Chhindwada Politics – लोकसभा चुनाव से पहले छिन्दवाड़ा को लेकर खेला करेगी ही भाजपा, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दिए संकेत
जो नही आए वे आज नही तो कल भाजपा में आएंगे
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
मध्यप्रदेश की राजनीति में छिन्दवाड़ा को लेकर बड़ा खेला होना तय है। बुधवार को छिन्दवाड़ा आए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसके साफ संकेत दिए हैं।उन्होंने कहा कि जो आज नही आए हैं वे कल आएंगे यही सत्य है। बात मध्यप्रदेश के विकास की है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का साफ इशारा है कि ” कमलनाथ एपिसोड” अभी समाप्त नही हुआ है बल्कि “क्लाइमैक्स” अभी बाकी है। दरअसल छिन्दवाड़ा में गुटबाजी में उलझी भाजपा छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट निकाल नही सकती है जबकि इस बार भाजपा का टारगेट मध्यप्रदेश की 29 में 29 सीट का है। भाजपा मध्यप्रदेश की 28 सीट जीत चुकी है 29 वी सीट छिन्दवाड़ा ही है जिसे फतह करने के लिए उठापटक चल रही है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश लेकर छिन्दवाड़ा आए थे कि इस बार लोकसभा में छिन्दवाड़ा सीट हर हाल में चाहिए। चाहिए इसलिए भी की छिन्दवाड़ा में बहुत कुछ करना है। वर्तमान में छिन्दवाड़ा विकास के मामले में कांग्रेस – भाजपा दोनो से उपेक्षित है।। छिन्दवाड़ा में विजयी कांग्रेस जीतकर भी कुछ नही कर पा रही है और भाजपा अपने निवाचित सांसद – विधायक ना होने से कुछ कर पाए ऐसा लगता नही है।ऐसे में छिन्दवाड़ा का विकास आखिर कब तक थमा रहेगा। भाजपा तो गुटबाजी के फेर में नगरीय निकाय , जिला पंचायत से लेकर विधानसभा तक का चुनाव हार चुकी है। भाजपा ने यहां नई टीम पर भी भरोसा करके देख लिया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव जीतने का रास्ता क्या निकाला जाए। इसको लेकर ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का “एंटोनी प्लान” चर्चा में है।
एंटोनी प्लान में भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तो नही बल्कि उनके सांसद बेटे नकुलनाथ को भाजपा में लेकर पार्टी छिन्दवाड़ा से अपना उम्मीदवार बना सकती है। जब नकुलनाथ उम्मीदवार होंगे तब भाजपा की झोली में छिन्दवाड़ा भी आ जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और नकुलनाथ के लिए छिन्दवाड़ा सीट तो ऐसी है कि यदि वे निर्दलीय भी चुनाव लड़ ले तो छिन्दवाड़ा सीट निकाल सकते है।हालाकि इस प्लान में कितनी सच्चाई है कुछ कहा नही जा सकता है।किंतु छिन्दवाड़ा आए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बयान को लेकर सियासी गलियारे में यह बात जोर पकड़ने लगी है कि भाजपा में कमलनाथ को लेकर कुछ खिचड़ी पकी जरूर है जिसमे कंकड़ आने से भले ही फिलहाल मामला टल रहा हो पर भाजपा की छिन्दवाड़ा को लेकर बढ़ती बैचेनी बता रही है कि अब छिन्दवाड़ा उसके लिए जरूरी हो चला है। जिसे ऐसे ही नही छोड़ा जा सकता है और आज नही तो कल खेला होकर रहेगा।
सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस के सांसद नकुलनाथ भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि वे पहली बार सांसद बने और उनके ड्रीम प्रोजेक्ट सरकार जाने से उलझ गए हैं। कांग्रेस की केंद्र में सरकार ना राज्य में तब छिन्दवाड़ा के विकास का रास्ता क्या हो सकता है। ऐसे में ही यह खबर बाहर आई थी कि कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ नही बल्कि उनके पुत्र नकुलनाथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं जैसे केरल में तीन बार के मुख्यमंत्री और केंद्र में रक्षा मंन्त्री रह चुके कांग्रेस के दिग्गज ए के एंटोनी के पुत्र अनिल एंटोनी भाजपा में है। जबकि ए के एंटोनी कांग्रेस में बने हुए हैं। चुनावी राजनीति छोड़कर वे केवल पार्टी की नेशनल समितियों का कामकाज देखते है।