चैत्र नवरात्र पर 9 दिन छिन्दवाड़ा की सरिता मालवी निर्जल उपवास कर शरीर पर रखती है 9 दिन के अखंड ज्योत कलश
माथे पर ॐ की आकृति उभरने से है चर्चित ,माता संतोषी की है भक्त

छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
शक्ति उपासना के 9 दिवसीय पर्व चैत्र नवरात्र पर्व पर अपनी साधना से छिन्दवाड़ा के गांव बोहता इमलिया की एक महिला सरिता मालवी खासी चचित है मां भवानी की उन पर असीम कृपा है नवरात्र से पहले उनके माथे पर ॐ की आकृति उभरी है यह आकृति किसी ने बनाई नही बल्कि शरीर की कोशिकाओं से ही उभरी है उनके शरीर पर माथे में कोशिकाओं से यह आकार बना है ॐ प्रतीक है सृष्टि की उस ताकत का जिसने यह सृष्टि बनाई है ॐ में ब्रम्हा विष्णु महेश तीनो भगवान समाहित है भगवान ब्रम्हा सृष्टि के रचेयता है भगवान विष्णु पालक और भगवान महेश संहारक है सृष्टि में रचना ,पालन और संहार तीनो का क्रम हमेशा से चल रहा है और चलता रहेगा यही सत्य सनातन है ॐ आराधना का माध्यम है महिला के माथे पर ॐ की आकृति का उभरना महिला के साधक होने का प्रमाण है जो मानते नही सृष्टि उन्हें उदाहरणों से आभास कराती है सरिता के साथ यह पहली बार नही हुआ है पिछले चैत्र नवरात्र के पहले उनके हाथों पर भी इसी तरह ॐ की आकृति उभरी थी
इन दिनों चैत्र नवरात्र चल रहे हैं नवरात्र पर माँ भवानी की आराधना में 9 दिनों तक कलश रखने की परंपरा है 9 दिनों तक इन कलशों में अखंड ज्योत प्रज्वलित रहती है इमलिया बोहता के संतोषी माता मंदिर में यह उत्सव मनाया जा रहा है उत्सव में इस चमत्कारिक महिला सरिता मालवी ने 9 दिन का निर्जल उपवास रखा है वे उपवास में ना फलाहार लेंगी ना अन्न और ना पानी इतना ही नही सरिता मालवी ने अपने शरीर पर 9 घट कलश रखे हैं ऐसा वे पिछले पांच सालों से कर रही है यह 6 वां वर्ष है
सरिता मालवी के माथे पर जब ॐ की आकृति उभरी थी तब उन्होंने बताया था कि हर साल चैत्र नवरात्र के पहले उनके साथ ऐसा होता है फिर ये उभरी आकृतियां स्वयं ही चली भी जाती है महिला को देखने मन्दिर में रोज ही भक्तों का तांता लगा है
माता के भक्त शैलेन्द्र मालवी ने बताया कि सरिता मालवी को वर्ष 1998 में माता संतोषी की प्रेरणा हुई थी जब वे स्कूल में पढ़ती थी और मात्र 8 साल की थी यहां माता ने उन्हें दर्शन भी दिए थे औऱ चैत्र नवरात्र पर 9 ज्योति कलश रखने का आदेश भी जब अपने पिता को उन्होंने यह बात बताई तो पिता ने विस्वास ही नही किया तो वे नाराज होकर अपने चाचा के घर बादगांव चली गई थी जहाँ उन्होंने पहली बार चैत्र नवरात्र पर 9 ज्योति कलश रखकर माता की आराधना की इसके बाद दूसरे वर्ष भी यह क्रम जारी रहा तीसरे वर्ष सरिता मालवी ने सकरवाड़ा में कलश रखे यहां भी लगातार दो साल तक चैत्र नवरात्र पर कलश रखे पिछले नवरात्र से शहर छिन्दवाड़ा के बोहता में संतोषी माता मंदिर में कलश रख रही है