सिर पर गुंड रखकर छिन्दवाड़ा के खापामिठ्ठे गांव की महिलाओ का कलेक्ट्रेट में हल्ला बोल
गांव की नल - जल योजना बंद ,तीन किलोमीटर दूर से झंडा गांव से ला रहे पानी


छिन्दवाड़ा -छिन्दवाड़ा विकास को लेकर बड़े -,बड़े दावे वाला जिला है वास्तविकता क्या है यहां के गांवो के हालात बता देते हैं ज्यादा दूर नही शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर है खापा मिठ्ठे गांव जहां पानी नही है पानी के लिए ग्रामीण तीन किलोमीटर दूर रोज झंडा गांव जाते हैं यहां के नलकूप से पानी लाकर पीने सहित निस्तार के पानी की व्यवस्था बनाते हैं तीन महीने से गांव के ये हाल है व्यवस्था बनाने में फेल पंचायत और पी एच ई विभाग से आक्रोशित गांव की महिलाए मंगलवार को जन सुनवाई में कलेक्टर से गुहार लगाने कलेक्ट्रेट पहुंच गई और सिर पर गुंडी रख कर पानी दो पानी दो के नारे लगाए पानी केवल मूलभूत सुविधा ही नही शासन की अतिआवश्यक सेवा में शामिल हैं जिसके लिए लाखों नही करोड़ो भी नही अरबो का बजट खर्च किया जाता है बात केवल छिन्दवाड़ा जिले की ही कर ले तो अकेले जल जल जीवन मिशन में केंद्र की सरकार ने हर घर तक नल और पानी पहुंचाने के लिए आठ सौ करोड़ का बड़ा बजट एक साल पहले से दे रखा है फिर भी इसको क्रियान्वित करने वाला पी एच ई विभाग कुछ नही कर पा रहा है ना ही जिला प्रशासन और ना ही पंचायती राज ग्रामीणों की समस्या हल कर पाया है
मजदूरी करने जाएं या पानी लाने ..
ग्राम पंचायत रोहना खुर्द के गांव खापा मिठ्ठे में पिछले तीन महीनों से सरकारी नलकूप बन्द हो गया है जिससे गांव की नल -जल योजना ठप्प है पी एच ई ने लाखों रुपया खर्च कर यहां दूसरा नलकूप गाँव की पहाड़ी पर बना दिया है नलकूप में पानी तो नही निकला अब पानी लाने के लिए गांव वालों को रोज पानी -पानी होना पड़ रहा है करीब तीन हजार की आबादी वाले इस गांव की महिलाए मंगलवार को जिला मुख्यालय आई और सिर पर गुंडी रखकर प्रदर्शन किया ताकि प्रशासन उनकी पीड़ा को समझ आ सके महिलाओं का कहना था कि गाँव मे 80 प्रतिशत आबादी मजदूर वर्ग की है महिलाए भी मजदूरी करने जाती है ऐसे में पानी की समस्या से पानी का संकट तो है ही पानी की व्यवस्था बनाने में समय चले जाने से सैकड़ो ग्रामीणों की रोजी रोटी पर भी संकट आ गया है हम मजदूरी करने जाएं या पानी लाने …
कहते – कहते थक गए कलेक्टर ..
जल जीवन मिशन के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर छिन्दवाड़ा के पूर्व कलेक्टर सौरव सुमन पी एच ई के अधिकारियों को कहते – कहते थक गए कि गावो पर फ़ोकस करो परिणाम मूलक ढंग से कार्य करो लेकिन अधिकारी है कि अपने ढर्रे से बाहर आने को तैयार नही दिखते हैं यह तो छिन्दवाड़ा का मात्र 10 मील दूर का गांव है जहां ये हालात हैं अभी गर्मी की ऋतु आते – आते ऐसे गांवो की संख्या सैकड़ो में हो जाएगी और खुद पी एच ई विभाग फिर जल संकट निवारण के लिए अलग से करोड़ों का बजट मांगेगा सवाल यह है कि छिन्दवाड़ा में पानी के नाम पर बजट का ही खेल यू ही चलता रहेगा या वास्तविकता में जल जीवन मिशन का हर घर नल औऱ जल का मिशन पूरा हो पाएगा .? खापा मिठ्ठे गांव की समस्या को लेकर पी एच ई के ई ई मनोज बघेल ने कहा है कि खापा मिठ्ठे में नया बोर खनन किया गया था जो फेल हो गया है यहां दूसरा खनन करने की तैयारी की जा रही है