महामहिम राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन में भेंट किया छिन्दवाड़ा के छींद का मुकुट
पातालकोट के भरियाओ को मिला राष्ट्रपति से मिलने का मौका

राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान और नया संसद भवन भी देखा
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा के पातालकोट में रहने वाली आदिवासी जनजाति “भारिया” ने राष्ट्रपति भवन में ना केवल राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात की बल्कि उन्हें उपहार में छिन्दवाड़ा के छींद से बना “मुकुट” भी भेंट किया है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने भारिया प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की । प्रतिनिधि मंडल मे शामिल प्रेमलाल दांडोलिया औरर रेखा भारती ने महामहिम राष्ट्रपति को विशेष भेट में छिन्दवाड़ा के छींद के वृक्ष की पत्तियों से तैयार मुकुट सहित पातालकोट की कंदराओं में पाए जाने वाली 24 तरह की दुर्लभ और विशिष्ट जड़ी-बूटी सहित मिलेट की खाद्य सामग्री भेंट की है। इसमे पातालकोट का प्राकृतिक शहद, अचार, चिरौंजी, गुल्ली, महुआ, बल्हर बीज, हर्रा, सवॉ, कुटकी और गुठली आम आदि शामिल है।
यह सब केंद्र सरकार के ट्राइबल मंत्रालय के आयोजित विशेष जनजाति सम्मेलन से संभव हो पाया है। इस सम्मेलन में मंत्रालय ने छिन्दवाड़ा के आदिवासी ब्लाक तामिया के ” पातालकोट” में रहने वाली भारिया जंन जाति को भी आमंत्रित किया था । आमंत्रण पर पातालकोट के 12 गांवो के 21 लोगो का चयन कर छिन्दवाड़ा के ट्राइबल सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम और मण्डल संयोजक रवि कनोजिया दिल्ली पहुंचे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए जनजातीय समूहों के सदस्यों के साथ बातचीत की। जनजातीय सदस्यो ने राष्ट्रपति के साथ राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान भी देखा। इस अवसर पर आदिवासी सांस्कृतिक नृत्य बिहार के मल पहाड़िया, गुजरात के सिद्दी, केरल के इरुला, राजस्थान के सहरिया, मध्य प्रदेश के बैगा परधौनी और ओडिशा के बुदीगली का भी प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रपति ने प्रत्येक पीवीटीजी समुदाय से एक पुरुष और एक महिला अतिथि को सम्मानित किया
समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट 2023-24 में प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की घोषणा की है। यह मिशन पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को बुनियादी सुविधाओं से भर देगा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन की बजट घोषणा का भी उल्लेख किया। उन्होंने पीवीटीजी के लिए शिक्षा पर भी जोर दिया। इस अवसर पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता और बिश्वेश्वर टुडू और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केंद्रीय ट्राइबल मंत्रालय ने दिल्ली के कर्तव्य पथ डा. भीम राव अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में पीवीटीजी मीट कार्यक्रम में देश के अलग – अलग जनजातीय समुदाय के समूहों ने अपने प्रचलित नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर जनजातीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश से बैगा समुदाय के द्वारा परधौनी नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई इसके साथ ही छिन्दवाड़ा पातालकोट के भारिया समुदाय ने समुदाय ने लोकगायन प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलाें से जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधी मंडल ने भी प्रतुतियां दी।
नया संसद भवन देखने का भी मिला मौका ..
दिल्ली पहुंचे भारिया मण्डल को दिल्ली में नया संसद भवन भी देखने का मौका मिला। संसद के सेंट्रल हाल में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने देश भर से आए जनजातीय प्रतिनिधियो का स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि आदिवासी समूहों, विशेष रूप से पीवीटीजी के जीवन का तरीका हमेशा प्रकृति के अनुरूप रहा है, और आधुनिक दुनिया को उनसे बहुत कुछ सीखना है। आने वाले वर्षों में संसद सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के बढ़ते प्रतिनिधित्व को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि भले ही पीवीटीजी समुदायों के लिए आगे कई संघर्ष थे, “उनके पीछे कई सदियों के ज्ञान के साथ”, वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे और “भारत के सर्वश्रेष्ठ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने विस्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही न केवल जीवन के सभी क्षेत्रों में बल्कि संसद में भी इस समूह से अधिक प्रतिनिधित्व देखेगा।
उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, असम, तेलंगाना, मणिपुर, झारखंड , मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों के विभिन्न जनजातीय समूहों और पीवीटीजी समुदायों के साथ बातचीत की।
लोक सभा अध्यक्ष ने आदिवासी समुदायों के मूल्यों की भी प्रशंसा की, जो उनकी जीवन शैली में सन्निहित है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने जनजातीय समूह विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये का पांच साल का बजट प्रावधान किया है।
उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में देश के स्वतंत्रता संग्राम में भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय महापुरुषों को भी नमन किया। साथ ही उन्होंने देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के द्वारा जनजातीय व विशिष्ट पिछड़ी जनजाति के समग्र विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समुदाय के समतामूलक विकास, सांस्कृतिक पहचान, उद्यमिता और आर्थिक संबल की क्षेत्र में किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यों की भी प्रशंसा की।
मध्यप्रदेश से विशेष जनजाति के शामिल हुए 14 मण्डल..
मध्यप्रदेश के विशेष जनजाति प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य, मध्यप्रदेश शासन डॉ. पल्लवी जैन गोविल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी दिल्ली पहुंचे थे। डॉ पल्लवी ने कहा कि यह आयोजन देश व मध्यप्रदेश के जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान को आगे बढ़ाने की दिशा में स्वर्णिम पहल थी। समारोह में मध्यप्रदेश के 14 विशिष्ट जनजाति बाहुल्य जिले छिन्दवाड़ा, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी और मंडला के जनजातीय बंधु शामिल हुए।