छिन्दवाड़ा खनिज विभाग को मिला उम्मीद से दुगना
12 की जगह 7 माह में ही जुटाए 100 करोड़
लगातार मॉनिटरिंग और कार्रवाई से रोकी राजस्व क्षति…
छिन्दवाड़ा-
11 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले छिन्दवाड़ा जिले में खनिजो का भंडार शासन के खजाने में करोड़ों की आय का बड़ा साधन है जिले में कोयला, रेत ,गिट्टी, मेगनीज, डोलोमाइट जैसे खनिज से सालाना 100 करोड़ का राजस्व मिलता है किंतु विभाग की दक्षता का ऐसा सकारात्मकपरिणाम मिला है कि यह लक्ष्य आने वाले मार्च माह से पांच माह पहले अक्टूबर में ही पूरा हो चुका है विभाग ने जिले में मुख्य और गौण खनिजो से वक्त से पांच माह पहले ही करीब 120 करोड़ का लक्ष्य पा लिया है जबकि यह लक्ष्य अक्टूबर माह तक 45 करोड़ सहित ग्रामीण अधोसंरचना में 12 करोड़ 80 लाख का था
छिन्दवाड़ा जिले में 11 ब्लाक है और विभाग के पास 11 निरीक्षक भी नही किन्तु जिला स्तर पर जिला खनिज अधिकारी मनीष पालेवार की लगातार मॉनिटरिंग और अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई में मात्र 5 निरीक्षकों के साथ स्वयं मोर्चा संभालने से न केवल अवैध उत्खनन पर लगाम लगी बल्कि शासन को होने वाली राजस्व क्षति को रोका जा सका है
कलेक्टर सौरव सुमन के आदेशों पर सख्त कार्रवाई में विभाग ने रेत खनन परिवहन और विशेष फोकस कर जिले भर में 40 जांच चौकियों बनाकर निगरानी का नया नेटवर्क बनाया है
विभाग ने रेत गिट्टी कोयला और मैगनीज खदानों की रायल्टी से यह लक्ष्य पाया वही अपने खदान क्षेत्र में भी बढ़ोत्तरी की है
सौसर क्षेत्र में डोलोमाइट..
खनिज विभाग ने सौसर क्षेत्र में सर्वे कराकर डोलोमाइट की दो नई खदाने शुरू कराई है वही डोलोमाइट के ही चार और नए ब्लाक भी नीलामी के लिए तैयार कराए हैं जिनकी जल्द नीलामी प्रक्रिया में है माना जा रहा है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विभाग का राजस्व 150 करोड़ के पार होगा और विभाग वन के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला बड़ा विभाग बन जाएगा अक्टूबर माह की समाप्ति पर ही विभाग निधारित राजस्व से दुगने की स्थित में है