Chhindwara Politics – कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना ने भी थामा भाजपा का दामन
छिन्दवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक है कमलनाथ, नही कर पाए डेमेज कंट्रोल

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
कांग्रेस को आज एक और बड़ा झटका लगा है। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अमित सक्सेना ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना सहित छिन्दवाड़ा ग्रामीण के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनके साथ मौजूद थे।अमित सक्सेना छिन्दवाड़ा ग्रामीण के बड़े नेता हैं। पूर्व मंत्री बैजनाथ सक्सेना के पुत्र है। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ही वे 20 हजार से ज्यादा वोटो से जीते थे।और दूसरी बार जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बने थे। कमलनाथ और नकुलनाथ के नजदीकी रहे हैं।
उनके भाजपा में शामिल होने से अब छिन्दवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस की राह मुश्किल हो गई है। बड़ी बात यह है कि छिन्दवाड़ा विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ स्वयं विधायक है। वे अपने विधानसभा क्षेत्र के नेताओ को ही नही संभाल पाए हैं। छिन्दवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के सात विधान सभा क्षेत्रो में सबसे ज्यादा टूट छिन्दवाड़ा में ही हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस में इस टूट की वजह भाजपा नही बल्कि सासद बनने के बाद नकुलनाथ का वह व्यवहार जो कांग्रेसियों को रास नही आया है। इसको लेकर पूर्व दीपक सक्सेना काफी कुछ बोल चुके हैं।
छिन्दवाड़ा विधानसभा से ही विधायक रहे कांग्रेस के दिग्गज पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के बाद जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अमित सक्सेना का भाजपा में शामिल होना बता रहा है कि पुत्र मोह में फंसे कमलनाथ भी डेमेज कंट्रोल करने की स्थिति में नही है। छिन्दवाड़ा विधानसभा से ना केवल पूर्व विधायक दीपक सक्सेना, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अमित सक्सेना बल्कि कांग्रेस कमेटी के तीन – तीन पूर्व नगर अध्यक्ष नरेश साहू, पंकज शुक्ला, नंदकिशोर सूर्यवंशी सहित नगर निगम महापौर विक्रम अहके और दर्जन भर पार्षद भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं। नरेश साहू और नंदकिशोर सूर्यवंशी तो कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष भी रहे हैं। यह कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी टूट है और उस विधानसभा से है जहाँ से कमलनाथ स्वयं विधायक है।
छिन्दवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 48 वार्डो का नगर निगम और 56 ग्राम पंचायतें सहित एक जनपद है। क्षेत्र में 311 मतदान केंद्र और 2 लाख 84 हजार मतदाता है। पिछला विधानसभा चुनाव कमलनाथ यहां करीब 36 हजार वोट से जीते हैं। पहली बार सांसद का चुनाव लड़े नकुलनाथ को यहां से 15 हजार वोट की लीड मिली थी। कहा जा रहा है कि अपने आपको मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने से कमलनाथ को सबने मिलकर भारी वोटो से जिताया था लेकिन वे इसे व्यक्तिगत लोकपतियता और उपलब्धि मानते हैं किसी को क्रेडिट दिया ना ही मौका। अब लोकसभा का यह चुनाव उनके लिए परीक्षा है कि भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के स्थानीय दिग्गजों के बिना छिन्दवाड़ा विधानसभा का स्कोर क्या रहता है। आने वाले स्कोर से ही साबित हो पाएगा कि क्या वास्तविकता में कमलनाथ – नकुलनाथ लोकप्रिय है या स्थानीय नेताओं के वजूद से वे सफल होते आए हैं।