुकी भाजपा अब दो माह बाद होने वाले”विधानसभा चुनाव” को लेकर छिन्दवाड़ा को हायर जोन बनाकर रणनीतिक कदम पर कदम बढ़ा रही है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को तो छिन्दवाड़ा की ” जवाबदेही” दे रखी है वही “जन संवाद” के लिए जिला मुख्यालय में 30 सीटर ” काल सेंटर” भी बना रखा है। अब पार्टी ने जिले के “सात” विधासनसभा क्षेत्रो में ” सात” हाईटेक कार्यालय भी शुरू किए हैं।
ये कार्यालय छिन्दवाड़ा, चौरई, सौसर, पांढुर्ना, अमरवाड़ा , जंन्नारदेव और पांढुर्ना विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय में खोले गए हैं। मंगलवार को पार्टी नेताओं ने इन कार्यालयों का विधि- विधान से पूजन- अर्चन कर श्री गणेश किया है। इन कार्यालयों से ना केवल विधानसभा बल्कि लोकसभा के चुनाव का भी संचालन होगा।
पार्टी छिन्दवाड़ा में “लोकसभा” प्रत्याशी को लेकर ” “सर्वे” के साथ “मंथन” में है वही विधानसभा के लिए सात में से दो सीट के उम्मीदवार घोषित कर चुकी है “पांढुर्ना” से प्रकाश उइके और “सौसर” से नाना मोहोड़ के बाद “पांच” सीटों छिन्दवाड़ा , चौरई, अमरवाड़ा, परासिया और जुन्नारदेव के लिए भी दूसरी सूची में घोषणा की संभावना है।
चुनाव को लेकर छिन्दवाड़ा राजनीतिक उठापटक का बड़ा सेंटर बना हुआ है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिन्दवाड़ा में ना केवल बड़ी “जनसभा” की बल्कि छिन्दवाड़ा को “हनुमान लोक” और ” पांढुर्ना” को जिला बनाने की बड़ी सौगात भी दी है। मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता “कैलाश विजयवर्गीय” और केंद्रीय मंत्री ” प्रहलाद पटेल” भी दौरा कर चुके हैं। इतना ही नही महाराष्ट्र के सात विधायक भी यहां सात विधानसभा क्षेत्रों में सात दिनों तक रहे और चुनाव को लेकर अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौपी है।
रिपोर्ट के आधार पर पार्टी “डेमेज कंट्रोल” से लेकर चूनावी प्रबन्धन सहित केवल और केवल जीतने वाले चेहरे पर ही “दांव” की रणनीति पर लग रही है। माना जा रहा है कि प्रत्याशी चयन के मामले में पार्टी “पांढुर्ना” की तरह ही कुछ और सीटो पर “अप्रत्याशित” फैसला कर सकती है। चुनव के लिए जिताऊ चेहरे के साथ ही वोटो का “गणित” बड़ा फेक्टर है।
सौसर में कुनबी माली वोटो के गणित के आधार पर “नाना” को रिपीट किया गया है वही पांढुर्ना में “आदिवासी” सीट पर आदिवासी वोटो के गणित में इसी वर्ग के खासी राजनीतिक समझ और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले “प्रकाश उइके” को टिकट दिया गया है। भाजपा चुनाव से पहले ही “पांढुर्ना” को जिला बना रही है इस मायने में दोनो “उम्मीदवारों का चयन अब कार्यकर्ताओ को भी समझ आ गया है। शायद यही वजह है कि पार्टी लेवल पर उठे विरोध के स्वरों को तवज्जो नही दी गई बल्कि वोटरो के गणित को ” “तरजीह” देते हुए पार्टी ने फैसले लिए है।
अब बात अन्य पांच सीट की है तो छिन्दवाड़ा से पार्टी को नया जोश और कलेवर देने वाले जिला अध्यक्ष “विवेक बंटी साहू” का नाम तय माना जा रहा है। चौरई में भी रंघुवंशी और लोधी वोटो के गणित के आधार पर रमेश दुबे और चौधरी चन्द्रभान , एस सी वर्ग की परासिया में महिला उम्मीदवार का पेंच फंसने पर ज्योति डेहरिया और ताराचंद बावरिया, एस टी वर्ग की अमरवाड़ा में उत्तम ठाकुर; कामिनी शाह और जुन्नारदेव में नत्थन शाह – आशीष ठाकुर में से कोई एक तो है जिसका नाम दूसरी सूची में हो सकता है। पार्टी ने प्रत्याशी चयन को लेकर “क्राइटेरिया” बना रखा है अब देखना है नई चुनोतियाँ के बीच पार्टी छिन्दवाड़ा के “रण” में किन ” योद्धाओं” को मैदान में उतारती है।
पार्टी का वोटो का गणित छिन्दवाड़ा में “कांग्रेस” के लिए चुनोती बन रहा है। जनजातीय वर्ग के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की जंन कल्याणकारी योजनाओं के “हितग्राहियों” को साधकर भाजपा अपना ” वोट शेयर” बढ़ाकर लक्ष्य को हासिल करने की नीति में जुटी है। इसके लिए बूथ लेबल पर कार्य के साथ रिपोर्ट पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। पार्टी का जिला मुख्यालय स्थित “काल सेंटर” और सात विधानसभा क्षेत्रों के “सात” कार्यालय चुनावी प्रबन्धन का बड़ा ” हिस्सा” बनाए जाएंगे जिनमे चुनाव प्रबन्धन की ” हाईटेक” तकनीक में ” हाईटेक” प्रचार और हाईटेक कार्यप्रणाली भी होगी।